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Haryana compensation portal: नूंह हिंसा, बाढ़ और हादसों पर अब हरियाणा सरकार देगी मुआवजा, क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च, ऐसे करें आवेदन

Haryana compensation portal: नूंह हिंसा, बाढ़ और हादसों पर अब हरियाणा सरकार देगी मुआवजा, क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च, ऐसे करें आवेदन, Kshatipurti portal aavedan kaise karen compensation portal details
How to Apply in Flood compensation portal: 18 अगस्त तक खुला रहेगा पोर्टल, सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी मुआवजे की गणना। नागरिक बाढ़ के कारण हुए घरों, पशुधन, फसलों और वाणिज्यिक चल-अचल संपत्ति की क्षति व नुकसान की जानकारी दर्ज करवा सकेंगे। आज हम आपको बताएंगे कि Haryana Kshatipurti portal के लिए कैसे आवेदन करें।

Haryana News, Kshatipurti portal mein aavedan kaise karen: चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में प्रदेश में आई बाढ़ से नागरिकों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल https://ekshatipurtiharyana.gov.in (Haryana compensation portal) के नये स्वरूप को लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर नागरिक अपने घर, पशुधन, फसलों, वाणिज्यिक और चल-अचल संपत्ति की क्षति व नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकेंगे। अपने नुकसान के दावे अपलोड करने के लिए यह पोर्टल आम जनता के लिए 18 अगस्त 2023 तक खुला रहेगा।

नूंह हिंसा में हुए नुकसान पर भी मिलेगा मुआवजा

क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च, ऐसे करें आवेदन, Kshatipurti portal aavedan kaise karen compensation portal details

मनोहर लाल ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से हाल ही में नूहं में हुई घटना के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी भी नागरिक दर्ज कर सकेंगे और एक योजना बनाकर उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।

अब नुकसान पर सबको मिलेगा लाभ

पहले क्षतिपूर्ति पोर्टल (Kshatipurti portal) में केवल किसान ही अपनी फसलों के नुकसान का ब्यौरा दर्ज कर सकते थे। लेकिन अब सरकार ने पोर्टल में नए फीचर शामिल किए हैं, जिससे नागरिक जान-माल के नुकसान की जानकारी एक ही पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का उद्देश्य जनता द्वारा आवेदन जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।

साथ ही प्रभावित लोगों को हुए नुकसान के समयबद्ध तरीके से सत्यापन और मुआवजे के वितरण की प्रणाली में पारदर्शिता लाना है। उन्होंने कहा कि इस ऑनलाइन प्रक्रिया से समय कम हो जाएगा, मुआवजे के दावे की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। आम जनता से अनुरोध है कि वे इस पोर्टल का उपयोग करें।

मनोहर लाल ने बताया कि Kshatipurti portal पर लोग आपदा में खोए हुए पशुओं की किस्म और संख्या का विवरण अपलोड कर सकते हैं। इसी तरह, घर के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में घर का प्रकार यानी कच्चा या पक्का और उसकी क्षति के प्रकार जैसे विवरण प्रदान करना आवश्यक है।

नुकसान का आकलन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के फील्ड स्टाफ द्वारा कम से कम समय में सत्यापित किया जाएगा। मुआवजे की गणना सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी और उचित प्रक्रिया के बाद व निर्धारित मानदंडों के अनुसार भुगतान किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में चल संपत्ति की अनुमानित हानि के लिए Kshatipurti portal

अगर नुकसान 5 रुपये का हुआ तो 80 फीसदी मुआवजा दिया जाएगा

5-10 लाख- 70% मुआवजा

10-20 लाख – 60% मुआवजा

20-50 लाख- 40% मुआवजा

50 लाख से 1 करोड़ – 30% मुआवजा

1-1.5 करोड़ – 20% मुआवजा

अचल संपत्तियों के लिए

1 लाख- 100% मुआवज़ा दिया जाएगा

1-2 लाख 75% मुआवजा दिया जाएगा

2-3 लाख- 60% मुआवजा दिया जाएगा

3-5 लाख- 50% मुआवजा दिया जाएगा

5-7 लाख – 40% मुआवजा दिया जाएगा

7-25 लाख- 30% मुआवजा दिया जाएगा

चल और अचल संपत्ति के नुकसान का क्रमश: अधिकतम 50 लाख और 25 लाख रुपए मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री ने मुआवजा संबंधी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि चल संपत्ति के मामले में 5 लाख रुपए तक के नुकसान के लिए 80 प्रतिशत यानी 4 लाख रुपए का मुआवजा (Kshatipurti portal) मिलेगा। 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के नुकसान के लिए 70 प्रतिशत, 10 से 20 लाख रुपए तक के नुकसान के लिए 60 प्रतिशत, 20 से 50 लाख रुपए तक के नुकसान के लिए 40 प्रतिशत, 50 लाख रुपए से 1 करोड रुपए तक के नुकसान के लिए 30 प्रतिशत, 1 करोड रुपए से 1.5 करोड रुपए तक के नुकसान के लिए 20 प्रतिशत का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की ऊपरी सीमा 50 लाख रुपये तक सीमित की गई है।

इसी प्रकार, अचल संपत्ति के मामले में 1 लाख रुपए तक के नुकसान के लिए शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। 1 लाख रुपए से 2 लाख रुपए तक के नुकसान के लिए 75 प्रतिशत, 2 से 3 लाख रुपए तक के लिए 60 प्रतिशत, 3 से 5 लाख रुपए तक के लिए 50 प्रतिशत, 5 से 7 लाख रुपए तक के लिए 40 प्रतिशत, 7 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक के लिए 30 प्रतिशत का मुआवजा दिया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्र का मुआवजा बढ़ाने पर हो रहा विचार

ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व आपदा प्रबंधन निधि के प्रावधानों के अनुसार मुआवजे की राशि निर्धारित है, हालांकि यह राशि कम है और सरकार इसे संशोधित करने पर विचार कर रही है।

मुख्यमंत्री ने की घोषणा, एचएसवीपी द्वारा वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक पानी के बिलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि को किया माफ

मनोहर लाल ने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से पानी के बिलों पर 5 फीसदी प्रति वर्ष की वृद्धि के अनुसार 5 वर्षों का 25 प्रतिशत बढ़ाकर बिल देने का विषय सामने आया था। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक उन बिलों का 25 प्रतिशत माफ कर दिया गया है और 5 प्रतिशत वृद्धि अब से लागू होगी।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा बिलों में 5 प्रतिशत की वृद्धि का सर्कुलर निकाला गया था, लेकिन डिमांड नोट नहीं भेजे। लोगों ने कहा कि एक साथ 25 प्रतिशत रेट बढ़ाना उचित नहीं है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2018 में जो 5 प्रतिशत की बढोतरी की थी, वह अब से लागू होगी। उन बिलों का 25 प्रतिशत माफ कर दिया है। इसके लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के लिए 42 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

कांवड़ियों की मृत्यु पर सरकार देगी 2 लाख रुपये का मुआवजा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कावड़ यात्रा के दौरान कुछ कावड़ियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई और पिछले साल की भांति इस वर्ष भी सरकार की ओर से मृतकों के परिवारजनों को 2 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। अभी तक 24 व्यक्तियों की मृत्यु की सूचना है।


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