Ashok Tanwar : कौन हैं अशोक तंवर, पहले काँग्रेस छोड़ी और अब आम आदमी पार्टी, भाजपा के अंबाला से हो सकते हैं उम्मीदवार 

Ashok Tanwar News : अशोक तंवर के भाजपा ज्वाइन करने की संभावनाएं बलवती हैं। पिछले दिनों उन्होंने सीएम मनोहर लाल से मुलाकात थी और इसके बाद से ही क्यास लगाए जा रहे हैं कि वो पार्टी छोड़ सकते हैं।  माना जा रहा है कि भाजपा उनको सिरसा सीट से मैदान में उतार सकती है।
 

अंबाला। सिरसा व अंबाला दो आरक्षित सीट हैं औऱ तंवर रिजर्व कैटेगरी से आते हैं। इसके अलावा सिरसा से उनको चुनावी रण में उतारने की ये भी वजह है कि वर्तमान भाजपा सांसद सुनीता दुग्गज के खिलाफ अंदरुनी तौर पर लोगों में रोष है। स्थानीय लोगों में लगातार ये स्वर उभर रहे हैें कि  सुनीता दुग्गज उनसे मिलने भी नहीं आई, काम तो बहुत दूर की बात है। तंवर का सिरसा में खुद का भी वोट बैंक है और वो यहां से मजबूत दावेदार हो सकते हैं। 

कौन हैं अशोक तंवर

डॉ. अशोक तंवर (का जन्म 12 फ़रवरी 1976 को हुआ) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, भारतीय युवा काँग्रेस और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष और सिरसा से सांसद और हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशा अध्यक्ष रहे हैं।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं 

अशोक तंवर को राहुल ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया था। 26 फरवरी 2021 को अशोक तंवर ने नई दिल्ली में अपनी नई पार्टी का गठन किया।

इस पार्टी का उन्होंने 'अपना भारत मोर्चा' नाम रखा था। हालांकि बाद में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। तृणमूल कांग्रेस ने अशोक तंवर को गोवा चुनाव की जिम्मेदारी दी थी। मगर पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा।

प्रारंभिक जीवन

उनका जन्म (दिल्ली) दिलबाग सिंह और कृष्णा राठी के घर हुआ। वे इतिहास से सम्बंधित पढाई करने के लिए जवाहर लाल नेहरू केंद्र विश्वविद्यालय गए और वहाँ उन्होंने एम.ए., एम.फिल.और पीएच.डी. (इतिहास) में किया। 2019 में जब अशोक तंवर ने कांग्रेस को अलविदा कहा था तब उन्होंने दावा किया था भाजपा ने उच्च पद की पेशकश की थी।

मगर उन्होंने किसी भी दल में जाने से साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद अपनी पार्टी का गठन किया। मगर यह ज्यादा दिन नहीं चल सकी। वहीं तंवर के दावे पर तब हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि भाजपा में उनके शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। सीएम ने तंवर के दावे को गलत बताया था।

राजनीतिक कैरियर

डॉ. अशोक तंवर ने अपने कैरियर की शुरुआत जेएनयू में एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता के रूप में की। वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के काफी करीबी रहे हैं।

अशोक तंवर ने एनएसयूआई के सचिव का पदभार 1999 में सम्भाला और वे 2003 में इसके अध्यक्ष बने। 2003 में उनके पदभार संभालने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनावों में दो बार लगातार जीत और वामपंथी दलों के वर्चस्व वाले जेएनयू में, एनएसयूआई के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार के बाद, तंवर ने अपने अध्यक्ष होने के कार्यकाल के दौरान एनएसयूआई में अधिक अनुशासन बरतने क़ी जरूरत पर जोर दिया है।

2009 के लोकसभा चुनाव में बनें सांसद

कौंग्रेस पार्टी के द्वारा उन्हें 2009 के लोक सभा चुनाव सिरसा और यह सीट उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आई एन एल डी के डॉ. सीता राम को 35499 मतों के अंतर से हरा कर जीती।

डॉ. अशोक तंवर हरियाणा में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, लेकिन उनकी ज्यादा दिनों तक कांग्रेस के साथ नहीं बनीं और उन्होने कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। हालांकि बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी।

निजी जीवन

जून 2005 में, अशोक तंवर का विवाह अवंतिका माकन से हुआ, जो की ललित माकन की बेटी हैं और भूतपूर्व भारत के राष्ट्रपति, डॉ. शंकर दयाल शर्मा उनके नाना हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है।

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