Aaj Ka Panchang 22 March 2025: आज का पंचांग 22 मार्च 2025 को शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, जानें पूरी डिटेल्स
Dainik Panchang today in Hindi: 22 मार्च 2025 को शीतला अष्टमी व्रत है। आज का पंचांग: शुभ मुहूर्त में अभिजीत 12:08-12:56 pm, राहुकाल 09:00-10:30 am। शनिदेव पूजा, हनुमान चालीसा पाठ, तिल दान करें। चैत्र मास, कृष्ण पक्ष अष्टमी पर दिशा शूल पूर्व है। पूरी जानकारी हिंदी में पाएं।
Mar 21, 2025, 18:00 IST

Aaj Ka Panchang 22 March 2025 Dainik Panchang today in Hindi: शनिवार, 22 मार्च 2025 को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, इस दिन "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं। शनिदेव को खुश करने के लिए काले कुत्ते और गाय को रोटी खिलाना शुभ माना जाता है। साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। नीले रंग के कपड़े दान करना भी इस दिन लाभकारी रहेगा। आइए, 22 मार्च 2025 के पंचांग की पूरी जानकारी हिंदी में देखें।
Aaj Ka Panchang 22 March 2025: 22 मार्च 2025 का पंचांग
- संवत: पिङ्गला विक्रम संवत 2081
- माह: चैत्र, कृष्ण पक्ष
- तिथि: अष्टमी (चैत्र मास, कृष्ण पक्ष)
- पर्व: शीतला अष्टमी व्रत
- दिन: शनिवार
- सूर्योदय: सुबह 06:26 बजे
- सूर्यास्त: शाम 06:32 बजे
- नक्षत्र: मूल
- चंद्र राशि: धनु (स्वामी ग्रह: बृहस्पति)
- सूर्य राशि: मीन (स्वामी ग्रह: गुरु)
- करण: बालव (सुबह 04:59 तक), फिर कौलव
- योग: व्यतिपात (शाम 06:38 तक), फिर वरियान
शुभ मुहूर्त (22 मार्च 2025)
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:08 से 12:56 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:24 से 03:26 बजे तक
- गोधुली मुहूर्त: शाम 06:23 से 07:23 बजे तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:05 से 05:09 बजे तक
- अमृत काल: सुबह 06:03 से 07:46 बजे तक
- निशीथ काल: रात 11:42 से 12:26 बजे तक
- संध्या पूजन: शाम 06:28 से 07:02 बजे तक
अशुभ समय
- राहुकाल: सुबह 09:00 से 10:30 बजे तक (इस समय शुभ कार्यों से बचें)
- दिशा शूल: पूर्व दिशा (यात्रा से बचें; जरूरी हो तो एक दिन पहले प्रस्थान करें और पक्षियों को दाना डालें)
क्या करें?
चैत्र मास की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी का व्रत रखें। माता दुर्गा की भक्ति और शनिदेव की पूजा करें। तिल का दान करना शुभ रहेगा। भगवान विष्णु की उपासना और तुलसी अर्पित करने से विशेष फल मिलेगा। पीपल के पेड़ को जल दें और सात परिक्रमा करें। किसी शिव मंदिर में पीपल का पौधा लगाएं। हनुमान चालीसा को सात बार पढ़ें। शुक्र और शनि के बीज मंत्रों का जाप करें। श्री सुंदरकांड का पाठ भी लाभकारी होगा।
क्या न करें?
शनि ग्रह न्याय का प्रतीक है। इस दिन किसी के साथ अन्याय न करें, वरना शनि का प्रभाव बढ़ सकता है।
हमारे विशेषज्ञों द्वारा तैयार यह पंचांग आपकी दिनचर्या को शुभ और सफल बनाने में मदद करेगा।