1. Home
  2. haryana

Haryana News: हरियाणा को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत पांच साल में 2405 करोड़ रुपए मिले

Haryana News: हरियाणा को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत पांच साल में 2405 करोड़ रुपए मिले
Haryana News update : कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत राशि देने वाली कंपनियों की संख्या 1100 से ऊपर हुई, सीएसआर के तहत फंडिंग के मामले में गुरुग्राम सबसे ऊपर। 

Haryana News Post, (चंडीगढ़) कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत (सीएसआर) कॉरपोरेट जगत,  प्राइवेट कंपनियों व बिजनेस हाउसेस द्वारा सरकार को हर साल एक निर्धारित राशि देनी होती है जिसका इस्तेमाल जरुरतमंद लोगों की भलाई व हितों के लिए होता है।  

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत सीएसआर गतिविधियों पर अपने लाभ की राशि खर्च करके समाज के कमजोर वर्गों की भलाई को उन्नत करने की कंपनियों की जिम्मेदारी से है।

सीएसआर नियम के अनुसार, जिन कंपनियों की वार्षिक शुद्ध संपत्ति रु. 500 करोड़ रुपये या 1000 करोड़ रुपये की वार्षिक आय या 5 करोड़ रुपये का वार्षिक लाभ, उनके लिए तीन साल के औसत लाभ का कम से कम 2% सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना आवश्यक है।

इसी कड़ी में सामने आया है कि हरियाणा में कॉरपोरेट वर्ल्ड ने पांच साल की अवधि में 24 सौ करोड़  से ज्यादा  राशि दी है। इस राशि इस्तेमाल जन सुविधाओं और  इंफ्रास्ट्रक्चर  पर हुआ है। 

पांच साल में 2405 करोड़ सीएसआर में आए 

प्राप्त जानकारी अनुसार हरियाणा को सीएसआर के तहत प्राइवेट कंपनियों व बिजनेस हाउसेस द्वारा कुल 2405.19 करोड़ की राशि दी गई है। कंपनियों द्वारा क्रमशः वित्तीय वर्ष 2017-18 में 363.43 और 2018-19 में 378.11 करोड़ की राशि दी गई।

इसके बाद में व्यापक पैमाने पर इजाफा हुआ है। फिर  2019-20 में कुल 24,965.82 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2020- 21 में 26,210.95 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 25,935.79 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।

एमसीए 21 रजिस्ट्री से कंपनियों द्वारा फाइल किया गया सीएसआर संबंधित डाटा, जिसमें कंपनी- वार, राज्य-वार, जिला-वार और सेक्टर-वार डाटा शामिल है, पब्लिक डोमेन www.csr.gov.in पर उपलब्ध है।

इसके अतिरिक्त, कंपनियों को वि.व. 2022-23 के लिए 31.03.2024 को या उससे पहले सीएसआर का ब्यौरा फ़ाइल करना अपेक्षित है। आंकड़ों से साफ है कि पांच साल की अवधि में सीएसआर फंड में करीब 40 फीसद का इजाफा हुआ है।  

तीन वित्तीय वर्षों अर्थात् 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार और विकास क्षेत्र-वार सीएसआर व्यय सार्वजनिक रूप से दिया गया है। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कंपनी का सीएसआर विवरण 31.03.2024 को या उससे पहले फ़ाइल करना अपेक्षित हैं।

पांच साल में सीएसआर फंडिंग देने वाली 400 कंपनी बढ़ी

सीएसआर के तहत मिलने वाले फंड के मामले में हरियाणा का गुरुग्राम जिला सबसे ऊपर है। पिछले पांच साल के आंकड़ों  के अनुसार गुरुग्राम जिला इस मामले में सबसे ऊपर है। सीएसआर के तहत फंड देने वाली कंपनियों में भी राज्य में निरंतर इजाफा हुआ है।

वित्त वर्ष 2017-18  जहां 693 कंपनियों ने फंड दिया था तो वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में इनकी संख्या बढ़कर 783 हो गई। इसके बाद  वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21  में 867 और 1085 कंपनियों कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत फंड दिया।

वहीं 2021-22 में कंपनियों की संख्या बढ़कर 1103 हो गई। आंकड़ों के लिहाज से पांच साल की अवधि के दौरान सीएसआर के तहत फंड देने वाली कंपनियों की संख्या 400 बढ गई। 

सीएसआर राशि में 9 सालों में करीब तीन गुना इजाफा हुआ

कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्ष 2015-16 में सीएसआर गतिविधियों पर 9822 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11.5% अधिक है ।

वर्ष 2015-16 में; सीएसआर गतिविधियों के अंतर्गत 5097 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से केवल 2690 ने सीएसआर गतिविधियों पर खर्च किया था। शीर्ष 10 ने सीएसआर गतिविधियों में 3207 करोड़ रुपये खर्च किए जो साल के कुल खर्च का 33% है।

ये राशि साल 2021-22 तक बढ़कर  दो गुना से ज्यादा हो गई। इस लिहाज से इसमें करीब तीन गुना इजाफा हुआ है। भारत में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के नियम 1 अप्रैल 2014 से लागू हैं ।

इन नियमों के मुताबिक, जिन कंपनियों की सालाना नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये या सालाना आय 1000 करोड़ रुपये या सालाना मुनाफा है। सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करने के लिए 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

यह खर्च तीन साल के औसत लाभ का कम से कम 2% होना चाहिए। सीएसआर नियमों के अनुसार, सीएसआर के प्रावधान केवल भारतीय कंपनियों पर ही लागू नहीं होते हैं, बल्कि यह भारत में विदेशी कंपनी की शाखा और विदेशी कंपनी के प्रोजेक्ट कार्यालय पर भी लागू होते हैं।

सीएसआर अवधारणा अधिनियम 2013 से संचालित होती है

भारत में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व अवधारणा कंपनी अधिनियम, 2013 ('अधिनियम') की धारा 135, अधिनियम की अनुसूची VII और कंपनी (सीएसआर नीति) नियम, 2014 द्वारा शासित होती है, जिसमें सीएसआर पात्रता का आकलन करने के लिए मानदंड प्रदान किए गए हैं।

एक कंपनी, उनकी सीएसआर नीतियों का कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग। सबसे विस्तृत सीएसआर तंत्र और कार्यान्वयन रणनीति वाले भारत ने राष्ट्र निर्माण में स्थिरता लक्ष्यों और हितधारक सक्रियता को प्राप्त करने में एक बेंचमार्क स्थापित करने के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।

एक कंपनी, उनकी सीएसआर नीतियों का कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग। सबसे विस्तृत सीएसआर तंत्र और कार्यान्वयन रणनीति वाले भारत ने राष्ट्र निर्माण में स्थिरता लक्ष्यों और हितधारक सक्रियता को प्राप्त करने में एक बेंचमार्क स्थापित करने के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।

सीएसआर का दायरा बड़ा होता जा रहा है और आने वाले वर्षों में यह विभिन्न बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच स्थिरता लक्ष्यों के विश्लेषण और प्राप्ति के लिए एक अद्वितीय ज्ञान आधार के रूप में बदल जाएगा। भारत एक ऐसा देश है जिसने अपनी विधायी कार्रवाई के माध्यम से सीएसआर को अनिवार्य करके आश्वस्त किया है।

प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल के बदले देनी पड़ता है राशि 

जैसा कि हम जानते हैं, कंपनियाँ किसी उत्पाद या सेवा को बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करती हैं जिससे बड़े कॉर्पोरेट घरानों का मुनाफ़ा बढ़ता है। औद्योगिक गतिविधियाँ पर्यावरण में हानिकारक गैसें/अपशिष्ट छोड़ कर पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं।

दुर्भाग्य से समाज के आम लोगों को ब्रोंकाइटिस, गैर संचारी रोग, प्रदूषित हवा और पानी आदि जैसी बीमारियों के रूप में इस खराब प्रदूषण की वास्तविक लागत वहन करनी पड़ती है, लेकिन आम लोगों को इन बीमारियों के बदले में कॉर्पोरेट घरानों से कोई मुआवजा नहीं मिलता है।

इसीलिए, भारत सहित दुनिया भर की कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया कि वे अपनी आय का कुछ हिस्सा प्रभावित लोगों या समाज के कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए खर्च करें। इसे कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कहा जाता है।

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत ये गतिविधियाँ शामिल हैं:

1. भूख, गरीबी और कुपोषण को खत्म करना

2. शिक्षा को बढ़ावा देना
3 . मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार
4. पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना
5. सशस्त्र बलों के लाभ के लिए उपाय
6  खेल गतिविधियों को बढ़ावा देना
7. राष्ट्रीय विरासत का संरक्षण
8. प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान
9. स्लम क्षेत्र में विकासात्मक गतिविधियाँ
10. स्कूलों में शौचालयों का निर्माण

साल               सीएसआर राशि                  कंपनियां         
2017-18          363.43                           683
2018-19           378.11                          783
2019-20           537.91                          867
2020-21           550.86                         1085
2022-23           654.88                        1103
              कुल     2405.19                        4521

Haryana Weather News : आने वाले दिनों में ऐसा रहेगा हरियाणा का मौसम, जानें कब होगी बारिश


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।