Diwali 2022 : मां लक्ष्मी के साथ हर दीपावली पर क्यों होती है गणेश जी की पूजा, क्या है कारण
Haryana News Post :Ganesh ji Ki Puja : दीपावली के दिन सभी लोग अपने घरों में गणेश-लक्ष्मी का पूजन करते है। लेकिन क्या आप जानते है कि दोनों का एक साथ पूजन क्यों किया जाता है। गणेश जी तो माता लक्ष्मी के लिए पुत्रवत हैं तो फिर दिवाली के दिन उनकी पूजा-अरचना क्यों होती है? तो चलिए जानते है कि किसी भी शुभ काम से पहले गणेश जी की पूजा क्यों कि जाती हैं।
गणपति करते हैं कार्यों को निर्विघ्न संपन्नत
दीपावली के त्योहार पर सभी धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अरचना करते हैं, लेकिन श्री गणेश विघ्नों का नाश करने वाले और ऋद्धि- सिद्धि के प्रदाता माने जाते है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने में गणेश जी की पूजा को प्रथम स्थान दिया जाता है।
बताया जाता है कि श्री गणेश को प्रथम पूज्य होने का वरदान प्राप्त हुआ है और यह वरदान स्वयं उनके पिता शिव द्वारा प्रदान किया था। इसलिए बिना गणेश की पूजा किये बिना किसी भी देवता की पूजा प्रारंभ नहीं की जाती और न ही उन्हें स्वीकार होती है।
सभी लोग अच्छे से जानते हैं कि किसी भी कार्य को शुरू करते समय विघ्नों के आने की आशंका रहती ही है। गणेश जी की पूजा करने के बाद विश्वास हो जाता है कि अब कार्य निर्विघ्न रूप से पूरा होगा, इसलिए लक्ष्मी पूजन से पहले गणेश पूजन को प्रथम स्थान दिया जाता है।
श्री गणेश को संपूर्ण विद्या और बुद्धि का स्वामी भी कहा जाता है। दीवाली के दिन लक्ष्मी जी के साथ गणेश पूजन करने का लक्ष्य यह होता है कि धन के साथ बुद्धि भी सदा साथ रहे। बिना बुद्धि के केवल धन होना भी व्यर्थ होता है।
बुद्धि से प्राप्त होता है विवेक
धन का होना, तभी अच्छा माना जाता है, जब उसका अच्छी जगह सदुपयोग किया जाए। वैसे बताया जाए तो धनी होने से मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है, इसलिए श्री गणेश जी पूजा के समय हमें सद्बुद्धि प्रदान करते हैं और उस सद्बुद्धि का आश्रय लेकर हम धनोपार्जन कर प्राप्त पैसों का सदुपयोग करते है। इसलिए प्रत्येक घर में लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की भी स्थापना की जाती है।
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