Farmers Protest: हरियाणा के अंबाला और जींद में पुलिस फोर्स और किसानों में हुआ आमना-सामना

Farmers Protest Update : शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर किया अश्रु गैस का इस्तेमाल, किसानोें के घायल होने की जानकारी भी रिपोर्ट हुई , जींद में भी पुलिस और किसानों में संघर्ष। मामले ने सियासी रंग भी लिया, विपक्षी दलों कांग्रेस, आप, इनेलो  ने कहा कि वो किसानों के साथ हैं और सरकार किसानोें को बरगला रही। सोनीपत में सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई और दिल्ली व हरियाणा दोनों तरफ से आवागमन बंद किया। 
 

चंडीगढ़। Farmers Protest LIVE: किसानों द्वारा अपनी मांगो को लेकर 13 मार्च को  आंदोलन के चलते केंद्र सरकार और किसानों के बीच एक बार फिर से ठन गई है। केंद्र सरकार लगातार किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने से रोक रही है तो वहीं किसानों ने हाल में दिल्ली पहुंचने की ठान रखी है। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा सरकार ने मंगलवार को पंजाब व दिल्ली से सटे प्रदेश के इलाकों और जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी।

वहीं आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सत्ताधारी दल जहां कह रहे हैं विपक्ष किसानों को भड़का रहा है तो वहीं हरियाणा में विपक्षी दल ये हवाला देते हुए सरकार पर हमलावर हैं कि केंद्र सरकार किसानों को महज बरगला रही है।  

हरियाणा के जींद, बहादुरगढ़, रोहतक और अंबाला में कई जगह किसानों और सीआरपीएफ व पुलिस आमने सामने रहे । शंभू बॉर्डर पर किसानों और फोर्स में जबरदस्त संघर्ष हुआ। इसको लेकर पुलिस प्रवक्ता द्वारा साझा की जानकारी अनुसार किसानों ने पुलिस पर पथराव किया तो वहीं जवाबी कार्रवाई में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

जिस तरह से 13 फरवरी को प्रदेश में अलग जिलों में हालात बने, उनसे साफ है कि किसानों ने एक बार फिर से साल 2020 की तरह लंबी लड़ाई लड़ने की ठान ली है। वहीं आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार बेहद सधे तरीके से आगे बढ़ रही है और कोशिश है कि कोई ऐसा कदम न उठाने पड़े जिससे किसान उकसावे में आ जाएं और सत्ताधारी भाजपा को चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़े। 

शंभू बॉर्डर और जींद में पुलिस व किसानों के बीच झड़प

पंजाब और हरियाणा के बीच अंबाला से सटे शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस बलों में झड़प देखने को मिली। किसान बॉर्डर क्रॉस कर हरियाणा में दाखिल होना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उनको रोकने के लिए अश्रु गैस का इस्तेमाल और बल प्रयोग के दौरान किसानों के घायल होने की जानकारी भी सामने आई।

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किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की गई तो पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियों के इस्तेमाल से कई किसानों के घायल होने की जानकारी रिपोर्ट हुई। इसके अलावा पंजाब से लगते हरियाणा के जींद में भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

दिल्ली पटियाला नेशनल हाईव पर किसानों ने पुलिस द्वारा लगाई लोहे की कीलें उखाड़ दी और इसेक बाद पुलिन प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन से पानी की बोछार की। भारी संख्या में पंजाब के किसानों के पहुंचने के चलते दाता सिंह बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई।  

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर फ्लाईओवर के सेफ्टी बैरियर को तोड़ा दिया। वहीं मामले पर हरियाणा पुलिस की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा हरियाणा पुलिस पर पथराव किया गया स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा अश्रु गैस का इस्तेमाल किया गया। उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है, ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। 

हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंद, 15 जिलों में धारा 144 लागू 

आंदोलन को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। हरियाणा के 7 और राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट बंद है। 15 जिलों में धारा 144 लागू है। हरियाणा और दिल्ली का सिंघु-टीकरी बॉर्डर, यूपी से जुड़ा गाजीपुर बॉर्डर सील हैं।

दिल्ली में भी कड़ी बैरिकेडिंग है। यहां एक महीने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। भीड़ जुटने और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि फिलहाल जिस तरह के हालात हैं, उससे साफ है कि किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। 

कई जिलों में किसानों को हरियाणा से समर्थन मिलने की जानकारी रिपोर्ट हुई

धरना दे रहे पंजाब के किसानों को हरियाणा के कई जिलों से किसानों द्वारा समर्थन की जानकारी सामने आई। इसको देखते हुए चरखी दादरी जिले में डीसी मन्दीप कौर ने जिले में 7 ड्यूटी मैजिस्ट्रेट तैनात कर दिए ताकि किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर जाने से रोका जा सके। इसके अलावा दादरी व बाढड़ा एसडीएम को डीएसपी के साथ अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचने के दिए गए निर्देश देते हुए कहा गया कि कोई भी अधिकारी बिना अनुमति जिला मुख्यालय नहीं छोड़ेगा।

वहीं दूसरी तरफ तोशाम के खरकड़ी माखवान गांव में किसानों पर अश्रु गैस और पुलिस बल इस्तेमाल को निंदनीय बताते हुए किसानों का समर्थन करने की बात कही।  पंजाब के बाद हरियाणा के किसानों के दल की दिल्ली कूच के लिए रवाना होने की जानकारी सामने आई।

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पंजाब से सटे फतेहाबाद के रतिया इलाके से सैकड़ों की संख्या में दिल्ली कूच के लिए निकले पड़े। इसको देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए।  रतिया के अजीत सर गुरुद्वारा से किसान दिल्ली के लिए दल बल के साथ रवाना और शांति प्रिय तरीके से आंदोलन की बात कही। इसके अलावा रोहतक के किसानों ने भी पंजाब के किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि वो पंजाब से आ रहे किसानों के इंतजार में धरने पर बैठे हैं

झज्जर में 7 अस्थाई डिटेंशन सेंटर बनाए

झज्जर जिले में किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं और जिले में  पुलिस को अलर्ट मोड पर रखते हुए 7 जगह डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं। प्रशासन द्वारा जिले में पुलिस और पैरामिलिट्री की 11 कंपनियां तैनात कर रखी हैं ताकि किसी भी परिस्थिति से निपट सकें।

दिल्ली जाने वाला सेक्टर 9 वाला मोड पर रास्ता बंद कर दिया है और एसपी एसपी अर्पित जैन ने कहा कि किसी भी हालत में  कानून व्यवस्था किसी को खराब नही करने देंगे।वहीं पुलिस द्वारा बहादुरगढ़ में  सीमेंट बैरिकेड को मिलाकर पुलिस द्वारा दीवार में कंक्रीट भरवा दिया गया ताकि किसान दिल्ली की तरफ न  जा सकें।  इसके अलावा पैरामिलेट्री की कई कंपनियां हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर तैनात कर दी गई। 

बहादुरगढ में उधोगपतियों ने धरना शुरु किया 

किसान आंदोलन के विरोध में उद्योगपतियों ने श्रमिको के साथ ये कहते हुए धरना शुरु कर दिया है कि किसान आंदोलन के चलते राह अवरुद्ध होने के चलते उधोग धंधे बंद हो जाते हैं और इसके चलते उनको करोड़ों का नुकसान होता है। उधोगपतियों और फैक्ट्रियों में काम कर रहे श्रमिकों ने बहादुरगढ के सेक्टर 9 मोड़ के पास सड़क पर धरना दिया।

उन्होंने कहा कि वो बैंक से  लोन लेकर काम करते हैं और उनकी देनदारी भी है, उधोग बंद होने की स्थिति में वो देनदारी कैसे चुकाएंगे कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ इंडस्ट्रीज की तरफ से कहा गया कि किसान बहादुरगढ में आंदोलन न करें और किसानों से उनकी अपील है कि  फ्लेक्स और बैनर वगैरह  भी मैट्रो पिलरों पर लगाये।

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