Rewari News: हरियाणा के सपूत Siddharth Yadav की शहादत, जगुआर क्रैश में खोया परिवार का इकलौता चिराग

Siddharth Yadav: परिवार की शान, देश का गौरव
सिद्धार्थ यादव का नाम सुनते ही उनके पिता सुशील की आंखों में चमक और गर्व का भाव उभर आता है। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ बचपन से ही होनहार था। जनवरी 2016 में वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के कोर्स 135 में शामिल हुआ था। हाल ही में 23 मार्च को उसकी सगाई हुई थी, और घर में खुशियों का माहौल था।
#WATCH | Rewri, Haryana | Air Force pilot Siddharth Yadav lost his life in a Jaguar fighter aircraft crash late last night in Jamnagar.
— ANI (@ANI) April 3, 2025
His father Sushil Yadav says, "The commanding air officer called last night at around 11 am and informed us about the incident that an aircraft… pic.twitter.com/UXxfHHn0IK
लेकिन किसे पता था कि यह खुशी इतनी अल्पकालिक होगी। सुशील खुद वायुसेना में रह चुके हैं, और उनके पिता व दादा भी सेना की शान रहे। सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सिद्धार्थ ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। सुशील ने गर्व से कहा, “मुझे अपने बेटे पर बहुत फक्र है। उसने एक जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। लेकिन यह दुख भी उतना ही बड़ा है, क्योंकि वह मेरा इकलौता बेटा था।”
जामनगर हादसा: तकनीकी खराबी बनी काल
जामनगर में हुए इस हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया। भारतीय वायुसेना का दो सीटों वाला जगुआर विमान रात के एक मिशन के दौरान तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। उड़ान भरते ही पायलटों को दिक्कत का अहसास हुआ। एयरफील्ड और आसपास के इलाकों को नुकसान से बचाने के लिए दोनों ने इजेक्शन का फैसला लिया। इस कोशिश में सिद्धार्थ की जान चली गई, जबकि दूसरा पायलट घायल हो गया। घायल पायलट को जामनगर के गुरु गोविंद सिंह सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक तिवारी ने बताया कि पायलट के पैर में फ्रैक्चर है, और इलाज जारी है।
वायुसेना का दुख और जांच के आदेश
भारतीय वायुसेना ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जारी बयान में कहा गया कि तकनीकी खराबी के चलते विमान को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया था। पायलटों ने आबादी वाले इलाकों को बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन यह हादसा टाला न जा सका। वायुसेना ने शहीद सिद्धार्थ के परिवार के प्रति संवेदना जताई और उनके साथ मजबूती से खड़े होने का वादा किया। साथ ही, हादसे की वजह जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं, ताकि तकनीकी खामी के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
यह कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं, बल्कि एक सपूत की बहादुरी और उसके परिवार के त्याग की है। सिद्धार्थ यादव अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शहादत हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की मिसाल बनकर जिंदा रहेगी।
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