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Diwali 2022: इस बार दिवाली पर लगेगा सूर्य ग्रहण, क्या आप सूर्य ग्रहण के दौरान लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं? यहां जानिए

Diwali 2022: इस बार दिवाली पर लगेगा सूर्य ग्रहण, क्या आप सूर्य ग्रहण के दौरान लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं? यहां जानिए
Diwali 2022 Solar Eclipse: इस बार दीपावली के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है। ऐसे में सभी के मन में सवाल है कि क्‍या इस दिन लक्ष्‍मी पूजन किया जा सकता है या नहीं? इस दिन किन चीजों का ध्‍यान रखें और कैसे करें लक्ष्‍मी पूजन, आइए हम आपको बताते हैं।
Solar Eclipse on Diwali 2022: वर्ष 2022 का पहला सूर्य ग्रहण इस बार दिवाली पर लग रहा है। यह पहली बार है जब हिंदुओं के सबसे बड़े त्‍योहार पर सूर्य ग्रहण लग रहा है। इससे पहले कभी भी यह खगोलीय घटना नहीं हुई है। चूंकि दीपावली सबसे बड़ा त्‍योहार है और इसे देश-विदेश में पूरे उत्‍सा‍ह के साथ मनाया जाता है। वहीं लोगों में यह शंका भी है कि क्‍या दिवाली पर सूर्य ग्रहण शुभ है। कई लोग इस अवधारणा में रहते हैं कि ग्रहण शुभ फलदायी नहीं होते हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर इसका वैज्ञानिक पहलू देखें तो यह सामान्‍य खगोलीय घटना है जिसका व्रत या त्‍योहार से कोई लेना-देना नहीं है।

सूर्य ग्रहण के दौरान दिवाली मनाएं या नहीं

वैज्ञानिकों की बात करें तो इस बार 24 अक्‍टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस बात को लेकर लोग परेशान हैं कि इस दिन लक्ष्‍मी पूजा करें या न करें। हिंदुओं में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। इसे अशुभ मानते हुए इस दिन शुभ कार्य नहीं होते हैं। वहीं यह भी मान्यता है कि ग्रहण के समय तांत्रिक क्रियाएं होती हैं। ग्रहण कोई भी हो उसे देखना अशुभ माना जाता है। इसलिए इस बार संशय है कि सूर्य ग्रहण के दिन दीवापली पूजन करें या न करें। इसको लेकर ज्योतिषियों और पंडितों के दो मत हैं। ज्‍योतिषी इसे खगोलीय घटना करार देते हैं, वहीं पंडितों का कहना है कि ग्रहण काल में पूजा-अर्चना वर्जित है।

ग्रहण पर बंद होते हैं मंदिर

धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-अर्चना नहीं की जाती है। इस दौरान देवताओं की प्रतिमाओं को सूर्य ग्रहण से पहले स्‍नान करवाया जाता है और ग्रहण के बाद दोबारा स्‍नान करवाने के बाद पूजन शुरू किया जाता है। मान्‍यता है कि ग्रहण का धरती पर अत्‍याधिक प्रभाव पड़ता है। इस कारण मनुष्‍य भी ग्रहण के दौरान घरों में ही रहते हैं ताकि उसके दुष्‍प्रभाव से बचा जा सके।

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तुलसी ही करती हैं बचाव

ग्रहण के दौरान मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के आसपास और आंखों पर तुलसी की पत्‍त‍ियां रख दी जाती हैं। इसके पीछे कारण यह है कि देवों को भी ग्रहण के दुष्‍प्रभाव से बचाया जा सके। वहीं हिंदू धर्म में भी ग्रहण के दौरान पीने के पानी, दूध व अन्‍य खाने-पीने की वस्‍तुओं में तुलसी की पत्तियां रखने की परंपरा है ताकि उन्‍हें ग्रहण के प्रभाव से सुरक्षित रखा जा सके।

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इस दिन लगेगा खग्रास सूर्य ग्रहण

दिवाली 25 अक्‍टूबर 2022 को मंगलवार के दिन है। इस दौरान खग्रास सूर्य ग्रहण लग रहा है। अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। वैसे ही इस दिन सूर्यास्त के बाद यह ग्रहण लग रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्यास्‍त के बाद लगने वाले सूर्य ग्रहण का ज्‍यादा असर नहीं होता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। वैसे भी दीपावली को सिद्धियों जाग्रत की जाती हैं। इसका इन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

नरक चतुर्दशी और दिवाली एक दिन मनेगी

दिवाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस बार 24 अक्टूबर को शाम 4:44 बजे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी समाप्त होगी। ऐसे में 24 अक्टूबर को अमावस्या लगने से नरक चतुर्दशी और दीपावली एक साथ मनेगी।

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