Haryana High Speed Railway Corridor: हरियाणा के 6 जिलों के 133 गांव से गुजरेगा हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर
चंडीगढ़। Railway Corridor Haryana : रेल मंत्रालय (MOR) ने 7 हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का काम नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा रखा है। दिल्ली - चंडीगढ़ - अमृतसर हाईस्पीप कोरिडोर इनमे से एक प्राथमिक - गलियारा है। डीसी-एएचएसआर कॉरिडोर में दिल्ली को अमृतसर से जोड़ने वाला एचएसआर कॉरिडोर लगभग 474.772 किमी लंबाई की है।
इसी कड़ी मं इसको लेकर पानीपत में जिला मजिस्ट्रेट, अन्य हितधारकों की दिल्ली-अमृतसर उच्च गति रेल परियोजना पर पर्यावरणीय और सामाजिक विचारों के प्रस्तुतीकरण हेतु सार्वजनिक बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स की रायशुमारी करते हुए परियोजना के बारे में तमाम डिटेल साझा की गई । इसमें सामने आया है कि ये कॉरिडोर हरियाणा के कई जिलों से गुजरेगा।
हरियाणा के चार रेलवे स्टेशन
रेल कॉरिडोर की जानकारी में सामने आया है कि दिल्ली से अमृतसर तक कॉरिडोर में 10 रेलवे स्टेशन कवर होंगे। कॉरिडोर का पहला रेलवे स्टेशन दिल्ली होगा। इसके बाद हरियाणा के पांच रेलवे स्टेशन सोनीपत, पानीपत, करनाल और अंबाला जिले शामिल होंगे। इसके बाद चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से होते हुए हाई स्पीड ट्रेन पंजाब के लुधियाना, जालंधर, ब्यास से होते हुए अमृतसर स्टेशन पहुंचेगी।
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इस तरह से तीन राज्यों के कुल 10 स्टेशन रास्ते में आएंगे। वहीं तीनों राज्यों के कुल 16 जिलों से ये कॉरिडोर गुजरेगा। इनमें दिल्ली, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली, जिले देश की राजधानी दिल्ली के होंगे तो वहीं हरियाणा के झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला समेत 6 जिलों से कॉरिडोर गुजरेगा। वहीं पंजाब के मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला और अमृतसर जिलों से कॉरिडोर गुजरेगा।
कॉरिडोर से 6 जिलों के 133 गांव प्रभावित होंगे
प्राप्त जानकारी में ये भी सामने आया है कि कॉरिडोर से हरियाणा के 6 जिलों के 133 गांव प्रभावित होंगे और इन गांव की जमीन से कॉरिडोर गुजरेगा। कॉरिडोर में सबसे ज्यादा 35 गांव करनाल के शामिल होंगे तो वहीं इसके बाद सोनीपत के 34 गांव और कुरुक्षेत्र के 24 गांव शामिल होंगे।
इनके अलावा पानीपत के 22, अंबाला के 12 और झज्जर का एक गांव कॉरिडोर से प्रभावित होगा। हरियाणा में हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की लंबाई 181.17 मीटर होगी। करनाल में 54.9 किलोमीटर, सोनीपत में 42.885, किलोमीटर, पानीपत में 31.14, कुरुक्षेत्र में 30.9, अंबाला में 20.16 और झज्जर में कॉरिडोर की लंबाई 0.585 किलोमीटर होगी।
इसके अलावा कॉरिडोर के लिए हरियाणा के जिलों से 351.07 हेक्टेयर भूमि एक्वायर होगी। सबसे ज्यादा करनाल से 54.9, सोनीपत से 42.885, पानीपत से 31.74, कुरुक्षेत्र से 30.9, अंबाला से 20.16 और झज्जर से 0.585 हेक्टेयर जमीन एक्वायर होगी।
दिल्ली से अमृतसर का सफर 8 से घट कर दो घंटे रह जाएगा
प्राप्त जानकारी में सामने आया है कि परियोजना के बाद दिल्ली से अमृतसर के बीच में यात्रा का समय 4 गुना कम हो जाएगा। दिल्ली और अमृतसर के बीच यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर लगभग 2 घंटे का रह जायेगा।उच्च वाहन क्षमता वाली पैसेंजर ट्रेन और विशेष समर्पित मार्ग के परिचालन से अधिक बार आने जाने का अवसर और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को हरियाणा और पंजाब के प्रमुख स्थानों से जोड़ना जो महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र होने के साथ-साथ ऐतिहासिक/धार्मिक/पर्यटन महत्व वाले हैं जैसे कि सोनीपत, पानीपत, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर। इसके अलावा कोरोडोर का मकसद मार्ग के साथ लगे हुए नए उत्पादन केंद्र और टाउनशिप के विकास के लिए संभावना प्रदान करना भी है।
इसके अलावा निर्माण गतिविधि को बढ़ावा, रेलवे की तकनीकी वृद्धि, दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे का विकास करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही अस्थायी और स्थायी रोजगार का सृजन भी होगा। इसके अलावा दिल्ली और अमृतसर के बीच पारंपरिक रेल, सड़क और हवाई कमी को दूर करना भी परियोजना का मकसद है। साथ ही अधिक कुशल परिवहन विकल्प के कारण ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी भी आएगी।
प्रस्तावित उच्च गति रेल परियोजना के प्रमुख लाभ
स्टेशनों के निर्माण के लिए उन्हें अधिक टिकाऊ बनाने के लिए हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने में मदद मिलेगी तो साथ में सड़क यातायात की भीड़ मे महत्वपूर्ण कमी लाने में भी मदद मिलेगी , क्योंकि यह शहरी सड़कों पर बड़ी संख्या में निजी कारें, और पारंपरिक बसों के प्रचालन में कमी लायेगा। साथ ही साथ शहरी सड़कों के रखरखाव की आवश्यकताओं में भी कमी आएगी।
इस प्रकार नगर निगम का बजट रखरखाव कम होगा।वाहनों में कमी के कारण वायु गुणवत्ता (वायु प्रदूषण में कमी) और शोर स्तर (ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों में कमी) में सुधार होगा. परियोजना के प्रत्यक्ष प्रभाव से सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों की गतिशीलता मे संभावित तेजी आएगी जो की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए अति आवश्यक है। DCAHSR गलियारे के साथ जुड़े क्षेत्रो मे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से रोजगार में भी वृद्धि होगी। लंबी दूरी की यात्रा आसान हो जाएगी।
भूमि, संरचनाओं और संपत्ति के लिए मुआवजा
प्राप्त जानकारी में सामने आया है कि भूमि खरीद के लिए प्रस्तावित दर शहरी क्षेत्रों में बाजार मूल्य या सर्किल रेट से दोगुना और ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार मूल्य/सर्किल रेट से चार गुना होगी। यह RFCTLARR अधिनियम, 2013 के प्रावधान के अनुसार है।
सक्षम सरकारी विभागों द्वारा सभी ढांचों और अन्य परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा RFCT-LARR 2013 अनुसूची-।। के लागू प्रावधानों के अनुसार प्रभावित भूमि धारकों/प्रभावित संरचनाओं/परिसंपत्तियों को आर एंड आर सहायता/लाभ प्रदान किया जाएगा।
जिले. प्रभावित गांवों की संख्या परियोजना की लंबाई कुल प्रभावित क्षेत्र
1.झज्जर 1 0.585 1.02
2.सोनीपत 34 42.885 75.53
3.पानीपत 22 31.74 63.79
4.करनाल 35 54.9 103.56
5.कुरुक्षेत्र 24 30.9 66.43
6. अंबाला 1 20.16 38.94
कुल 133 181.17 351.07
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