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Chaitra Navratri 2025 Puja Mantra Shlok In Sanskrit: मां अंबे की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र और श्लोक, हर इच्छा होगी पूरी

Chaitra Navratri 2025 Puja Mantra Shlok In Sanskrit: मां अंबे की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र और श्लोक, हर इच्छा होगी पूरी
Ya devi sarva bhuteshu shlok lyrics, navratri mantra shlok sanskrit mein, mata rani ke mantra shlok stuti pdf in Hindi: चैत्र नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए जपें ये मंत्र: "ॐ जयन्ती मंगला काली" और "या देवी सर्वभूतेषु"। श्लोक जैसे "सर्वमंगल मांगल्ये" से करें पूजा। नौ दिनों तक माता रानी के मंत्र जाप से हर मनोकामना पूरी होगी।

Chaitra Navratri 2025 Puja Mantra Shlok In Sanskrit: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक भक्तों के लिए माता रानी की भक्ति में डूबने का सुनहरा मौका लेकर आता है। यह वो खास समय होता है जब श्रद्धालु मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।

Chaitra Navratri 2025 Puja Mantra Shlok In Sanskrit

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास मंत्रों और श्लोकों के जाप से माता की कृपा आसानी से पाई जा सकती है? आइए, इस चैत्र नवरात्रि में मां अंबे को समर्पित इन शक्तिशाली मंत्रों और श्लोकों के बारे में जानें, जो आपकी हर मनोकामना को सच कर सकते हैं।

मां दुर्गा की भक्ति का आसान रास्ता: मंत्र जाप

नवरात्रि के नौ दिन माता रानी के अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए खास माने जाते हैं। इस दौरान मंत्रों का जाप न सिर्फ मन को शांति देता है, बल्कि मां को प्रसन्न करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका भी है। मंत्रों की शक्ति ऐसी है कि ये आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं। तो इस बार चैत्र नवरात्रि में इन मंत्रों को अपनी पूजा का हिस्सा जरूर बनाएं।

एक शक्तिशाली मंत्र है

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
इसके अलावा, "या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः" का जाप करने से मां की शक्ति आपके जीवन में प्रवेश करती है। इसी तरह, "सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते" मंत्र हर कामना को पूरा करने में मदद करता है।

श्लोक जो बढ़ाते हैं भक्ति का रंग

मंत्रों के साथ-साथ श्लोक भी मां की उपासना को और गहरा बनाते हैं। ये श्लोक माता के गुणों का बखान करते हैं और भक्तों को उनके करीब लाते हैं। जैसे कि:
"या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।"
यह श्लोक मां के शांत स्वरूप की महिमा गाता है। वहीं, "या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता" मंत्र आपके भीतर ज्ञान और समझ को जागृत करता है। इन श्लोकों का रोजाना जाप करने से मन में शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।

नौ दिनों के लिए खास मंत्र

चैत्र नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा होती है, और इसके लिए एक खास मंत्र है:
"प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघंटेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।"
यह मंत्र मां के नौ स्वरूपों—शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक—की महिमा को दर्शाता है। इसे जपने से हर दिन माता का आशीर्वाद अलग-अलग रूप में मिलता है। इसके अलावा, "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै" और "ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि। तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्" जैसे मंत्र भी बेहद प्रभावशाली हैं। इन्हें सुबह-शाम जपें और मां की कृपा का अनुभव करें।

क्यों खास है चैत्र नवरात्रि?

चैत्र नवरात्रि सिर्फ पूजा-पाठ का त्योहार नहीं, बल्कि आत्मिक शक्ति को जागृत करने का अवसर है। इन नौ दिनों में मंत्र और श्लोक जाप से न सिर्फ मां प्रसन्न होती हैं, बल्कि भक्तों का जीवन भी सुख-समृद्धि से भर जाता है। चाहे धन की कामना हो, स्वास्थ्य की या फिर मन की शांति—ये मंत्र हर जरूरत को पूरा करने में सक्षम हैं। तो इस बार नवरात्रि में इन मंत्रों को अपनाएं और मां अंबे के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें।

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