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सीबीआई के शिकंजे में फंसा साइबर थाने का एसएचओ, रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार

सीबीआई के शिकंजे में फंसा साइबर थाने का एसएचओ, रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता से पांच लाख रुपये लेने की एवज इंस्पेक्टर बलवंत सिंह के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। 

हरियाणा के यमुनानगर में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यमुनानगर साइबर थाना के एसएचओ इंस्पेक्टर बलवंत सिंह व दो अन्य व्यक्तियों को मंगलवार को चंडीगढ़ से पांच लाख की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

आरोपी एसएचओ को अब हरियाणा पुलिस ने निलंबित कर दिया है। उधर मंगलवार देर रात सीबीआई की टीम इंस्पेक्टर बलवंत सिंह को साइबर क्राइम थाना यमुनानगर में लेकर आई थी। इस दौरान टीम अपने साथ वहां से कुछ दस्तावेज भी लेकर गई है।

एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है, जिसके बाद अब इंस्पेक्टर बलवंत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता से पांच लाख रुपये लेने की एवज इंस्पेक्टर बलवंत सिंह के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।

शिकायत में बताया गया है कि आरोपी इंस्पेक्टर ने एक मामले की जांच के तहत शिकायतकर्ता को फंसाने की धमकी देते हुए उससे 40 लाख रुपये की मांग की थी। बातचीत के बाद आरोपी पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने को तैयार हो गया।

इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी इंस्पेक्टर के कहने पर दो निजी व्यक्तियों को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपियों ने जब पूरी बात का खुलासा किया तो सीबीआई ने इंस्पेक्टर को भी गिरफ्त में लिया।

इंस्पेक्टर के आवासीय और कार्यालय परिसरों में तलाशी ली गई, जहां से सीबीआई की टीम ने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। इस संबंध में जांच जारी है।

रिश्वत के लिए लगातार दबाव बना रहा था इंस्पेक्टर

सीबीआई के डीआईजी को दी शिकायत में चंडीगढ़ सेक्टर 13 के मनीमाजरा के रहने वाले सुखजीत सिंह ने बताया कि उसकी सेक्टर 23 में एक दुकान है।

29 मार्च को उसकी दुकान पर यमुनानगर साइबर थाना के इंस्पेक्टर बलवंत सिंह अपने एक साथी के साथ आया और उससे विक्रमजीत सिंह निवासी मोहाली के बारे में पूछताछ करने लगा।

तब मैंने उन्हें बताया कि यह शख्स मेरे किराएदार समीर उप्पल सौरभ का साला है और मैं इन्हें समीर उप्पल के माध्यम से ही जानता हूं। समीर उप्पल के कारण हमारे विक्रमजीत सिंह के साथ व्यावसायिक संबंध हैं।

बलवंत सिंह ने मुझे बताया कि विक्रमजीत सिंह और आंचल मित्तल को हमने किसी मामले में पकड़ा है। इंस्पेक्टर ने उससे कहा कि आंचल मित्तल का कहना है कि उसने विक्रमजीत ने 40 लाख रुपए आपके पास रखे हैं।

इस पर मैंने कहा कि आंचल झूठ बोल रही है। इस पर सुखजीत ने अपने दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि उन्होंने विक्रमजीत से 26 लाख की पेमेंट लेनी है परंतु इंस्पेक्टर बलवंत सिंह ने मेरे दस्तावेजों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे दुकान से बाहर आने को कहा।

सुखजीत के अनुसार बाहर जाकर इंस्पेक्टर उससे बोला कि वह इस मामले में जांच अधिकारी है और वह उसका नाम भी एफआईआर में डाल देगा। उसके बाद उसकी खासी बदनामी होगी, भले बाद में कोर्ट से बरी हो जाऊं। इस मुसीबत से बचाने के लिए इंस्पेक्टर ने उससे 40 लाख रुपए की मांग की।

सुखजीत सिंह के शिकायत में कहा कि फिर इंस्पेक्टर बलवंत मुझे नीचे पार्किंग में ले गया, जहां हरियाणा पुलिस की गाड़ी में आंचल मित्तल नाम की लड़की से मिलवाया और बोला कि ये वही बयान देगी जो मैं चाहूंगा। उसके बाद इंस्पेक्टर बलवंत वहां से चला गया।

सुखजीत ने बताया इंस्पेक्टर बलवंत सिंह 31 मार्च को फिर पार्किंग में आया और उसने मुझे व्हाट्सएप कॉल कर संबंधित केस में फंसाने की धमकी दी।

उसके 10 अप्रैल तक उसे 40 लख रुपये का इंतजाम करने को कहा। ऐसे में परेशान होकर सुखजीत ने सीबीआई को शिकायत दे दी। जिसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाते हुए इंस्पेक्टर समेत अन्य को गिरफ्तार कर लिया।


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