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Vinesh Phogat को बीजेपी का सरकारी नौकरी का ऑफर, क्या कहेंगी कांग्रेस MLA?

Vinesh Phogat को बीजेपी का सरकारी नौकरी का ऑफर, क्या कहेंगी कांग्रेस MLA?
Haryana news: हरियाणा की बीजेपी सरकार ने कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट को सरकारी नौकरी, 4 करोड़ इनाम और HSVP प्लॉट का ऑफर दिया। पेरिस ओलिंपिक 2024 में वजन विवाद के चलते वह बिना मेडल लौटीं। विनेश ने कुश्ती से संन्यास लिया और जुलाना से MLA बनीं। सरकार ने उन्हें सिल्वर मेडलिस्ट जैसा सम्मान देने का फैसला किया।

Haryana news CM Nayab Saini job offer to Vinesh Phogat: हरियाणा की बीजेपी सरकार ने मशहूर पहलवान और नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट को सरकारी नौकरी का शानदार प्रस्ताव दिया है। यह ऑफर तब आया जब विनेश ने हाल ही में कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव जीता। 25 मार्च 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने विनेश को सिल्वर मेडलिस्ट जैसा सम्मान देने का फैसला किया। इसके तहत उन्हें तीन विकल्प दिए गए हैं: सरकारी नौकरी, 4 करोड़ रुपये का नकद इनाम, और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) से प्लॉट। अभी तक विनेश की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

Vinesh Phogat को बीजेपी का सरकारी नौकरी का ऑफर

विनेश फोगाट ने 2024 पेरिस ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल तक का सफर तय किया था। लेकिन 100 ग्राम वजन बढ़ने की वजह से वह फाइनल मुकाबले से पहले ही बाहर हो गई थीं। इसके बावजूद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उन्हें सिल्वर मेडलिस्ट की तरह सम्मानित करने की घोषणा की थी। आइए, सात बिंदुओं में जानते हैं कि आखिर कैसे विनेश एक दिन में तीन मुकाबले जीतने के बाद भी बिना मेडल के देश लौटीं।

विनेश की ओलिंपिक यात्रा: 7 प्रमुख बिंदु

तीन पहलवानों को हराकर रचा इतिहास: विनेश ने 50 किलो वेट कैटेगरी में 6 अगस्त 2024 को पेरिस ओलिंपिक में तीन मुकाबले खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की स्वर्ण पदक विजेता यूई सुसाकी को हराया। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान को मात दी। वह फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं।

वजन बढ़ा, नाखून-बाल तक काटे

सेमीफाइनल तक तीन मुकाबले खेलने के दौरान विनेश को प्रोटीन और ऊर्जा के लिए खाना-पानी लेना पड़ा, जिससे उनका वजन 52.7 किलो हो गया। उनके पास वजन को 50 किलो तक लाने के लिए सिर्फ 12 घंटे थे। रातभर वह जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग करती रहीं। यहाँ तक कि वजन कम करने के लिए उन्होंने अपने बाल और नाखून तक काट दिए और कपड़े भी छोटे कर लिए।

आखिरी मौके पर अयोग्य घोषित

7 अगस्त की सुबह वजन की दोबारा जाँच हुई। उनका वजन तय सीमा से ज्यादा था। उन्हें 15 मिनट का समय दिया गया, लेकिन अंतिम जांच में भी वजन 100 ग्राम अधिक निकला। इसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

अस्पताल में भर्ती हुईं विनेश: अयोग्यता की खबर सुनते ही विनेश बेहोश हो गईं और उन्हें खेल गांव के अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यह उनके लिए बेहद भावनात्मक पल था।

खेल कोर्ट में अपील, संन्यास का ऐलान: विनेश ने अयोग्यता के खिलाफ खेल कोर्ट (CAS) में अपील दायर की। पहले उन्होंने फाइनल खेलने की मांग की, फिर सेमीफाइनल तक के प्रदर्शन के आधार पर संयुक्त सिल्वर मेडल की गुहार लगाई। इसी बीच, 8 अगस्त 2024 को उन्होंने भावुक पोस्ट लिखकर कुश्ती से संन्यास ले लिया। पोस्ट में उन्होंने माँ से माफी माँगी और कहा, "मेरी हिम्मत टूट गई, अब ताकत नहीं बची।"

कोर्ट ने अपील ठुकराई

खेल कोर्ट में सुनवाई चली, लेकिन पेरिस ओलिंपिक खत्म होने के बाद उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद विनेश खाली हाथ देश लौटीं। फिर भी, दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया।

राजनीति में एंट्री, बनीं विधायक

भारत लौटने के बाद विनेश ने राहुल गांधी से मुलाकात की और कांग्रेस में शामिल हो गईं। पार्टी ने उन्हें जींद की जुलाना सीट से टिकट दिया, जहाँ से वह पहली बार में ही विधायक बन गईं।

हरियाणा सरकार का यह कदम विनेश की मेहनत और लगन को सम्मान देने का प्रयास है। उनके ओलिंपिक प्रदर्शन ने देश का मान बढ़ाया, भले ही मेडल न मिला हो।

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