Rewari Tiger News today : रेवाड़ी में देखे गए ST 2303 Tiger की उम्र ढाई साल और 200 किलो वजन

ST 2303 Tiger News: राजस्थान के सरिस्का से तीन दिन पहले एक बाघ हरियाणा के रेवाड़ी में घुस आया था। एसटी टाइगर 2303 फिलहाल कहाँ है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। वन्य विभाग लगातार बाघ की खोज कर रहा है। 
 

रेवाड़ी। Rewari Tiger News today : रेवाड़ी में घुसे बाघ का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। वन्य विभाग के अनुसार बाघ की उम्र करीबन ढाई साल बताई जा रही है। ये दस फिट लंबा और करीबन 200 किलोग्राम के वजह का है। राजस्थान के सरिस्का से तीन दिन पहले एक बाघ हरियाणा के रेवाड़ी में घुस आया था।

तब से ही टीम बाघ के पैरों के निशान पर बाघ को सर्च कर रही है। रेवाड़ी जिले के साबी नदी बैराज के आसपास के गाँव भटसाना, खरखड़ा, नंदरामपुर बांस, निगानियावास गाँव के आसपास के इलाके में बाघ के पैर के निशान पाए गए थे। 

कम उम्र के कारण नहीं लगाया था ट्रेकिंग डिवाइस

बाघ की उम्र चार साल होने के बाद उस पर ट्रेकिंग डिवाइस लगाया जाता है। इस बाघ पर ऐसा डाइवस नहीं लगाया गया है, इसलिए टीम को ज्यादा दिक्कत आ रही है। बहराल, बाघ को काबू करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन बाघ काबू नहीं आ पाया है। पिछले रविवार दोपहर में बाघ भटसाना गाँव की ढ़ानी के खेतों में छिपा हुआ था।

जहाँ ग्रामीणों ने जैसे ही बाघ होने की सूचना दी। गाँव में तैनात रेसक्यू टीम भी मौके पर पहुँच गई। जैसे ही टीम बाघ के पास गई तो बाघ ने टीम पर हमला कर दिया। वन विभाग के रेवाड़ी रेंज ओफिसर संदीप यादव ने बताया कि घायल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके की एक वीडियो भी सामने आई है, जिसमें घायल कर्मचारी और ग्रामीण देखे जा सकते है। 

तेंदुए हुए हादसों का शिकार

बता दें कि   अरावली हिल्स का बड़ा हिस्सा कानूनी और शारीरिक रूप से असुरक्षित है, यहां कोई वन्यजीव क्रॉसिंग नहीं है और बहुत कम या कोई वन्यजीव संरक्षण कार्य नहीं है, जिसके परिणाम स्वरूप जनवरी 2015 से जनवरी 2019 के बीच 4 वर्षों में 11 से अधिक तेंदुओं की मौत हो गई।

साल 2019 में 4 तेंदुए गुरुग्राम में मारे गए  और 3 तेंदुए गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड़ और मंडावर में , 1 तेंदुआ कलेसर नेशनल पार्क के पास उत्तमवाला गांव में मारा गया। इसके बाद अक्टूबर 2020 में गुरुग्राम-फरीदाबाद मार्ग पर सड़क हादसे में एक नर तेंदुए की मौत हो गई।

जंगल से या रहे बाहर 

जानवरों के प्राकृतिक आश्रय जंगल में जानवरों के सामने प्राकृतिक भोजन की समस्या भी निरंतर पेश आ रही है। उनके प्राकृतिक आश्रय में प्राकृतिक भोजन और जल संसाधनों की उपलब्धता की कमी है। नतीजतन, तेंदुओं को जंगल से निकलना पड़ता है। कई जंगलों में तेंदुओं के लिए बहुत कम भोजन है, जिसने उन्हें शहरी और ग्रामीण आबादी के करीब आने के लिए मजबूर कर दिया है। 

ये भी पढ़ें Haryana News : हरियाणा में अवैध खनन, अतिक्रमण, भोजन-जल संसाधनों की कमी के चलते रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे तेंदुए और बाघ

ये भी पढ़ें Rewari Tiger Latest Update : इतने दिन सरिस्का टाइगर रिजर्व एसटी 2303 टाइगर कहाँ रहा, जानें अपडेट न्यूज