पापा ने लिया था कर्ज तो नौकरी के साथ रोजाना करते थे 2-3 घंटे की पढ़ाई, जानिए राजीव की कहानी
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अगर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी सही तरीके से की जाए तो कम समय में सफलता मिल सकती है. ऐसे कई यूपीएससी कैंडिडेट हैं जो भ्रमित हैं या सही दिशा में आगे बढ़ना नहीं जानते हैं, ऐसे लोगों के लिए राजीव दैपुरिया की कहानी एक प्रेरणा हो सकती है.
राजीव ने अलग तरीके से तैयारी की और सरकारी अफसर बनने का सपना पूरा किया. राजीव दैपुरिया मध्य प्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले हैं. साल 2022 के सिविल सर्विसेज के रिजल्ट में भिंड जिले के राजीव और मयंक ने सफलता हासिल की थी.
इन सफलताओं से साफ पता चल रहा है कि प्रतिभाएं किसी उच्च शिक्षित परिवार और बड़े शहर में ही नहीं होती हैं यह कहीं भी हो सकती हैं. राजीव दैपुरिया अपनी इस सफलता को क्रेडिट अपनी माता पिता को देते हैं. चंबल में भिंड का नाम हमेशा डाकू और बागियों के नाम से जाना जाता था.
अपनी शुरुआती पढ़ाई भिंड में करने वाले राजीव देपुरिया ने नौकरी के साथ इंजीनियरिंग सर्विसेज की तैयारी की थी. सिविल सर्विसेज में फर्स्ट रैंक पाने वाले राजीव दैपुरिया ने किसी प्रकार की कोचिंग नहीं ली उन्होंने खुद ही कुछ नोट्स और ऑनलाइन मटेरियल जुटाकर सफलता हासिल की.
नौकरी के साथ-साथ जितना भी समय मिलता था उसमें वो 2 घंटे 3 घंटे मेहनत से पढ़ाई करते थे. राजीव के पिता ने बेटे को पढ़ाने के लिए दो लाख का कर्ज तक ले लिया था बेटे को किताबें देने के लिए भी बिहार तक पहुंचे थे.
राजीव का मानना है कि मेहनत और लगन से आप जो भी हासिल करना चाहते हैं वो जरूर मिलता है. लिहाजा मेहनत और लगन पर फोकस करें.
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