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करनाल पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी बोले-केजरीवाल को दे देना चाहिए मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र

करनाल पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी बोले-केजरीवाल को दे देना चाहिए मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र
सरकार भी कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। क्योंकि उप चुनाव की जरूरत है, क्योंकि अभी छह माह का समय है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी मंगलवार को करनाल पहुंचे। भाजपा कार्यालय खर्ण कमल में भाजपा विधान सभा कोर ग्रुप के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तैयार की। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल पर चार्ज किसी और के नहीं बल्कि कोर्ट के हैं, जांच में सही भी पाए हैं, इसलिए उन्हें तत्काल मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देना चाहिए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी हार के भय से चुनाव मैदान से भागने का आरोप लगाया है। 

दुष्यंत चौटाला के राज खोलने की बात पर सीएम ने कहा कि क्या राज हैं, ये तो उन्हीं से पूछने चाहिए। हरियाणा की डबल इंजन की सरकार तो पीएम नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में बेहतर कार्य कर रही है। उपचुनाव न कराने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका जाने के सवाल पर नायब सैनी ने कहा कि न्यायालय का आदेश सर्वमान्य होगा।

सरकार भी कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। क्योंकि उप चुनाव की जरूरत है, क्योंकि अभी छह माह का समय है।

विपक्षी पार्टी द्वारा अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं करने पर उन्होंने कहा कि पार्टियां तो सभी अपना अपना प्रत्याशी उतारेंगी लेकिन वह मंथन कर देख रही है कि कहीं किसी बड़े नेता को उतार दिया, वह हार गया तो क्या होगा, इसलिए वह ये भार किसी दूसरे पर डालने में लगे है।

उनके अंदर कहीं न कहीं भय का वातावरण है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दीपेंद्र हुड्डा को चुनाव लड़ाने वाले बयान को भी इसी भय से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में तो वह भी मैदान में उतर गए थे लेकिन अब चुनाव मैदान से भाग रहे हैं।

उन्होंने कुलदीप विश्नोई की नाराजगी पर स्पष्ट किया कि वह नाराज नहीं है, वह पार्टी के वरिष्ठ नेता है, वह लगातार पार्टी का प्रचार प्रसार करेंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भी शीघ्र ही पार्टी तय करेगी।

केजरीवाल पर दिए बयान को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि घमंडिया गठबंधन ने पिछले दिनों रामलीला मैदान के अंदर एक ऐसा दृष्य पेश किया कि जैसे वह भ्रष्टाचार का गोल्ड मेडल लेकर आए हों।

प्रधानमंत्री की नीति भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की है। केजरीवाल सहित घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं पर बड़े बड़े घोटाले करने के आरोप लगे हैं।

केजरीवाल तो ये बोलते थे कि उन पर यदि कोई भ्रष्टाचार का आरोप लगेगा तो वह इस्तीफा दे देंगे, अब तिहाड़ जेल में बैठे हैं लेकिन इस्तीफा नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने केजरीवाल पर जो चार्ज लगे हैं, वह किसी और ने नहीं बल्कि कोर्ट ने किए हैं। कोर्ट ने जांच में सत्य पाया है। ऐसे में केजरीवाल को अपनी बात पर खरा उतरना चाहिए।

उन्हें तत्काल त्याग पत्र देकर कहना चाहिए कि जब तक वह निर्दोष साबित नहीं होते, तब तक पद ग्रहण नहीं करूंगा।


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