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IPO Allotment: इस तरह करें चेक शेयर मिला या नहीं, जानिए कैसे होती है आईपीओ की अलॉटमेंट

IPO Allotment: इस तरह करें चेक शेयर मिला या नहीं, जानिए कैसे होती है आईपीओ की अलॉटमेंट
IPO Alert: शेयरों के अलॉटमेंट का कारण बहुत ही साधारण है। जब कभी शेयरों की संख्या से ज्यादा आवेदन आते हैं तो इनका अलॉटमेंट होता है। जैसे कि यदि  एक ही शेयर के लिए 50 दावेदार आवेदन कर देते हैं। इसका मतलब इश्यू का 50 गुना सब्सक्राइब होना है तो ऐसी स्थिति में शेयर अलॉटमेंट के माध्यम से ही यह तय किया जाता है कि कितने शेयर किसे मिलेंगे और  किसे नहीं मिलेंगे।

Share Market IPO: आप आए दिन कंपनी के आईपीओ आने की खबरों के बारे में सुनते होंगे। इसी के साथ आईपीओ अलॉटमेंट, आईपीओ ओपनिंग, आईपीओ क्लोजिंग और आईपीओ लिस्टिंग जैसे टर्म के बारे में भी सुनते होंगे। ऐसे में कई सारे लोग आईपीओ अलॉटमेंट को लेकर अक्सर असमंजस में रहते हैं। इसमें बड़ा सवाल यह है कि आईपीओ की अलॉटमेंट होती क्या है। आईपीओ क्यों और कैसे अलॉट होता है। कैसे अलॉटमेंट को चेक किया जाता है।

शेयरों के अलॉटमेंट का कारण

शेयरों के अलॉटमेंट का कारण बहुत ही साधारण है। जब कभी शेयरों की संख्या से ज्यादा आवेदन आते हैं तो इनका अलॉटमेंट होता है। जैसे कि यदि  एक ही शेयर के लिए 50 दावेदार आवेदन कर देते हैं। इसका मतलब इश्यू का 50 गुना सब्सक्राइब होना है तो ऐसी स्थिति में शेयर अलॉटमेंट के माध्यम से ही यह तय किया जाता है कि कितने शेयर किसे मिलेंगे और  किसे नहीं मिलेंगे।

अलॉटमेंट के लिए क्या होता है कोटा

अगर कोई आईपीओ 90 फीसदी से कम सब्सक्राइब हो है तो उसे खारिज कर दिया जाता है।  ऐसे में आईपीओ दोबारा लाना पड़ता है। अलॉटमेंट के वास्ते रिटेल निवेशकों को न्यूनतम 35 फीसदी व नेशनल इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के लिए कम से कम 15 और क्वीलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर के लिए अधिकतम 50 फीसदी कोटा तय हो सकता है।

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इस तरह होती है अलॉटमेंट

आईपीओ के प्राइस बैंड में न्यूनतम प्राइस पर बोली लगाई जाती है। ओवर सब्सक्राइब की स्थिति में शेयर मिलने के चांस घट जाते हैं। अगर इश्यू मामूली ओवर सब्सक्राइब हो तो रिटेल निवेशकों को पहले तो सभी को एक-एक लॉट शेयर दे देते हैं। बाद में उनके कोटे के जितने शेयर बचे होते हें उन्हें उसी अनुपात में अलॉट कर किया जाता है, जिसमें लोगों ने उसे सब्सक्राइब किया होता है। अगर इश्यू बहुत अधिक सब्सक्राइब हो जाए, तो रिटेल निवेशकों के लिए कंप्यूटर के माध्यम से लकी ड्रॉ निकाल कर शेयर अलॉट होते हैं। माना कि इश्यू 50 गुना सब्सक्राइब हो जो तो ऐसी स्थिति में रिटेल निवेशकों को कंप्यूटर के जरिए लकी ड्रॉ निकाल कर शेयर अलॉट किया जाते हैं। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल और नेशनल इंस्टीट्यूशनल निवेशकों को हर स्थिति में आनुपातिक तरीके से शेयर अलॉट किए जाते हैं।  

खुद चेक करने के लिए सबसे पहले जाएं बीएसई की वेबसाइट पर

वैसे तो आपने जिस ब्रोकर से आईपीओ लिया हो, वह आपको अलॉटमेंट के बारे में बता देगा, लेकिन यदि किसी कारण जानकारी न मिले तो आप स्वयं चेक कर सकते हैं।  किसी आईपीओ के शेयरों के अलॉटमेंट की जानकारी के लिए सबसे पहले बीएसई की वेबसाइट पर जाएं। वहां पर इश्यू की लिस्ट में से आपको उस आईपीओ को चुनना होगा, जिसके शेयर का अलॉटमेंट  आपको चेक करना है। यहां आपसे पैन कार्ड नंबर पूछा जाएगा। पैन डालने के बाद सामने अलॉटमेंट की डिटेल्स आ जाएंगी। अलॉटमेंट पता करने का दूसरा तरीका यह है कि आपने जिस भी कंपनी का आईपीओ लिया है, उसका कोई रजिस्ट्रार होगा। आप उस रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर अलॉटमेंट की जानकारी ले सकते हैं।

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