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Fatehabad AQI News: फतेहाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर डेढ़ गुना बढ़ा, सांस और दिल के रोगियों के लिए खतरे की घंटी

Fatehabad AQI News: फतेहाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर डेढ़ गुना बढ़ा, सांस और दिल के रोगियों के लिए खतरे की घंटी 
Fatehabad News: फतेहाबाद में चार-पांच दिन से सांस के रोगियों की ओपीडी बढ़ गई है। जिनकी सांस संबंधी दवा चल रही है, वह नियमित रूप से दवा लें। घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाकर निकलें।

फतेहाबाद (Fatehabad)। फतेहाबाद जिले की हवा लगातार जहरीली हो रही है। मंगलवार रात 12 बजे से लेकर बुधवार शाम 5 बजे तक ही प्रदूषण का स्तर डेढ़ गुना बढ़ गया। बुधवार को दिन भर शहर प्रदूषण की परत में लिपटा रहा।

अधिकारी न पराली जलाने के मामले रोक पा रहे हैं, और न ही उनके पास प्रदूषण नियंत्रित करने की कोई ठोस योजना है।उधर, जिले में पिछले 24 घंटों में 36 स्थानों पर परली जलाने की लोकेशन आई है। मंगलवार को अब तक की सर्वाधिक 28 लोकेशन आई तो वहीं बुधवार को आठ स्थानों पर आग की सूचना मिली।

स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित करता है प्रदूषण

चिंताजनक स्थिति यह है कि एक्यूआई 400 का आंकड़ा पार करते ही स्वस्थ लोगों पर भी प्रभाव पड़ने लगता है। वहीं, 100 से ज्यादा एक्यूआई होने पर मरीजों को तकलीफ होने लगती है। इससे ज्यादा जैसे-जैसे एक्यूआई बढ़ेगा, वैसे-वैसे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने लगेगी। 200 से ज्यादा एक्यूआई होने पर फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। 400 एक्यूआई पार होते ही प्रदूषण स्वस्थ लोगों को भी बीमार कर देता है।

अब तक जिले में हरसेक की ओर से कृषि विभाग को 235 स्थानों पर आगजनी की लोकेशन भेजी गई है। इनमें से 47 फेक निकली हैं। कृषि विभाग द्वारा अब तक 123 किसानों को तीन लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 

प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ने पर लोगों को कुछ राहत देने के लिए अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से पानी का छिड़काव किया जाता है। इससे कुछ हद तक प्रदूषित धुआं नीचे बैठ जाता है। एयर प्यूरीफायर की तो जिले में कोई व्यवस्था ही नहीं है।

यह अच्छी एक्यूआई की स्थिति

0 से 50 अच्छा
51 से 100 संतोषजनक
101 से 200 मध्यम
201 से 300 खराब
301 से 400 बहुत खराब
401 से 500 गंभीर

फतेहाबाद इस तरह बढ़ा प्रदूषण

जिला नागरिक अस्पताल केफिजिशियन डॉ. मुनीष टुटेजा ने बताया की प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है। चार-पांच दिन से सांस के रोगियों की ओपीडी बढ़ गई है। जिनकी सांस संबंधी दवा चल रही है, वह नियमित रूप से दवा लें। घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाकर निकलें।

वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद शर्मा ने कहा की यह प्रदूषण आंखों में जलन पैदा करता है। जलन से बचने के लिए घर से बाहर निकलते ही आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं। दिन में कई बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं। दुपहिया वाहन चालक हेलमेट जरूर पहनें, उसके शीशे से भी धुएं से बचाव होगा। ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सक को दिखाएं।

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