No Poaching Agreement: अंबानी और अडानी में नो-पोचिंग एग्रीमेंट, 4 लाख कर्मचारियों पर डालेगा असर

Adani Group News: नो-पोचिंग एग्रीमेंट दो या अधिक कंपनियों के बीच किया गया ऐसा समझौता होता है, जिसके तहत एक कंपनी में काम करने वाले को समझौते में शामिल दूसरी कंपनी में नौकरी नहीं मिलती है। या फिर नौकरी मिलती है, तो उनके पद, पैसा और सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है।
 

Business News in Hindi: भारत के दिग्गज उद्योगपतियों गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के बीच ऐसा एग्रीमेंट हुआ है जिसके तहत इनके कर्मचारियों को एक-दूसरे के यहां नौकरी नहीं मिलेगी। इस नए एग्रीमेंट का नाम है- नो-पोचिंग एग्रीमेंट।

नो-पोचिंग एग्रीमेंट दो या अधिक कंपनियों के बीच किया गया ऐसा समझौता होता है, जिसके तहत एक कंपनी में काम करने वाले को समझौते में शामिल दूसरी कंपनी में नौकरी नहीं मिलती है। या फिर नौकरी मिलती है, तो उनके पद, पैसा और सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है। एक रिपोर्ट में इस एग्रीमेंट का दावा किया गया है। ये एग्रीमेंट इस साल मई से लागू हो गया है जो कि गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के सभी व्यवसायों पर लागू होगा।

4 लाख कर्मचारी होंगे प्रभावित


यह एग्रीमेंट 4 लाख कर्मचारियों पर प्रभाव डालेगा। दरअसल, के बाद मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों में काम करने वाले 3.80 लाख से ज्यादा कर्मचारी अब अडाणी की कंपनी में काम नहीं कर पाएंगे। उधर, गौतम अडानी के नेतृत्व वाली कंपनी में काम करने वाले 23 हजार से ज्यादा कर्मचारी मुकेश अंबानी की किसी कंपनी में नौकरी नहीं कर पाएंगे।

यह एग्रीमेंट ऐसे समय में हुआ, जब अडाणी की कंपनी उस बिजनेस में उतर रही थी, जिसमें रिलायंस पहले से जमा हुआ है। अडाणी ने पिछले साल 'अडाणी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड' के साथ पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में एंट्री की है, इस व्यवसाय में रिलायंस पहले से ही बड़ी कंपनी है।


इतना ही नहीं, अडाणी ने हाई-स्पीड डेटा यानि कि इंटरनेट सेक्टर में भी 5ॠ स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है। इसमें भी रिलायंस देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है।


अत: एक-दूसरे के बिजनेस में उतरने के कारण दोनों के कर्मचारियों को अपनी कंपनी में ही बने रहने के लिए यह समझौता हुआ है। यदि ये समझौता नहीं होता तो दोनों के कर्मचारी जब चाहे एक-दूसरे की कंपनी में काम कर सकते थे जिससे दोनों के बिजनेस को भी नुकसान पहुंच सकता है और डेटा चोरी का भी खतरा बना रहता है।

कानून का दिया हवाला


इस रिपोर्ट में कानून का भी हवाला दिया गया है कि ऐसा कोई कानून नहीं है, जो 2 प्रतिद्वंद्वियों को ऐसे एग्रीमेंट करने से रोक सके। जब तक कि वे उस क्षेत्र में वर्चस्व न रखते हो। वहीं अडानी ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज का किसी भी क्षेत्र में संयुक्त आधार पर बाजार हिस्सेदारी में प्रभुत्व नहीं है।

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नो-पोचिंग एग्रीमेंट तेजी से हो रहा प्रचलित


बता दें कि नो-पोचिंग एग्रीमेंट भारत में बहुत पहले से एक प्रैक्टिस के रूप में रहा है। दरअसल, भारत में टैलेंट के लिए जंग तेज हो गई है और मजदूरी की लागत बढ़ रही है। इसलिए नो पोचिंग एग्रीमेंट भारत में तेजी से फैल रहा है। नो-पोचिंग एग्रीमेंट्स तब तक लीलग हैं, जब तक कि वे किसी व्यक्ति के रोजगार पाने के अधिकार को सीमित नहीं करते हैं।

2021 में अडानी ने रोज कमाए 1,612 करोड़ रुपए


भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी ने साल 2021 में हर दिन 1,612 करोड़ रुपये की कमाई की है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अध्ययन में गौतम अडानी और उनके परिवार की संपत्ति 10.94 खरब रुपये हो गई है, जो कि पिछले साल की तुलना में 15% अधिक है। वहीं फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग की दुनियाभर में अमीरों की सूची में दूसरे पायदान पर पहुंच चुके गौतम अडानी, IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट-2022 में टॉप पर रहे है। 

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