Aaj Ka Rashifal: 14 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj Ka Rashifal: आज 14 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
कारोबार में वृद्धि के योग हैं। उचित निर्णय ले पाएंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। मार्गदर्शन व सहयोग मिलेगा। पारिवारिक जवाबदारी बढ़ सकती है। लाभ में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी। समय अनुकूल है। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी।
वृष
अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। बेकार बातों पर ध्यान न दें। आय बनी रहेगी। दौड़धूप अधिक होगी। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है।
मिथुन
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। व्यवसाय से संतोष नहीं होगा। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। थकान रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। काम में लापरवाही बड़ा नुकसान दे सकती है।
कर्क
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समय अनुकूल है। नए कार्य करने का मन बनेगा। उत्साह बना रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। पार्टनरों व भाइयों का सहयोग मिलेगा। जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।
सिंह
आत्मसम्मान बना रहेगा। नए काम करने का मन बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। दूर के अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। काम में मन लगेगा। जल्दबाजी न करें। जीवन सुखमय रहेगा।
कन्या
रोजगार प्राप्ति सुगमता से होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। नए उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। लाभ में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलता रहेगा। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा।
तुला
घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न करें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
वृश्चिक
लोग आप से अधिक अपेक्षा करेंगे। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण रखें। आय में निश्चितता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।
धनु
लाभ में वृद्धि होगी। वरिष्ठजन मार्गदर्शन व सहयोग करेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि में मन लगेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। यात्रा आनंददायक हो सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। उत्साह व प्रसन्नता बने रहेंगे। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रह सकती है।
मकर
पारिवारिक सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है, लाभ लें। प्रमाद न करें। यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लिया हुआ कर्ज समय पर चुका पाएंगे। थकान महसूस होगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जल्दबाजी न करें।
कुंभ
मान-सम्मान मिलेगा। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। योजना फलीभूत होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध हो सकते हैं। जीवन सुखमय रहेगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार संभव है। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
मीन
किसी मांगलिक कार्य में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।
दिनाँक:-14/02/2023, मंगलवार
अष्टमी, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि----------- अष्टमी 09:03:42 तक
पक्ष-------------------------- कृष्ण
नक्षत्र--------- अनुराधा 26:00:40
योग-------------- ध्रुव 12:24:14
करण-----------कौलव 09:03:42
करण----------- तैतुल 20:26:39
वार---------------------- मंगलवार
माह---------------------- फाल्गुन
चन्द्र राशि----------------- वृश्चिक
सूर्य राशि------------------- कुम्भ
रितु------------------------- वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत------------------ 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 06:58:48
सूर्यास्त---------------- 18:08:17
दिन काल------------- 11:09:28
रात्री काल------------- 12:49:43
चंद्रास्त---------------- 11:53:07
चंद्रोदय---------------- 26:12:39
लग्न---- कुम्भ 0°54' , 300°54'
सूर्य नक्षत्र------------------ धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र---------------- अनुराधा
नक्षत्र पाया------------------- रजत
पद, चरण
ना---- अनुराधा 08:30:04
नी---- अनुराधा 14:22:55
नू---- अनुराधा 20:13:07
ने---- अनुराधा 26:00:40
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 00 : 29 धनिष्ठा , 3 गु
चन्द्र =वृश्चिक 07°:23,अनुराधा , 1 ना
बुध =मकर 09 °: 34' उ o षा o' 4 जी
शुक्र=कुम्भ 28 °05, पू o भा o ' 3 दा
मंगल=वृषभ 19°30 ' रोहिणी' 3 वी
गुरु=मीन 14°30 ' उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 03°43 ' धनिष्ठा ' 3 गु
राहू=(व) मेष 13°40 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 13°40 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 15:21 - 16:45 अशुभ
यम घंटा 09:46 - 11:10 अशुभ
गुली काल 12:34 - 13:57 अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 09:13 - 09:57 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:16 - 24:01* अशुभ
वर्ज्यम 31:23* - 32:54* अशुभ
गंड मूल 26:01* - अहोरात्र अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग 06:59 - 08:22 अशुभ
उद्वेग 08:22 - 09:46 अशुभ
चर 09:46 - 11:10 शुभ
लाभ 11:10 - 12:34 शुभ
अमृत 12:34 - 13:57 शुभ
काल 13:57 - 15:21 अशुभ
शुभ 15:21 - 16:45 शुभ
रोग 16:45 - 18:08 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 18:08 - 19:45 अशुभ
लाभ 19:45 - 21:21 शुभ
उद्वेग 21:21 - 22:57 अशुभ
शुभ 22:57 - 24:33* शुभ
अमृत 24:33* - 26:09* शुभ
चर 26:09* - 27:46* शुभ
रोग 27:46* - 29:22* अशुभ
काल 29:22* - 30:58* अशुभ
होरा, दिन
मंगल 06:59 - 07:55
सूर्य 07:55 - 08:50
शुक्र 08:50 - 09:46
बुध 09:46 - 10:42
चन्द्र 10:42 - 11:38
शनि 11:38 - 12:34
बृहस्पति 12:34 - 13:29
मंगल 13:29 - 14:25
सूर्य 14:25 - 15:21
शुक्र 15:21 - 16:17
बुध 16:17 - 17:13
चन्द्र 17:13 - 18:08
होरा, रात
शनि 18:08 - 19:12
बृहस्पति 19:12 - 20:17
मंगल 20:17 - 21:21
सूर्य 21:21 - 22:25
शुक्र 22:25 - 23:29
बुध 23:29 - 24:33
चन्द्र 24:33* - 25:37
शनि 25:37* - 26:41
बृहस्पति 26:41* - 27:46
मंगल 27:46* - 28:50
सूर्य 28:50* - 29:54
शुक्र 29:54* - 30:58
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 04:12 से 06: 00 तक
कुम्भ > 06: 00 से 07:48 तक
मीन > 07:48 से 09:10 तक
मेष > 09:10 से 10:40 तक
वृषभ > 10:40 से 12:42 तक
मिथुन > 12:42 से 15:10 तक
कर्क > 15:10 से 18:14 तक
सिंह > 18:14 से 19:26 तक
कन्या > 19:26 से 22:34 तक
तुला > 22:34 से 00:58 तक
वृश्चिक > 00:56 से 02:08 तक
धनु > 02:08 से 04: 10 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 8 + 3 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
* जानकी व्रत
* भौमाष्टमी
शुभ विचार
पादाभ्यां न स्पृशेदग्नि गुरुं ब्राह्मणमेव च ।
नैव गां च कुमारीन न वृध्दं न शिशुं तथा ।।
।। चा o नी o।।
इन दोनों के मध्य से कभी ना जाए
१. दो ब्राह्मण.
२. ब्राह्मण और उसके यज्ञ में जलने वाली अग्नि.
३. पति पत्नी.
४. स्वामी और उसका चाकर.
५. हल और बैल.
सुभाषितानि
गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09
ज्ञानयज्ञेन चाप्यन्ते यजन्तो मामुपासते।,
एकत्वेन पृथक्त्वेन बहुधा विश्वतोमुखम्।,।,
दूसरे ज्ञानयोगी मुझ निर्गुण-निराकार ब्रह्म का ज्ञानयज्ञ द्वारा अभिन्नभाव से पूजन करते हुए भी मेरी उपासना करते हैं और दूसरे मनुष्य बहुत प्रकार से स्थित मुझ विराट स्वरूप परमेश्वर की पृथक भाव से उपासना करते हैं।।15।।
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