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Adampur में चौथा उपचुनाव क्यों है विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल

Adampur में चौथा उपचुनाव क्यों है विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
आदमपुर उपचुनाव के चलते हरियाणा में सियासी पारा उफान पर है। चुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियां हर संभव कोशिश कर रही हैं तो वहीं निर्दलीय उम्मीदवार भी बेशक मुकाबले में नहीं हैं लेकिन वो भी पूरी  जुगत लगा रहे हैं।

Haryana News Post :  Adampur By-election : आदमपुर उपचुनाव के चलते हरियाणा में सियासी पारा उफान पर है। चुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियां हर संभव कोशिश कर रही हैं तो वहीं निर्दलीय उम्मीदवार भी बेशक मुकाबले में नहीं हैं लेकिन वो भी पूरी  जुगत लगा रहे हैं। सत्ताधारी भाजपा चुनावी जीत के दावे कर रही है तो वहीं विपक्षी दल इस उपचुनाव को दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल बता रहे हैं।

वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर विपक्ष ऐसा कर रहा है तो हम इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं और बड़ी अंतर से जीत दर्ज करेंगे। भाजपा के चुनाव इंचार्ज जेपी दलाल भी कह चुके हैं कि वो इस सेमीफाइनल में बड़ी जीत दर्ज करेंगे तो वहीं कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि जेपी दलाल बरोदा उपचुनाव में भी भाजपा के चुनावी इंचार्ज थे और सबको पता है कि वहां क्या हुआ। 

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जानिए क्या मायने हैं आदमपुर उपचुनाव को सेमीफाइनल कहने

राजनीति रुप से आदमपुर बेहद महत्वपूर्ण सीट है। साल 1968 से लेकर अब इस सीट पर भजनलाल परिवार ने 15 बार जीत दर्ज की है और परिवार की तीसरी पीढ़ी मैदान में है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये उपचुनाव काफी हद तक जनता के मूड के बारे में बता देगा। इस उपचुनाव को केवल एक हलके तक ही सीमित नहीं माना जा रहा है। उपचुनाव के नतीजे काफी कुछ बया  करें देंगे और जनता क्या चाहती है, इस बारे काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा। जो भी पार्टी यहां से चुनाव जीतेगी, उसके लिए आने वाले विधानसभा चुनाव माहौल तैयार होगा। 

चुनाव भाजपा जीती तो विकास कार्यों पर लगेगी मुहर

भाजपा का दावा है कि इस सेमीफाइनल में पार्टी चुनाव के जीत दर्ज के  पीछे मुख्य रुप से कारण सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्य हैं। भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री  मनोहर लाल कह चुके हैं कि वो हलके में जाकर वहां के लोगों को सरकार की नीतियों के बारे में अवगत करवाएं। इसके साथ साथ लोगों को बताएं कि भाजपा सरकार में आजमन की भलाई के लिए क्या क्या कदम उठाए हैं। ऐसे में अगर साफ है कि भाजपा जीतती है तो उसके हलके व हरियाणा में विकास कार्य करवाने के दावों पर मुहर लगेगी। 

कांग्रेस का दावा इस सेमीफाइनल को जीतेंगे 

कांग्रेस का निरंतर दावा है कि ये आदमपुर उपचुनाव साल 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है। बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस ने ट्रेलर दिखा दिया था और फिल्म इस चुनाव में दिखा देंगे। कांग्रेस नेता व राज्यसा सांसद का कहना है कि भाजपा ने इस हलके को कभी गंभीरता से नहीं लिया है। यहां सरकार द्वारा 8 साल के शासन में कोई विकास कार्य नहीं करवाया गया है। कांग्रेस के नेता निरंतर आमजन के बीच में जाकर कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का बखान कर रहे हैं। 

सेमीफाइनल के जरिए आप खुद को स्थापित करने और इनेलो सियासी जमीन तलाश रही

आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही है। पार्टी की हर संभव कोशिश है कि अब हरियाणा में भी खुद को स्थापित किया जाए। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल आदमपुर उपचुनाव को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। वो और पंजाब के सीएम भगवंत मान आदमपुर का दौरा भी कर चुके हैं और चुनाव से पहले उनको प्रचार में आना है।

उनको भी पता है कि विधानसभा चुनाव से पहले खुद इस सेमीफाइनल को जीत पार्टी को हरियाणा में स्थापित करने का कोई बेहतरीन मौका नहीं हो सकता है। वहीं पिछले करीब 18 साल से सत्ता से दूर इनेलो की भी पुरजोर कोशिश है कि आदमपुर के दंगल को जीत वो अपने सुनहरे दौर को वापस लाए। 

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साढ़े 24 साल में चौथा उपचुनाव है आदमपुर में

 आदमपुर उपचुनाव  गत साढ़े 24 वर्षो में  इस सीट पर चौथा उपचुनाव होगा। सबसे पहले मई-जून, 1998 में इस सीट से तब उपचुनाव करवाना पड़ा था, जब  वर्ष 1996 विधानसभा आम चुनावों में निर्वाचित विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल फरवरी, 1998 में करनाल लोक सभा सीट से सांसद निर्वाचित हो गए थे और उन्होंने आदमपुर सीट से त्यागपत्र दे दिया था। 

उस उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर  कुलदीप ने चुनाव जीता था।  इसके बाद मई, 2008 में आदमपुर सीट पर दूसरा  उपचुनाव करवाना पड़ा  चूँकि तत्कालीन कांग्रेस की हुड्डा सरकार के दौरान  भजन लाल जो वर्ष 2005 विधानसभा आम चुनावों में इस सीट   कांग्रेस विधायक बने थे को  तत्कालीन विधानसभा स्पीकर रघुवीर सिंह कादयान द्वारा दल बदल विरोधी कानून के तहत हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था । भजनलाल इस चुनाव में विजयी रहे थे।

इसके बाद दिसंबर, 2011 में कांग्रेस की हुड्डा सरकार  दौरान ही आदमपुर में  तीसरा उपचुनाव इसलिए करवाना पड़ा था क्योंकि वर्ष 2009 विधानसभा आम चुनाव में इस सीट से हजका विधायक बने कुलदीप ने त्यागपत्र दे दिया था क्योंकि वह हिसार लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हो गए थे जो उनके पिता भजन लाल के निधन से रिक्त हुई थी. उस उपचुनाव में कुलदीप की धर्मपत्नी रेणुका बिश्नोई विजयी रही थी। 


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