Jind news in Hindi: जींद की धरती से रखी थी हरियाणा बीजेपी-जजपा गठबंधन की नींव, वहीं से पड़ी दरार

जींद। भाजपा और जजपा के बीच 5 साल पहले गठबंधन की नींव जिस जींद की धरती से रखी गई थी, उसी जींद से गठबंधन में रार और दरार शुरू हुई। अब रार करने वाले भी भाजपा से अलग हो गए हैं। जजपा को भी भाजपा ने अलग कर दिया है। 2019 के विधानसभा चुनावों के नतीजे जब आने लगे थे, तब जजपा के सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला ने उचाना कलां से भाजपा की प्रेमलता को 48000 मतों के अंतर से पराजित किया था।
उचाना से दुष्यंत चौटाला जीते थे और उनकी पार्टी के उन समेत कुल 10 विधायक बने थे। भाजपा सत्ता से महज 6 सीट दूर रह गई थी। ऐसे में भाजपा ने निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाने की बजाय दुष्यंत चौटाला की 10 विधायकों वाली जजपा के साथ गठबंधन किया। मनोहर लाल सरकार में दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने थे। इस गठबंधन की नींव जींद की धरती से रखी गई थी, क्योंकि जजपा के 10 में से 3 विधायक जींद जिले से बने थे, जिनमें खुद दुष्यंत चौटाला भी शामिल थे।
अब रार करने वाले भी भाजपा से दूर
भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन 2023 के मध्य तक ठीक-ठाक चलता रहा। 2023 के मध्य में गठबंधन में रार जींद की धरती से शुरू हुई थी। हरियाणा भाजपा के प्रभारी विप्लब देव ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के विधानसभा क्षेत्र उचाना कलां में यह कहकर प्रदेश की गठबंधन की नींव को हिला दिया था कि उचाना कलां से अगली विधायक भाजपा की प्रेमलता होंगी, जबकि उन्हें यह पता था की उचाना कलां से जजपा के दुष्यंत चौटाला गठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम हैं।
यहीं से भाजपा और जजपा गठबंधन में रार और दरार शुरू हुई। इसमें जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्य कह रहे थे कि वह उचाना कलां से चुनाव जरूर लड़ेंगे, तो डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी बार-बार कह रहे थे कि वह उचाना कलां से ही चुनाव लड़ेंगे।
उचाना से शुरू हुई यह लड़ाई बाद में और गंभीर होती चली गई। इसे पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह तथा तब भाजपा के हिसार से सांसद और अब कांग्रेस में शामिल हो चुके बृजेंद्र सिंह ने कहा था कि जजपा का कोई जनाधार नहीं है। भाजपा को जजपा से अलग हो जाना चाहिए।
बीरेंद्र सिंह ने तो पिछले साल 2 अक्तूबर को जींद में रैली कर भाजपा हाईकमान को अल्टीमेटम दे दिया था कि जजपा से गठबंधन नहीं तोड़ा तो बीरेंद्र सिंह भाजपा के साथ नहीं रहेंगे। उनके सांसद पुत्र बृजेंद्र सिंह ने दो दिन पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया।
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