Bharat Ratna Karpuri Thakur Quotes: भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के विचार और कोट्स
Karpuri Thakur Bharat Ratna Quotes aur vichar : कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे | 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे |अपने दो कार्यकाल में कुल मिलाकर ढाई साल के मुख्यमंत्रीत्व काल में उन्होंने जिस तरह की छाप बिहार के समाज पर छोड़ी है, वैसा दूसरा उदाहरण नहीं दिखता. ख़ास बात ये भी है कि वे बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे |
Karpuri Thakur Quotes in Hindi
हम सोए वतन को जगाने चले है
हम मुर्दा दिलो को जिलाने चले है।
गरीबों को रोटी ना देती हुकूमत,
जलिमो से लोहा बजाने चले है।
हमे और ज़्यादा ना छेड ,ए जालिम
मिटा देने जुल्म के ये सारे नज़ारे।
या मिटने को हम खुद दीवाने चले है,
हम सोए वतन को जगाने चले है ।
कर्पूरी ठाकुर पर कविता
“वो आदमी
जो भीड़ से घिरा है।
बहुतों की नज़र में
सिरफिरा है।
दरअसल
वो आदमी
जो
हाथों में
नींव की ईंट
और आँखों में
कल के सपने लिए
तेज कदमों से आगे बढ़ा है।
कई बार
तारीख के पन्नों में
बेवजह
सूली पर चढ़ा है।
वो आदमी
जो
सदियों से
सभ्यता के
मान-अपमान
हिंसा-प्रतिहिंसा
आरोप-प्रत्यारोप
सहता रहा है।
दरअसल
वो आदमी
बहुतों के लिए
चुनौती का
विषय रहा है।
वो आदमी
जो
अँधेरे को भेद कर
रोशनी का
संबल बना है।
दरअसल
वो आदमी
संकल्प
और
कर्म का योगी
लोहे का बना है।
वो आदमी
जो याचना नहीं
रण को समर्पित है
दरअसल
वो आदमी
मिट्टी और बालू
ईंट और गारे को अर्पित है।
यह सही है
कि
जुल्म और सितम का कुहासा
अभी घना है।
और
खामोश
आबादियों को
सिर उठाना
अभी मना है।
मगर
वो आदमी
जो भीड़ से घिरा है
क्या तुमने नहीं देखे
उसकी हथेलियों पर
कीलों के निशान।
कीर्तिमान
क्या तुमने नहीं पढ़ी
उसकी पेशानी पर लिखी
दास्तान।
वो आदमी
जो भीड़ से घिरा है
दरअसल
परमात्मा नहीं
भीड़ की आत्मा है।”
Opem on Karpuri Thakur
कर कर्पूरी, कर पूरा
छोड़ गद्दी, धर उस्तुरा.
ये आरक्षण कहां से आई
कर्पूरिया की माई बियाई.
MA-BA पास करेंगे
कर्पूरिया को बांस करेंगे.
दिल्ली से चमड़ा भेजा संदेश
कर्पूरी बार (केश) बनावे
भैंस चरावे रामनरेश.
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।