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हरियाणा में 5 साल की अवधि में महज 74 भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों को सजा

Only 74 corrupt employees and officials punished in Haryana: हरियाणा में 5 साल की अवधि में महज 74 भ्रष्ट कर्मचारियों व अधिकारियों को सजा
एसीबी के पाए मामलों में 48 और पुलिस थानों में आई भ्रष्टाचार की शिकायतों  में 24 की सजा हुई। भ्रष्टाचार में लिप्त दो क्लास वन और दो क्लास टू अधिकारियों को भी सजा हुई। 

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार निरंतर दावा कर रही है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों से सख्ती से निपटा जा रहा है कि किसी के पद-कद को दरकिनार करते हुए एंटी करप्शन  ब्यूरो बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई कर रही है। वहीं विपक्ष लगातार लगातार सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरते हुए दावा करता है कि चुनाव से पहले बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है ताकि आने वाले चुनाव में इसका राजनीतिक फायदा लिया सके।

चूंकि अब इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आमने सामने हैं तो मामले उनकी बीच रहे तो ठीक है। इसी कड़ी में ये बता दें एंटी करप्शन ब्यूरो के सामने रिपोर्ट हुए कि हरियाणा में पिछले पांच साल की अवधि में भ्रष्टाचार में लिप्त करीब 50 अधिकारियों व कर्मचारियों को संबंधित न्यायालयों द्वारा सजा सुनाई गई है। इसके अलावा अलग से प्रदेश के अलग जिले में पुलिस के पास भी अधिकारियों व भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतों व मामलों में कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है। 

एसीबी के पाए मामलों में 48 और पुलिस थानों में आई भ्रष्टाचार की शिकायतों  में 24 की सजा हुई

बता दे कि रिश्वतखोरी के मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो और पुलिस दोनों अपने अपने स्तर पर कार्य करती हैं। ब्यूरो के पास किसी भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी या प्राइवेट व्यक्ति द्वारा हेल्पलाइन या अन्य किसी माध्यम के जरिए रिश्वत लेने की खबर आती है तो इस पर अलग स्तर पर मामला दर्ज किया जाता है।

इसके अलावा राज्य के अलग अलग जिलों में भी पुलिस करप्शन को लेकर अपने स्तर पर कार्रवाई करती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2020 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक एसीबी के पास आई शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई 48 एफआईआर में संबंधित क्रिमिनल कोर्ट  द्वारा सजा सुनाई गई है। इसके अलावा पुलिस स्टेशन में दर्ज की 8 एफआईआर व मामलों में सुनवाई करते हुए  24 अधिकारियों व कर्मचारियों को सजा सुनाई गई है। इस लिहाज से एसीबी व पुलिस के द्वारा दर्ज की गई 56 एफआईआर व केस में संबंधित कोर्ट ने कुल 74 को सजा सुनाई है। 

क्लास वन व क्लास टू अधिकारियों पर भी कार्रवाई 

वहीं दूसरी तरफ ये भी सामने आया है कि पिछले कुछ समय में एसीपी ने क्लास वन और क्लास टू लेवल के अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा है। एसीबी और पुलिस के पास आए मामलों में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 7 क्लास वन और क्लास टू अधिकारियों को सजा सुनाई है। इनमें एसीबी के पास क्लास वन और क्लास टू अधिकारियों के रिश्वत मामलों में दो क्लास वन अधिकारियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है।

इनमें से क्लास वन में पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर सुभाष दुग्गल को 4 साल की सजा व 10 हजार जुर्माना और भूना, फतेहाबाद के सिविल सर्जन डॉ राजवीर गर्ग को 6 महीने की सजा और 1 लाख का जुर्माना कोर्ट द्वारा लगाया गया। इसके अलावा क्लास टू अधिकारियों में राजकुमार, तहसील वेल्फेयर ऑफिसर,रविंद्र कुमार, एसडीओ, सब डिविजन-1 काडा, रोहतक  के अलावा पुलिस के पास आए मामलों में तीन क्लास टू अधिकारियों एसडीओ पंकज गांडा, एसडीओ सुरेश शर्मा, झज्जर और एचपीएस फूल कुमार को भी कोर्ट ने सजा सुनाई । 

पिछले साल 152 छापेमारी में 205 मामले दर्ज 

वहीं एंटी करप्शन द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार  एक सक्रिय अभियान में, हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो  अनुरूप वर्ष 2023 में 152 छापेमारी की है। इन छापेमारी में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ 205 मामले दर्ज किए गए। जो पिछले 10 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक संख्या है। ब्यूरो द्वारा की गई छापेमारियों में 86,12,300 रुपये बरामद किए।

इस दौरान 30 राजपत्रित अधिकारी, 156 गैर-राजपत्रित अधिकारी और 40 निजी व्यक्तियों सहित 186 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। ये भी सामने आया कि गत वर्ष 205 केसों में से 152 केस छापेमारी के आधार पर दर्ज किए गए थे और 53 मामले शिकायतों व पूछताछ के आधार पर दर्ज किए गए थे। इस प्रकार, औसतन, हर महीने 16 सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

सबसे ज्यादा रिश्वत के मामले पुलिस वालों के खिलाफ 

पुलिस विभाग की कार्यशैली और खाकी पर दाग हमेशा सवालों के घेरे में रहे हैं। खुद एंटी करप्शन ब्यूरो के आंकड़ों से भी पता चलता है कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायत व मामले पुलिस वालों के ही खिलाफ हैं। पिछले साल  जो मामले रिपोर्ट हुए उनमें  49 पुलिसकर्मी शामिल हैं। इनके अलावा राजस्व विभाग के 21 अधिकारी/कर्मचारी, बिजली विभाग के 10, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के 7, शहरी स्थानीय निकायों के 6, स्वास्थ्य सेवाओं के 5, सहकारिता के  शिक्षा विभाग के आबकारी एवं कराधान विभाग के  हरियाणा राज्य. कृषि विपणन बोर्ड और लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी  के कुल 16 , प्रत्येक के 4 के खिलाफ मामले हैं।

उपरोक्त के अलावा विकास एवं पंचायत विभाग के 2, वन विभाग के 2, गृह रक्षकों के 2, सिंचाई विभाग के 2, न्याय प्रशासन विभाग के 2, भूमि अभिलेख एवं समेकन के 2, कारागारों के 2 और लेखा एवं कोषागार, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, हरियाणा कृषि कौशल रोजगार निगम, हरियाणा राज्य भंडारण निगम, गृह, एचएसआईआईडीसी, एचएसवीपी, श्रम एवं रोजगार, खनन एवं भूविज्ञान, पंचायती राज, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण एवं परिवहन आदि के 14 कर्मचारियों को अलग-अलग मामलों में ₹1,000 से ₹10 लाख तक की रिश्वत लेते हुए मौके पर धरे गए थे। 

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