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बचपन से बनना चाहती थीं डॉक्टर, फिर हुआ कुछ ऐसा बन गईं एसडीएम

बचपन से बनना चाहती थीं डॉक्टर, फिर हुआ कुछ ऐसा बन गईं एसडीएम
ओशिन की पर्सनालिटी को देखते हुए उन्हें फिल्मों के ऑफर भी मिले हैं, लेकिन ओशिन की फैमिली नहीं चाहती कि वह फिल्मों में जाएं. 

इस पद तक पहुंचने के लिए ओशिन शर्मा को कई अटेंप्ट देने पड़े थे. सिर्फ हिमाचल एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज ही नहीं ओशिन शर्मा ने सिविल सर्विसेज का भी एग्जाम दिया था लेकिन उनका सेलेक्शन होने से केवल 5 नंबर से रह गया था. 

ओशिन शर्मा ने पहले बीडीओ का एग्जाम पास किया, लेकिन सरकारी नौकरी मिलने के बाद उन्होंने तैयारी करना नहीं छोड़ा और उनकी मेहनत रंग लाई. दूसरे अटेंप्ट में ओशिन शर्मा ने हिमाचल एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस का एग्जाम क्लियर कर लिया.

सिर्फ क्लियर ही नहीं किया टॉप 10 में भी जगह बनाई. ओशिन शर्मा की इस एग्जाम में 10वीं रैंक आई थी. ओशिन पढ़ी लिखी फैमिली से आती हैं. ओशिन के पिता भुवनेश शर्मा नायब तहसीलदार के पद रहे हैं और मां कांगड़ा के सेटेलमेंट ऑफिसर के पीए के पद पर काम कर रही हैं.

ओशिन की पर्सनालिटी को देखते हुए उन्हें फिल्मों के ऑफर भी मिले हैं, लेकिन ओशिन की फैमिली नहीं चाहती कि वह फिल्मों में जाएं. इसलिए उन्होंने फिल्मों के ऑफर एक्सेप्ट नहीं किए. उनका कहना है कि फिलहाल अभी तक तो फिल्मों में जाने का कोई इरादा नहीं है.

उनको समाजसेवा करनी है और वह उस दिशा में आगे बढ़ रही हैं. ओशिन को लाडली फाउंडेशन ने ब्रांड अम्बेसडर भी बनाया. ओशिन शर्मा कहती हैं कि युवाओं को असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए और उससे सीखना चाहिए.

ओशिन का ख्वाब डॉक्टर बनने का था, फिर कॉलेज के दिनों में वह स्टूडेंट पॉलिटिक्स में भी एक्टिव हुईं, लेकिन फिर माहौल को देखते हुए सिविल सर्विसेज में जाने का मन बना लिया और तैयारी शुरू कर दी.

ओशिन ने पंजाब यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. ओशिन शर्मा समाजसेवा व युवाओं को जागरूक करने का भी काम कर रही हैं. ओशिन सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब पर भी उनके फॉलोवर्स हैं.


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