Aaj Ka Rashifal: 7 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्‍यौरा

Aaj Ka Rashifal:आज 7 फरवरी, 2023 है। आइए जानते हैं कि मेष से मीन राशि के जातकों का दिन कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्‍या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

 

Aaj Ka Rashifal: आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्‍य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्‍या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्‍यौरा उपलब्‍ध है।

यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।

दैनिक राशिफल

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष

कार्यस्थल पर सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। पूछ-परख रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। सामाजिक कार्य करेंगे। पत्नी से आश्वासन मिलेगा। आपकी मिलनसारिता एवं धैर्य आपको परिवार एवं समाज में आदर-सम्मान दिलाएँगे। आय से अधिक व्यय न करें।

वृष

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। प्रसन्नता बनी रहेगी। अधिकारी सहयोग करेंगे। व्यापार के विस्तार हेतु प्रयास अधिक करना होंगे। शुभ कार्यों पर व्यय होगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप नहीं करें।

मिथुन

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। भाग्योन्नति होगी। प्रमाद न करें। पराक्रम क्षमता के कारण आपको यश की प्राप्ति होगी। मानसिक संतोष, प्रसन्नता रहने से कार्यक्षमता बढ़ेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा।

कर्क

वाणी संयम रखते हुए कार्य करें। आजीविका के क्षेत्र में प्रगति के योग हैं। व्यापार, नौकरी में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। यात्रा न करें। आकस्मिक खर्च अधिक होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

सिंह

अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। धनार्जन होगा। थकान रहेगी। आजीविका में परिवर्तन अथवा नवीन अवसर प्राप्त हो सकेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। दांपत्य जीवन सुखद। आडंबरों से दूर रहें। आगंतुकों पर व्यय होगा।

कन्या

रुके कार्य पूर्ण होंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। प्रसन्नता व आशाजनक वातावरण के कारण प्रयास सार्थक होंगे। भेंट-उपहार आदि की प्राप्ति संभव है। अर्थ संबंधी सुख मिलेगा।

तुला

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल व पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। सही निर्णय ले पाएँगे। मित्रों से मदद प्राप्त होगी। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। पूर्व में किए गए कार्यों के शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। वाहन सावधानी से चलाएँ।

वृश्चिक

पुराना रोग उभर सकता है। नकारात्मकता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। झंजटों में न पड़ें। धैर्य रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम के कार्यों से दूर रहना चाहिए। दिन मिश्र फलदायी रहेगा। आर्थिक तंगी होगी। संतान के व्यवहार से दुःख होगा। व्यय बढ़ेंगे।

धनु

यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएँगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें। मित्रों में वर्चस्व बढ़ेगा। आजीविका में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

मकर

आर्थिक चिंता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय सामान्य चलेगा। जोखिम उठाने व जल्दबाजी से बचें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। पुराना रोग उभर सकता है, धैर्य रखें। निजीजनों में असंतोष का वातावरण रहेगा। भूमि-आवास की समस्याओं में वृद्धि होगी।

कुंभ

परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रमाद न करें। ईश्वर पर आस्था बढ़ेगी। साहस, पराक्रम में वृद्धि होगी। व्यापार में नए प्रस्तावों से लाभ की संभावना है। शीत संबंधी विकार हो सकते हैं।

मीन

घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लाभ होगा। बुद्धि एवं तर्क से कार्य के प्रति सफलता के योग बनेंगे। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। धनार्जन होगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। व्यापार-व्यवसाय सामान्य चलेगा।

दिनाँक:-07/02/2023, मंगलवार 

द्वितीया, कृष्ण पक्ष, 
फाल्गुन 
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

तिथि----------    द्वितीया    28:27:39       तक 
पक्ष-------------------------    कृष्ण
नक्षत्र------------    मघा    17:43:58
योग------------    शोभन    16:00:57
करण----------    तैतुल    15:24:24
करण-------------    गर    28:27:39
वार---------------------    मंगलवार
माह---------------------- फाल्गुन
चन्द्र राशि-------------------- सिंह
सूर्य राशि-------------------- मकर
रितु------------------------    शिशिर
आयन------------------    उत्तरायण
संवत्सर-------------------    शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)    ----------------------नल
विक्रम संवत---------------    2079 
गुजराती संवत--------------    2079 
शक संवत-----------------    1944

वृन्दावन 

सूर्योदय---------------    07:03:48    
सूर्यास्त---------------    18:03:09
दिन काल-------------    10:59:21    
रात्री काल-------------    12:59:59
चंद्रास्त---------------    08:08:15    
चंद्रोदय----------------    19:29:46

लग्न---- मकर 23°49' , 293°49'

सूर्य नक्षत्र------------------    धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र-------------------    मघा
नक्षत्र पाया------------------- रजत 

पद, चरण

मू----    मघा    11:04:32

मे----    मघा    17:43:58

मो----    पूर्वा फाल्गुनी    24:22:38

टा----    पूर्वा फाल्गुनी    31:00:28

ग्रह गोचर

ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
==========================
सूर्य=मकर   23 : 29  धनिष्ठा  ,       1         गा 
चन्द्र =सिंह 08°:23, मघा।      ,       3        मू 
बुध =धनु 29 °: 34'  पूo षा o    '     1        भे 
शुक्र=कुम्भ 19°05,  शतभिषा   '      4          सू
मंगल=वृषभ  17°30  ' रोहिणी'       3         वी 
गुरु=मीन  12°30 '   उ o भा o,        3        झ 
शनि=कुम्भ 01°43 '      धनिष्ठा   '     3       गु       
राहू=(व) मेष  14°10     भरणी ,       1       ली 
केतु=(व) तुला 14°10   स्वाति ,     3           रो 

शुभा$शुभ मुहूर्त

राहू काल    08:27 - 09:49    अशुभ
यम घंटा    11:11 - 12:33    अशुभ
गुली काल    13:56 - 15:18 अशुभ 
अभिजित    12:11 - 12:55    शुभ
दूर मुहूर्त    12:55 - 13:39    अशुभ
दूर मुहूर्त    15:07 - 15:51    अशुभ
वर्ज्यम    28:24* - 30:11*    अशुभ

गंड मूल    अहोरात्र    अशुभ

चोघडिया, दिन

अमृत    07:04 - 08:27    शुभ
काल    08:27 - 09:49    अशुभ
शुभ    09:49 - 11:11    शुभ
रोग    11:11 - 12:33    अशुभ
उद्वेग    12:33 - 13:56    अशुभ
चर    13:56 - 15:18    शुभ
लाभ    15:18 - 16:40    शुभ
अमृत    16:40 - 18:02    शुभ

चोघडिया, रात

चर    18:02 - 19:40    शुभ
रोग    19:40 - 21:18    अशुभ
काल    21:18 - 22:55    अशुभ
लाभ    22:55 - 24:33*    शुभ
उद्वेग    24:33* - 26:11*    अशुभ
शुभ    26:11* - 27:48*    शुभ
अमृत    27:48* - 29:26*    शुभ
चर    29:26* - 31:04*    शुभ

होरा, दिन

चन्द्र    07:04 - 07:59
शनि    07:59 - 08:54
बृहस्पति    08:54 - 09:49
मंगल    09:49 - 10:44
सूर्य    10:44 - 11:39
शुक्र    11:39 - 12:33
बुध    12:33 - 13:28
चन्द्र    13:28 - 14:23
शनि    14:23 - 15:18
बृहस्पति    15:18 - 16:13
मंगल    16:13 - 17:08
सूर्य    17:08 - 18:02

होरा, रात

शुक्र    18:02 - 19:08
बुध    19:08 - 20:13
चन्द्र    20:13 - 21:18
शनि    21:18 - 22:23
बृहस्पति    22:23 - 23:28
मंगल    23:28 - 24:33
सूर्य    24:33* - 25:38
शुक्र    25:38* - 26:43
बुध    26:43* - 27:48
चन्द्र    27:48* - 28:54
शनि    28:54* - 29:59
बृहस्पति    29:59* - 31:04

उदयलग्न प्रवेशकाल

मकर   > 04:40   से 06: 24  तक
कुम्भ   > 06: 24  से  08:12  तक
मीन    > 08: 12   से  09:34 तक
मेष     > 09:34    से  11:10  तक
वृषभ   > 11:10   से  13:06  तक 
मिथुन  > 13:06   से  15:34  तक 
कर्क    > 15:34   से  18:38  तक
सिंह    >  18:38  से 19:50    तक
कन्या  > 19:50    से  22:58   तक
तुला   >  22:58    से  01:20  तक
वृश्चिक > 01:20   से  02:32  तक
धनु     > 02:32   से   04: 34 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान 

यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 2 + 3 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

ग्रह मुख आहुति ज्ञान

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

17 + 17 + 5 = 39  ÷ 7 =  4 शेष

सभायां = संताप कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

विशेष जानकारी

*शोभन योग 15:56 तक 

शुभ विचार

वित्तंदेहि गुणान्वितेष मतिमन्नाऽन्यत्रदेहि क्वचित् ।
प्राप्तं वारिनिधेर्जलं घनमुचां माधुर्ययुक्तं सदा
जीवाः स्थावरजड्गमाश्च सकला संजीव्य भूमण्डलं ।
भूयः पश्यतदेवकोटिगुणितंगच्छस्वमम्भोनिधिम् ।।
।। चा o नी o।।

हे विद्वान् पुरुष ! अपनी संपत्ति केवल पात्र को ही दे और दूसरो को कभी ना दे. जो जल बादल को समुद्र देता है वह बड़ा मीठा होता है. बादल वर्षा करके वह जल पृथ्वी के सभी चल अचल जीवो को देता है और फिर उसे समुद्र को लौटा देता है.

सुभाषितानि

गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09

सर्वभूतानि कौन्तेय प्रकृतिं यान्ति मामिकाम्‌ ।,
कल्पक्षये पुनस्तानि कल्पादौ विसृजाम्यहम्‌ ॥,

हे अर्जुन! कल्पों के अन्त में सब भूत मेरी प्रकृति को प्राप्त होते हैं अर्थात्‌ प्रकृति में लीन होते हैं और कल्पों के आदि में उनको मैं फिर रचता हूँ॥,7॥

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