Nuh Violence: नूंह समेत 3 जिलों और कई डिवीजन में 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं बंद

Nuh Violence News: हरियाणा के नूंह जिले में हिंसा के बाद हरियाणा सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी। इसे दोबारा 2 अगस्त से बहाल किया जा सकता है। नूंह के अलावा गुरुग्राम में भी जमकर आगजनी हुई थी।हरियाणा सरकार ने हालात से निपटने के लिए जिले में कर्फ्यू लगा दिया। सरकार ने हिंसाग्रस्त नूंह में इंटनेट की सेवाएं भी बंद कर दी थीं।
सोमवार को नूंह में हुए दंगों की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/5जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), (Internet Shutdown) सभी एसएमएस सेवाओं (केवल थोक एसएमएस और बैंकिंग को छोड़कर) को निलंबित करने का आदेश जारी किया है।
हरियाणा राज्य के जिला नूंह, फरीदाबाद, पलवल के अधिकार क्षेत्र और जिला गुरुग्राम के सब डिवीजन सोहना, पटौदी और मानेसर के क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट बंद रहेगा। इंटरनेट सेवाएं 5 अगस्त तक बंद रहेंगी।
हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। गृह सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नूंह, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम के उपायुक्तों ने कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और सूचित किया है कि उनके संबंधित जिलों में हालात अभी भी गंभीर और तनावपूर्ण हैं, जिसके लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि वर्तमान प्रचलित कानून और व्यवस्था की स्थिति के आकलन के साथ-साथ उपायुक्तों की सिफारिश के बाद, सार्वजनिक उपयोगिताओं में व्यवधान, सार्वजनिक संपत्तियों और सुविधाओं को नुकसान और सार्वजनिक कानून और व्यवस्था में गड़बड़ी की स्पष्ट संभावना है।
आगे आदेश में लिखा है कि उपरोक्त जिलों और उपविभागों में भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों के प्रसार के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग के कारण, जो सोशल मीडिया / मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, एसएमएस सेवाओं और अन्य डोंगल पर संदेश सेवाओं के माध्यम से जनता के बीच प्रसारित / प्रसारित किया जा सकता है। ऐसे भी इंटरनेट सेवा प्रमुख जरुरी है।
इस दंगे में कुछ लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। दर्जनों गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। भारी बवाल के बीच पुलिस ने दंगा खत्म करने की कोशिश की। हालांकि, अब यहां इंटरनेट शटडाउन है, ताकि भड़काऊ और भ्रामक वीडियो ना फैले। जब भी कहीं हिंसा फैलती है तो सरकार इंटरनेट बंद करने का फैसला लेती है, लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है? आइए जानते हैं।
Internet Shutdown क्या है
इंटरनेट शटडाउन या नेटबंदी का मतलब इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाना होता है। यह कदम इसलिए उठाया जाता है ताकि पहले से चल रहा दंगा-फसाद और ज्यादा ना भड़क जाए। दरअसल, इंटरनेट एक दूसरे के साथ जुड़े रहने या बातचीत करने का अहम जरिया है। हालांकि, कुछ आसामाजिक तत्व दंगे जैसे मौकों का फायदा उठाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।
ये लोग इंटरनेट के जरिए वॉट्सऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज, झूठी जानकारी और भड़काऊ चीजें शेयर करते हैं। ऐसे चीजें आम लोगों के बीच जाने से हालात और ज्यादा बिगड़ने का खतरा रहता है। इसलिए सरकार इन सब चीजों को रोकने के लिए सीधे इंटरनेट बंद कर देती है।
इंटरनेट शटडाउन कैसे काम करता है?
इंटरनेट कोई बटन नहीं है जो इसे दबाकर इंटरनेट चालू या बंद हो जाएगा। इंटरनेट की सेवाएं देने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISPs) कंपनियां होती हैं। जब भी इंटरनेट बंद करना होता है, तो सरकार इन ISPs कंपनयों को किसी खास इलाके का इंटरनेट बंद करने का आदेश देती है।
नेटबंदी के तरीके
इंटरनेट बंद होने पर उस एरिया के लोग कोई वेबसाइट या दूसरी चीजें नहीं चला पाते हैं। DNS ब्लॉकिंग भी एक जरिया है जिससे नेट बंद किया जाता है। इसके अलावा स्पीड थ्रॉटलिंग, ब्लैकलिस्टिंग जैसे कई तरीके हैं जो इंटरनेट शटडाउन के लिए इस्तेमाल होते हैं। अगर आप सोचते हैं कि ये कंपनियां कैसे जानती हैं कि आप इंटरनेट शटडाउन एरिया में हैं, तो बता दें कि फोन नंबर और लोकेशन के जरिए इसका पता चल जाता है।
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