Gangaur Teej 2023: गणगौर तीज कल, जानिए क्या है इस व्रत का महत्व
Gangaur Teej Shubh Muhurat: 17 दिनों तक होती है गणगौर पूजा: राजस्थान में गणगौर का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के साथ आरंभ होता है और शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को समाप्त होता है। इस दौरान हर रोज माता पार्वती और शिव जी की मिट्टी से मूर्ति बनाई जाती है। इसके बाद गणगौर पूजा वाले दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा करती है।
गणगौर पूजा का धार्मिक महत्व
गणगौर दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला 'गण' यानी शिव और 'गौर' का अर्थ है पार्वती। माना जाता है कि गणगौर पूजा और व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं उन्हें जल्द ही मनचाहा वर की प्राप्ति होती है। घर में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली आती है।
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अविवाहित कन्या करती हैं अच्छे वर की कामना
गणगौर एक ऐसा पर्व है जिसे, हर महिला करती है। इसमें कुवारी कन्या से लेकर, शादीशुदा तक सब भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि शादी के बाद पहला गणगौर पूजन मायके में किया जाता है। इस पूजन का महत्व अविवाहित कन्या के लिए। अच्छे वर की कामना को लेकर रहता है जबकि, शादीशुदा महिला पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत करती है। इसमें अविवाहित कन्या पूरी तरह से तैयार होकर और शादीशुदा सोलह श्रृंगार करके पूरे सोलह दिन विधि-विधान से पूजन करती हैं।
गणगौर व्रत पूजा विधि
गणगौर पूजा के दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं। इस दिन शुद्ध मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाई जाती है। इसके साथ ही इन्हें नए वस्त्र पहनाएं जाते हैं और मां पार्वती का सोलह श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद शिव-पार्वती की विधिवत पूजा कर लें। फूल, माला, सिंदूर, सफेद चंदन, अक्षत आदि चढ़ाने के साथ मीठे चूरमे का भोग लगाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाकर गणगौर व्रत की कथा सुन लें। इसके बाद शाम को गणगौर को पानी पिलाने के बाद इन्हें विधिवत तरीके से जल में प्रवाहित कर दें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
गणगौर पूजा 2023 शुभ मुहूर्त
गणगौर 2023 तिथि: 24 मार्च 2023, शुक्रवार
तृतीया तिथि प्रारंभ: 23 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 20 मिनट पर।
तृतीया तिथि समापन: 24 मार्च 2023 को शाम 4 बजकर 59 मिनट।
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 21 मिनट से दोपहर 01 बजकर 22 मिनट तक।
रवि योग: दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 20 मिनट तक।
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