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Rama Navami Puja 2025 Shubh Muhurat Timing: राम नवमी 2025 पर भगवान राम के जन्मोत्सव को बनाएं खास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Rama Navami Puja 2025 Shubh Muhurat Timing: राम नवमी 2025 पर भगवान राम के जन्मोत्सव को बनाएं खास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Rama Navami Puja 2025 Shubh Muhurat, Puja Timing: राम नवमी 2025: 6 अप्रैल को भगवान राम का जन्मोत्सव मनाएं। शुभ मुहूर्त सुबह 11:08 से दोपहर 1:39 तक। पूजा विधि, कन्या पूजन और हवन से करें श्रीराम की भक्ति। रामचरितमानस पाठ और भजन से पर्व को खास बनाएं।
Rama Navami Puja 2025 Shubh Muhurat Timing in Hindi: सनातन धर्म में राम नवमी का पर्व बेहद खास माना जाता है। ये दिन भगवान राम के जन्म का उत्सव है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि मध्याह्न के समय अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था। इसीलिए ये पर्व भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक है। इस साल राम नवमी 6 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। घरों में रामचरितमानस की चौपाइयां गूंजेंगी, मंदिरों में भजन-कीर्तन होंगे और हर तरफ राम नाम की धूम मचेगी। अगर आप भी इस पावन दिन को खास बनाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और इससे जुड़ी हर जरूरी बात।

Rama Navami Puja 2025 Shubh Muhurat Timing: राम नवमी का शुभ मुहूर्त और तैयारी

राम नवमी 2025 का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 11:08 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक रहेगा। इस दौरान मध्याह्न का सबसे पवित्र क्षण दोपहर 12:24 बजे होगा। नवमी तिथि 5 अप्रैल की शाम 7:26 बजे शुरू होकर 6 अप्रैल की शाम 7:22 बजे तक रहेगी। इस समय में पूजा करने से भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है। पूजा की तैयारी के लिए आपको फूल, माला, खीर, फल और प्रसाद की व्यवस्था करनी होगी। भगवान की मूर्ति को सजाने और पालने में झुलाने की परंपरा भी इस दिन को और खास बनाती है।

पूजा विधि: भक्ति में डूबने का सही तरीका

राम नवमी का दिन सुबह जल्दी उठकर शुरू करें। स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा की तैयारी करें। सबसे पहले भगवान राम की मूर्ति को फूलों से सजाएं और षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें। इसमें मूर्ति की स्थापना, ध्यान और आह्वान शामिल है। इसके बाद खीर और फलों का भोग लगाएं। पूजा के अंत में आरती करें और घर की सबसे छोटी महिला से सभी को तिलक लगवाएं। ये परंपरा परिवार में स्नेह और एकता का प्रतीक है। मोबाइल पर रामायण का पाठ या रामरक्षा स्तोत्र सुनना भी इस दिन को और पवित्र बना सकता है।

भक्ति और उत्सव का संगम

राम नवमी सिर्फ पूजा का दिन नहीं, बल्कि भक्ति और उत्सव का संगम है। इस दिन भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो जाता है। लोग रामचरितमानस पढ़ते हैं और श्रीराम के गुणों का स्मरण करते हैं। आप भी अपने परिवार के साथ मिलकर इस दिन को सेलिब्रेट करें। भगवान राम की कृपा से आपका जीवन मर्यादा और शांति से भरा रहे, यही हमारी कामना है। तो तैयार हो जाइए, इस राम नवमी को अपने तरीके से खास बनाइए।

कन्या पूजन और हवन का महत्व

राम नवमी पर कई जगह कन्या पूजन का रिवाज है। मान्यता है कि इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। कन्याओं को भोजन कराने से पहले माता की पूजा जरूर करें। इसके अलावा, हवन का भी खास महत्व है। हवन से न सिर्फ घर का वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। अगर आप हवन कर रहे हैं, तो इसे शुभ मुहूर्त में ही करें ताकि इसका पूरा फल मिले।

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