PayU ने 5 करोड़ से अधिक कार्ड किए टोकनाइज, जानिए क्या है टोकनाइजेशन
नई दिल्ली: PayU online payments: फिनटेक कंपनी PayU ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा है कि उसने अभी तक 5 करोड़ से अधिक कार्ड्स को सफलतापूर्वक टोकनाइज कर दिया है। पेयू ने दावा करते हुए कहा है कि "इसमें सभी डॉमेस्टिक ट्रांजेक्शन के 90% को टोकन करने की क्षमता है। क्योंकि यह भारत के सबसे बड़े पेमेंट नेटवर्क्स - Visa, Mastercard और RuPay के साथ है।
2002 में लॉन्च हुआ पेयू
पेयू को वर्ष 2002 में नीदरलैंड की एक कंपनी के द्वारा बनाया गया था। इसके बाद इसे भारत में लॉन्च किया गया। इसका उपयोग करके आप अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट अपने ग्राहकों द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। इसे भारत में लॉन्च करने के बाद इसका नाम Payu India रखा गया और तब से हम इसे payU payment gateway के नाम से जानते हैं।
टोकनाइजेशन करना अनिवार्य नहीं
टोकनाइजेशन सिस्टम का सबसे बड़ा मकसद है ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकना। अगर आप अपने कार्ड को टोकेनाइज नहीं करते हैं तो किसी भी शॉपिंग वेबसाइट या ऐप पर सेव आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड को हटा दिया जाएगा। हालांकि कार्ड टोकनाइजेशन करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह एक ही वेबसाइट या ऐप से बार-बार शॉपिंग या पेमेंट को आसान बनाता है। इसी कड़ी में PayU Token Hub एक अनूठा समाधान है जो एक ही हब के तहत नेटवर्क टोकन और जारीकर्ता टोकन दोनों की पेशकश करता है। डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ट्रांजेक्शन की तुलना में PayU द्वारा प्रोसेस किए गए टोकन ट्राजेंक्शन के लिए सफलता दर औसतन 6-7% अधिक है।
आरबीआई के नियम के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2022 के बाद कार्डहोल्डर्स की कार्ड डिटेल्स उसके बैंक या कार्ड जारी करने वाली संस्था/नेटवर्क के अलावा कोई और सेव नहीं कर सकता। 1 अक्टूबर से पहले ही यूजर को अपने कार्ड डिटेल्स को टोकन से रिप्लेस करना होगा। RBI की विस्तारित समय सीमा के अनुसार, केवल बैंकों और नेटवर्क को 30 सितंबर, 2022 से कस्टमर के कार्ड का डेटा कलेक्ट करने की अनुमति होगी।
व्यवसायों और उनके ग्राहकों की मदद करने के लिए तत्पर
पेयू पेमेंट्स के चीफ़ प्रोडक्ट ऑफिसर मानस मिश्रा ने कहा कि "उपलब्धि ग्राहकों की सुविधा से समझौता किए बिना व्यापारियों को सरकारी नियमों का पालन करने में मदद करने के लिए PayU की प्रतिबद्धता दर्शाती है। हमने देश के कुछ सबसे बड़े व्यापारियों को पहले ही इंटीग्रेट कर दिया है, और जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आती जा रही है, हम अधिक व्यवसायों और उनके ग्राहकों की मदद करने के लिए तत्पर हैं। Token Hub के साथ हम सरकार के डिजिटल इंडिया विजन की दिशा में काम कर रहे हैं। क्योंकि हमारा मानना है कि यह रेग्यूलेशन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को साइबर फ्रॉड्स और चोरी से सुरक्षित बनाकर डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।"
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