1. Home
  2. Dharam

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025 in Hindi: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 का व्रत 17 मार्च को होगा। गणेश पूजा और व्रत विधि से विघ्नहर्ता की कृपा पाएं। चतुर्थी तिथि शाम 7:33 से शुरू, चंद्रोदय रात 9 बजे। मोदक चढ़ाएं, संकष्टी कथा सुनें और शुभ मुहूर्त में चंद्र पूजा करें।
Bhalchandra Sankashti chaturthi 2025 shubh muhurat and chandrodaya time: हिंदू धर्म में भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश, जो सभी बाधाओं को दूर करने वाले विघ्नहर्ता कहलाते हैं, की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करने पर गणपति जी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मनचाही मुरादें पूरी होती हैं। अगर आप किसी वजह से व्रत या पूजा नहीं कर पाते, तो घबराएं नहीं। बस भगवान गणेश के 12 नामों का जाप करें, इससे भी आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है। आइए जानते हैं भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा की आसान विधि।

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025 : तिथि और समय

इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत 17 मार्च 2025 को मनाया जाएगा, जो सोमवार का दिन होगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 17 मार्च की शाम 7 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी और 18 मार्च की रात 10 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। इस दौरान पूजा और व्रत के लिए समय का विशेष ध्यान रखें।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025: चंद्रोदय का समय (Moonrise Time)

इस पावन दिन चंद्रमा रात 9 बजे उदय होगा। चंद्र दर्शन के बाद चांद की पूजा करें और फिर अपना व्रत तोड़ें। यह समय गणेश भक्तों के लिए बेहद खास होता है।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि (Puja Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठें और नहाकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद मन में गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत और मौन का संकल्प लें। शाम को दोबारा स्नान करें और गणपति की मूर्ति को स्थापित करें। फिर पूरे विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करें। उन्हें मोदक, सुपारी, मूंग और दूर्वा चढ़ाएं, जो उनके प्रिय भोग माने जाते हैं। संकष्टी चतुर्थी की कथा सुनें और पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं। रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूरा करें। यह आसान तरीका आपके जीवन में गणेश जी का आशीर्वाद लाएगा।


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।
whtsapp-img
News Hub