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क्या है Google Tax जिसे भारत 1 अप्रैल से हटाने जा रहा है? जानें इसके फायदे और नुकसान

क्या है Google Tax जिसे भारत 1 अप्रैल से हटाने जा रहा है? जानें इसके फायदे और नुकसान
What is Google Tax: भारत 1 अप्रैल, 2025 से गूगल टैक्स (Google Tax) हटाने की तैयारी में है। 6% इक्वलाइजेशन लेवी, जो गूगल और मेटा की ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर लगती थी, खत्म होगी। इससे डिजिटल मार्केटिंग सस्ती होगी, भारतीय व्यवसायों को फायदा होगा, पर सरकार को टैक्स से आय का नुकसान हो सकता है।
Google Tax India kya hai What is Google Tax: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों ने दुनियाभर के देशों को अपनी नीतियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है, और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। इन धमकियों के चलते भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है—6% गूगल टैक्स (Google Tax) को खत्म करने की तैयारी। यह टैक्स, जिसे इक्वलाइजेशन लेवी (Equalization Levy) के नाम से भी जाना जाता है, गूगल (Google) और मेटा (Meta) जैसी विदेशी टेक कंपनियों की ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर लगाया जाता था। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त विधेयक में बदलाव के तहत 1 अप्रैल, 2025 से इस टैक्स को हटाया जा सकता है।

2016 में शुरू हुआ था यह Google Tax

साल 2016 में शुरू हुई यह इक्वलाइजेशन लेवी का मकसद था कि भारतीय बाजार से मोटा मुनाफा कमाने वाली विदेशी डिजिटल कंपनियां, भले ही उनकी यहां कोई फिजिकल मौजूदगी न हो, टैक्स के जरिए देश के विकास में योगदान दें। इसका लक्ष्य था भारतीय और विदेशी टेक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा को बराबर करना। जहां भारतीय कंपनियों को आयकर देना पड़ता था, वहीं विदेशी टेक दिग्गज बिना टैक्स चुकाए डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए कारोबार करते थे। यह टैक्स उस खाई को पाटने का एक तरीका था।

भारत क्यों हटा रहा है Google Tax?

तो सवाल उठता है कि आखिर भारत यह गूगल टैक्स क्यों हटा रहा है? विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के डिजिटल टैक्स सिस्टम में बदलाव का संकेत है। इसे अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने की एक चाल के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका लंबे समय से इस टैक्स का विरोध करता रहा है। उसका दावा है कि यह टैक्स गूगल और मेटा जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों के खिलाफ भेदभाव करता है। इस टैक्स को हटाकर भारत वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है।

Google Tax India kya hai: पहले क्या था असर?

पिछले कुछ सालों में इस टैक्स ने विदेशी डिजिटल कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ डाला। उन्हें भारत में ऑनलाइन विज्ञापन से होने वाली कमाई पर 6% टैक्स देना पड़ता था। लेकिन यह लागत ज्यादातर विज्ञापनदाताओं पर डाल दी जाती थी, जिससे भारतीय व्यवसायों के लिए डिजिटल मार्केटिंग महंगी हो गई। इससे छोटे और मझोले कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा।

टैक्स हटने से क्या होगा?

गूगल टैक्स खत्म होने से विदेशी डिजिटल कंपनियों को राहत मिलेगी। उनकी लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा। इससे भारत में निवेश का माहौल बेहतर हो सकता है। साथ ही, भारतीय व्यवसाय जो गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन करते हैं, उनकी मार्केटिंग लागत में कमी आएगी। इससे डिजिटल पहुंच बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। हालांकि, सरकार को टैक्स से होने वाली आय का नुकसान होगा, लेकिन लंबे समय में यह भारतीय कारोबारियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

विज्ञापन लागत पर पड़ा था असर

शुरुआत में गूगल टैक्स के चलते ऑनलाइन विज्ञापन की कीमतें बढ़ गई थीं। गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों ने यह अतिरिक्त बोझ विज्ञापनदाताओं पर डाल दिया, जिससे भारतीय व्यवसायों का मुनाफा कम हुआ। यह टैक्स उन टेक दिग्गजों से राजस्व जुटाने में पूरी तरह कामयाब नहीं रहा, जो भारतीय ग्राहकों से मोटी कमाई कर रहे थे। अब इस टैक्स को हटाने से कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।

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