Vastu Tips : जान लें शिवलिंग पर जल चढ़ाने के ये आवश्यक नियम, वरना भगवान शिव हो सकते हैं नाराज
 

Vastu : अगर आप भी रोज सुबह उठकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. और उन पर रोज जल को अर्पित करते हैं तो आज हम आपको जल चढ़ने के कुछ ऐसे टिप्स या नियम बताने जा रहे हैं जो आपके लिए जानना बेहद ही जरूरी है नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं भगवान शिव को जल अर्पित करने के ये नियम।
 
 

Haryana News Post : Lord Shiva : हिंदू धर्म में शास्त्रों के अनुसार पूजा के कुछ नियम दिए गए हैं जिनके बिना आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है और आपके भगवान खुश नहीं होते हैं. अगर आप भी भगवान शिव की पूजा करते हैं और रोज उनको जल अर्पित करते हैं तो ये खबर आपक लिए जरूरी है.

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जैसा की आप जानते हैं आज साल का पहला सोमवार है और सभी भक्त आपने भगवानों की पूजा के लिए मंदिरों में जाएंगे. कल भी मंदिरों में भीड़ देखी गई. सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल का अर्पण किया जााता है लेकिन, ये जल अगर आप सही तरीके और नियम से अर्पित नहीं करते हैं तो आपके भोलेनाथ आपसे नाराज हो सकते हैं.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए कौन सा बर्तन इस्तेमाल होता है. जल चढ़ाते हुए किस दिशा में मुंह होना चाहिए और क्या मंत्र बोलना चाहिए. अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं.

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इस दिशा में रखें मुंह : जब भी आप भगवान शिव को जल का अर्पण करते हैं तो आपको पूर्व दिशा में मुंह कभी नहीं करना चाहिए क्योंकिख् इस दिशा को भगवान शिव का प्रवेश द्वार माना जाता है और अगर आप वहीं पर जल चढ़ा देंगे तो भगवान को आने जाने में परेशानी होगी और वो आपसे नाराज हो सकते हैं.

शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त आपका मुख उत्तर दिखा की ओर होना चाहिए. इस दिशा को भगवान शिव का बायां अंग कहा गया है, जो माता पार्वती को समर्पित है. इस दिशा में मुंह करके जल देने से माता पार्वती और भगवान शिव दोनों की कृपा प्राप्त होती है. 


इस बर्तन का करें इस्तेमाल : जब भी आप भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं तो आपको हमेशा ही तांबे का कलश लेना चाहिए. या फिर आप चांदी और कांसे के लोटे से भी जल को चढ़ा सकते हैं. भगवान शिव पर जल चढ़ाने के लिए स्टील का बर्तन इस्तेमाल न करें. वहीं तांबे के कलश में दूध से जल अर्पित न करें. ऐसा करना अशुभ होता है. 

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हमेशा बैठकर ही जल को चढ़ाएं : जब भी आप भगवान को जल का अर्पण करते हैं तो आपको हमेशा ही बैठ कर जल को अर्पित करना चाहिए. रुद्राभिषेक करते वक्त भी खड़े न रहें. पुराणों में कहा गया है कि अगर आप खड़े होकर जल चढ़ाते हैं तो वह भगवान शिव को समर्पित नहीं होता और ना ही उसका लाभ मिलता है. 


दाएं हाथ से करें जलाभिषेक : जल का अर्पण करते समय आपको हमेशा ही दाएं हाथ से ही करें. बाएं हाथ को दाएं हाथ से लगा लें और इसके साथ ही ओम नम: शिवाय का जाप करें. जल चढ़ाते वक्त जल की धारा पतली बहकर आए, इसलिए धीरे-धीरे भगवान को जल चढ़ाना चाहिए. 

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