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Haryana School Admissions: हरियाणा में स्कूलों की रैंकिंग का नया फॉर्मूला, ड्रॉप आउट पर लगेगी रोक

Haryana School Admissions: हरियाणा में स्कूलों की रैंकिंग का नया फॉर्मूला, ड्रॉप आउट पर लगेगी रोक
School admissions news: हरियाणा में 1 अप्रैल से सरकारी स्कूलों में दाखिला शुरू, 30 अप्रैल तक प्रवेश उत्सव चलेगा। ड्रॉप आउट रोकने पर जोर, 9वीं कक्षा पर विशेष ध्यान। स्कूल रैंकिंग से बेहतर प्रदर्शन को प्रोत्साहन। जीरो ड्रॉप आउट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का पालन। स्वर्ण, रजत, कांस्य प्रमाण पत्र मिलेंगे।

Haryana school admissions start from 1st April 2025: हरियाणा में शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक नया कदम उठाया जा रहा है। अब सरकारी स्कूलों की रैंकिंग उनके प्रदर्शन के आधार पर होगी, जिसमें ड्रॉप आउट (Drop Out) को रोकना मुख्य लक्ष्य है। नए शैक्षणिक सत्र के तहत 1 अप्रैल से स्कूलों में दाखिला (School Admission) शुरू होगा और यह प्रक्रिया 30 अप्रैल तक चलेगी। राज्य सरकार का मानना है कि बच्चों को स्कूल से जोड़े रखना और उनकी पढ़ाई पूरी करवाना बेहद जरूरी है। इसके लिए स्कूलों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे ड्रॉप आउट दर को कम करें और बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को रैंकिंग के जरिए सम्मानित भी किया जाएगा।

Haryana School Admissions: क्या दिए निर्देश?

हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने इस बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, स्कूल प्रबंधन समितियों और स्कूल प्रमुखों को पत्र लिखकर साफ निर्देश दिए हैं। उनका लक्ष्य शैक्षणिक सत्र 2025-26 में राज्य को "जीरो ड्रॉप आउट" (Zero Drop Out) बनाना है। इसके लिए प्रवेश उत्सव (Admission Festival) जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल से जुड़ सकें।

शिक्षा का अधिकार और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के तहत 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना सरकार की प्राथमिकता है। खासकर 6 से 14 साल के बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन (Enrollment), स्कूल में ठहराव (Retention), और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) सुनिश्चित करना शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (Right to Education Act 2009) का अहम हिस्सा है। हरियाणा सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

प्रवेश उत्सव का आयोजन

30 अप्रैल तक चलने वाले प्रवेश उत्सव में सरकारी स्कूलों की सुविधाओं को अभिभावकों और छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। स्कूल प्रमुख और स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) मिलकर इस अभियान को सफल बनाएंगे। उन बच्चों पर खास ध्यान दिया जाएगा, जो ड्रॉप आउट होने के कगार पर हैं। व्यक्तिगत संपर्क के जरिए उनके परिवारों को स्कूल की अहमियत समझाई जाएगी।

9वीं कक्षा में सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट

1 अप्रैल से दाखिला प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सभी सरकारी स्कूलों में परीक्षा परिणाम (Exam Results) घोषित होंगे और नई कक्षा की किताबें भी बांटी जाएंगी। आंकड़ों के मुताबिक, 9वीं कक्षा में सबसे ज्यादा बच्चे पढ़ाई छोड़ते हैं, खासकर लड़कियां। ऐसे माता-पिता की पहचान की जाएगी जो अपनी बेटियों को आगे पढ़ाना नहीं चाहते और उन्हें जागरूक किया जाएगा।

बेहतर स्कूलों को सम्मान

जो स्कूल अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें प्रमाण पत्र दिए जाएंगे:

  • स्वर्ण प्रमाण पत्र: 30 मई तक 10% दाखिला, 10% संक्रमण और 100% ठहराव हासिल करने पर। साथ ही शून्य ड्रॉप आउट और पिछले साल की तुलना में 30% ज्यादा नामांकन (50 अतिरिक्त बच्चे) पर।
  • रजत प्रमाण पत्र: पिछले सत्र की तुलना में 20% नामांकन बढ़ोतरी (30 अतिरिक्त बच्चे) पर।
  • कांस्य प्रमाण पत्र: 15% नामांकन बढ़ोतरी (20 अतिरिक्त बच्चे) पर।

हरियाणा सरकार का यह प्रयास बच्चों के भविष्य को संवारने और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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