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पुलिस का नया प्लान: कलर कोडिंग से मोबाइल फ्रॉड पर लगेगी लगाम

पुलिस का नया प्लान: कलर कोडिंग से मोबाइल फ्रॉड पर लगेगी लगाम
गुरुग्राम में लगातार पुलिस के नाम पर लोगों को धमकाने के साथ-साथ ठगी की वारदात में बढ़ोतरी हो रही थी। ऐसे में परेशान होकर लोगों ने पुलिस को शिकायतें देनी शुरू की।

जालसाज अब फोन पर फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लोगों पर रौब डालना ठगी नहीं कर सकेंगे। गुरुग्राम पुलिस ने इस फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए सभी सरकारी मोबाइल और लैंडलाइन नंबर को वेरिफाई करने के साथ-साथ कलर कोडिंग करवाई है, ताकि लोग जालसाजों के झांसे में नहीं आएं।गुरुग्राम पुलिस ने ट्रू कॉलर कंपनी के साथ करार किया है।

पुलिस की तरफ से आने वाले नंबरों पर अब हरा रंग दिखाई देगा। जिस नंबर से फोन आया है कि वह किस अधिकारी का है, उसकी पूरी जानकारी होगी। इसके साथ-साथ वेरिफाई का निशान भी शो होगा।

गुरुग्राम में लगातार पुलिस के नाम पर लोगों को धमकाने के साथ-साथ ठगी की वारदात में बढ़ोतरी हो रही थी। ऐसे में परेशान होकर लोगों ने पुलिस को शिकायतें देनी शुरू की। पुलिस का नाम सुनते ही डर कर लोगों ने फोन उठाने भी बंद कर दिए थे। ऐसे में पुलिसकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

गुरुग्राम पुलिस ने लोगों को ठगी और फर्जी रौब से छुटकारा दिलाने के लिए ट्रू कॉलर कंपनी के साथ करार किया। उसके बाद गुरुग्राम पुलिस के नंबरों को वेरिफाई कर उनके लिए कंपनी की तरफ से हरे रंग का चयन किया गया, जबकि पहले सिर्फ स्पैम कॉल वाले नंबर लाल रंग और साधारण कॉल नीले रंग में शो होते थे।200 से ज्यादा नंबरों को वेरिफाई किया

कंपनी के साथ करार होने के बाद गुरुग्राम पुलिस के 200 से ज्यादा सरकारी नंबरों को वेरिफाई किया गया है। इनमें पुलिस कमिश्नर, सभी पुलिस उपायुक्त, एसीपी, सभी थाना प्रभारी, चौकी इंचार्ज, अपराध शाखा प्रभारी, ट्रैफिक थाना प्रभारी और फीडबैक सेल के नंबरों का वेरिफाई किया गया है।

इन नंबर से फोन आएगा या फिर उनके बारे में जानकारी हासिल करने पर वह हरे रंग में दिखाई देंगे। वहीं, जिस नंबर से फोन आएगा वह नंबर किस अधिकारी का है, उसके बारे में पूरी जानकारी होने के साथ-साथ वेरिफाई करने के लिए टिक भी लगाया गया है।

फरीदाबाद में यह व्यवस्था नहीं

बता दें कि, दिल्ली पुलिस ट्रू कॉलर से फोन नंबरों को वेरिफाई और कलर कोडिंग पहले ही करवा चुकी है। साइबर जालसाजों के हजारों मोबाइल नंबर भी ब्लैकलिस्ट कर दिए गए हैं। वहीं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में ऐसी व्यवस्था अब तक नहीं है।

गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि पुलिस के फोन नंबरों के सत्यापन और कलर कोडिंग का तरीका आगामी महीनों में निकाला जाएगा। वहीं, फरीदाबाद पुलिस गुरुग्राम पुलिस के इस तरीके का अध्ययन करने के बाद इसे लागू कर सकती है।


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