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Tax on Alcohol: एक बोतल शराब पर सरकार वसूलती है इतना टैक्स जान कर हैरान हो जाएंगे आप

Tax on Alcohol: एक बोतल शराब पर सरकार वसूलती है इतना टैक्स जान कर हैरान हो जाएंगे आप 
How much tax does government get from alcohol: ये कहा जाता है कि शराब से सरकार को अच्छा रेवेन्यु मिलता है तो आज बताते हैं कि आखिर सरकार को शराब से कैसे मिलता है और आप शराब की एक बोतल पर कितने रूपये टैक्स के रूप में देते हैं.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

Taxes on liquor by state in India : अगर शराब पर लगे टैक्स की बात करें तो यह राज्यों की कमाई का सबसे अहम जरिया है. जी हां, जब कोई व्यक्ति एक बोतल शराब खरीदता है तो उसमें आधे से ज्यादा पैसा टैक्स के रुप में सरकार खजाने में चला जाता है. ऐसे में आज समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर शराब पर कितना टैक्स लगता है और किस तरह से वसूला जाता है, साथ ही इसमें ज्यादा मुनाफा किसका होता है.

Total tax on alcohol in India

वैसे तो देश में जीएसटी प्रणाली से टैक्स वसूला जाता है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की तरह शराब जीएसटी से बाहर है. इसलिए राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से शराब पर टैक्स लगाती हैं. आमतौर पर राज्य शराब बनाने और बेचने पर टैक्स लगाते हैं, जो एक्साइज ड्यूटी के नाम पर वसूला जाता है. कई राज्यों ने इसके लिए वैट की व्यवस्था की है. एक्साइज ड्यूटी के अलावा भी शराब पर स्पेशल सेस, ट्रांसपोर्ट फीस, लेबल और रजिस्ट्रेशन जैसे कई चार्ज लगाए गए हैं.

Which state has highest tax on liquor in India

यह व्यवस्था हर राज्य के लिए अलग है. जैसे अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां गाय के लिए अलग सेस लगाया जाता है, जबकि अन्य राज्यों में यह नहीं है. दरअसल, शराब पर लगने वाले टैक्स को एक तरह से समझना मुश्किल है. एक तो सभी राज्य अलग अलग टैक्स लगाते हैं.

दूसरी बात ये है कि टैक्स व्यवस्था हर प्रोडक्ट के हिसाब से चेंज हो जाती है. जैसे- बीयर, व्हिस्की, रम, स्कोच, देशी शराब आदि पर अलग अलग तरह से टैक्स लगाया जाता है. इसमें भी भारत में निर्मित, विदेश में निर्मित (भारत में आयात की गई), इंडिया मेड फॉरेन लिकर, देशी शराब (इसमें भी अलग अलग प्रोडक्ट) के हिसाब से लैबलिंग और एक्साइज ड्यूटी वसूली जाती है. ऐसे में हर शराब पर हर राज्य में अलग टैक्स व्यवस्था है.

Tax on alcohol in India 2023

अगर औसत अंदाजा लगाया जाए तो अगर आप 1000 रुपये की शराब खरीदते हैं तो इसमें 35 से 50 या इससे ज्यादा तक टैक्स के रुप में पैसा देते हैं. यानी 1000 रुपये की शराब खरीदने पर आपके 1000 रुपये में से 350 से 500 रुपये तक के पैसे दुकानदार या शराब बनाने वाली कंपनी को नहीं बल्कि सरकार के खजाने में जाते है. सरकार पर इतना भारी भरकम टैक्स लगने की वजह से राज्यों को अरबों रुपये की कमाई सिर्फ शराब से ही हो जाती है.

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