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Sheetala Ashtami 2025 katha: शीतला अष्टमी 2025 पर माता शीतला की पूजा के साथ पढ़ें गणेश जी की पवित्र कथा

Sheetala Ashtami 2025 katha: शीतला अष्टमी 2025 पर माता शीतला की पूजा के साथ पढ़ें गणेश जी की पवित्र कथा
Sheetala Ashtami 2025 Ganesh Ji Ki Katha: शीतला अष्टमी 2025 को 22 मार्च को मनाया जा रहा है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और व्रत रखने वाले गणेश जी की कथा पढ़ते हैं। एक बुढ़िया की श्रद्धा से सेठ की टेढ़ी दीवार सीधी हुई, जो गणेश जी और शीतला माता के चमत्कार को दर्शाती है।
Ganesh ji ki katha in Hindi Sheetala Ashtami 2025 katha: आज 22 मार्च को देशभर में शीतला अष्टमी का पवित्र त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व माता शीतला को समर्पित है, जिनकी पूजा-अर्चना इस दिन विशेष रूप से की जाती है। इसे बसौड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है और यह हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही है। जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, उनके लिए गणेश जी की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। आइए, आपको इस खास दिन की एक प्रेरक कथा सुनाते हैं।

Sheetala Ashtami 2025 katha: गणेश जी की कथा: श्रद्धा और चमत्कार की कहानी

किसी गांव में एक वृद्ध महिला रहती थी, जिसे लोग प्यार से बुढ़िया माई कहते थे। वह हर दिन मिट्टी से गणेश जी की छोटी-सी मूर्ति बनाती और पूरे मन से उनकी पूजा करती। लेकिन मिट्टी की मूर्ति होने के कारण वह हर दिन पानी में घुल जाती थी। एक दिन उसके गांव में सेठ जी का नया घर बन रहा था। बुढ़िया माई ने सोचा कि क्यों न कारीगरों से पत्थर की गणेश मूर्ति बनाने को कहा जाए। वह उनके पास गई और बोली, "मेरे लिए पत्थर की गणेश प्रतिमा बना दो।" लेकिन कारीगरों ने उसकी बात अनसुनी कर दी और कहा, "जितने समय में हम तेरी मूर्ति बनाएंगे, उतने में अपनी दीवार बना लेंगे।" यह सुनकर बुढ़िया को गुस्सा आ गया और उसने कहा, "भगवान करे तुम्हारी दीवार कभी सीधी न बने।"

शीतला माता और गणेश जी का चमत्कार

इसके बाद कारीगरों ने दीवार बनाने की कोशिश की, लेकिन हर बार दीवार टेढ़ी हो जाती। जितनी बार बनाते, उतनी बार उसे तोड़ना पड़ता। दिनभर मेहनत के बाद भी काम आगे न बढ़ा। शाम को जब सेठ जी आए, तो उन्होंने देखा कि अभी तक कुछ नहीं हुआ। तब एक कारीगर ने बुढ़िया माई की बात बताई। सेठ जी ने उसे बुलवाया और कहा, "अम्मा, तुम हमारी दीवार सीधी कर दो, मैं तुम्हारे लिए सोने की गणेश मूर्ति बनवा दूंगा।" बुढ़िया ने जैसे ही यह सुना, उसकी आंखों में चमक आ गई।

सेठ जी ने वादे के मुताबिक सोने की मूर्ति बनवाई और जैसे ही वह बुढ़िया को मिली, दीवार अपने आप सीधी हो गई। यह गणेश जी और माता शीतला की कृपा का चमत्कार था। तो हे गणेश जी, जैसे आपने सेठ की मुश्किल हल की, वैसे ही अपने भक्तों की जिंदगी में खुशहाली लाएं। शीतला अष्टमी के इस पावन दिन पर सभी पाठक माता शीतला और गणेश जी की कृपा पाएं।

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