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टेस्ला का भारत में आगमन, करोड़ों का प्लांट लगाने की तैयारी

टेस्ला का भारत में आगमन, करोड़ों का प्लांट लगाने की तैयारी
कंपनी का भारत में प्रवेश ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका और चीन के मुख्य बाजारों में ईवी की डिमांड धीमी हो रही है, जबकि वहां प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।

टेस्ला प्रस्तावित 2 बिलियन से 3 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए संभावित स्थानों का पता लगाने के लिए इस महीने भारत में एक टीम भेजने की तैयारी में है। यह कदम भारत द्वारा हाल ही में कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों पर इंपोर्ट टैक्स में कटौती के बाद उठाया गया है।

बशर्ते कार निर्माता कम से कम 500 डॉलर मिलियन का निवेश करें और तीन साल के भीतर घरेलू उत्पादन शुरू करें। फाइनेंशियल टाइम्स ने मामले के जानकार लोगों का हवाला देते हुए बुधवार को बताया कि टेस्ला प्रस्तावित 2 बिलियन से 3 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रिक कार प्लांट के लिए साइटों की स्टडी करने के लिए अप्रैल के अंत तक संयुक्त राज्य अमेरिका से एक टीम भारत भेजेगी।

कंपनी का भारत में प्रवेश ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका और चीन के मुख्य बाजारों में ईवी की डिमांड धीमी हो रही है, जबकि वहां प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। इसके कारण टेस्ला को अपनी पहली तिमाही की बिक्री में गिरावट महसूस हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईवी निर्माता उन भारतीय राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जहां महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे ऑटोमोटिव हब हैं।

भारत ने पिछले महीने वाहन निर्माताओं द्वारा उत्पादित कुछ ईवी पर आयात कर कम कर दिया था, जो कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने और तीन साल के अंदर मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध थे।

यह एक ऐसा कदम था, जिसे बाजार के लिए टेस्ला की योजनाओं को मजबूत करने के रूप में देखा गया था।कंपनी सालों से भारत में एंट्री करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्धता चाहती थी। भारत का ईवी बाज़ार छोटा है, लेकिन इसकी ग्रोथ रेट ठीक-ठाक है।

इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में घरेलू कार निर्माता टाटा मोटर्स का दबदबा है। 2023 में भारत में कुल कार बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी लगभग 2% थी। सरकार ने 2030 तक 30% का लक्ष्य रखा है।

विश्लेषकों ने कहा है कि भारतीय बाजार में टेस्ला के प्रवेश से अधिक ईवी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है और स्थानीय ऑटो पार्ट्स निर्माताओं को फायदा हो सकता है।

टेस्ला के अधिकारी पिछले साल से सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। मस्क ने जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।कंपनी ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि वह 24,000 डॉलर की कीमत वाली ईवी का उत्पादन करने के लिए भारत में एक फैक्ट्री बनाने में रुचि रखती है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने उन अधिक महंगे मॉडलों पर कर कम करने का भी आह्वान किया है, जिन्हें वह भारत में बेचना चाहती है।


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