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CM Startup Scheme: ऊना के विपन धीमान ई-रिक्शा बनाकर बने उद्यमी, पंडोगा में स्थापित किया प्लांट

CM Startup Scheme: ऊना के विपन धीमान ई-रिक्शा बनाकर बने उद्यमी, पंडोगा में स्थापित किया प्लांट
Himachal CM Startup Yojna: सीएम र्स्टाटअप योजना के तहत आईआईटी मंडी में एक वर्ष तक प्रोजेक्ट पर किया शोध कार्य

Himachal News, Himachal CM Startup Yojna, ऊना। कभी बचपन से भारतीय सेना ज्वाइन कर देश सेवा का सपना पाले ऊना के 38 वर्षीय विपन धीमान आज ई-रिक्शा बनाकर उद्यमी बन गए हैं।

विपन धीमान ने प्रदेश सरकार की विभिन्न स्वावलंबी योजनाओं का लाभ उठाते हुए ऊना के औद्योगिक क्षेत्र पंडोगा में ई-रिक्शा प्लांट स्थापित किया है।

मुख्य मंत्री र्स्टाटअप योजना के तहत इंक्युबेशन केंद्र आईआईटी मंडी में ई-रिक्शा पर एक वर्ष तक शोध कार्य करते हुए वे न केवल ई-रिक्शा का सफलतापूर्वक उत्पादन कर रहे हैं बल्कि अब 6 अन्य युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया है। 

CM Startup Scheme Vipan Dhiman of Una became an entrepreneur by making an e-rickshaw

वर्तमान में विपन धीमान के ई-रिक्शा के हिमाचल, चंडीगढ तथा पंजाब में कुल 5 डीलर भी कार्य कर रहे हैं जिनके माध्यम से लोग ई-रिक्शा को खरीद सकते हैं।

अब तक 15 ई-रिक्शा का निर्माण कर लगभग 35 लाख रूपये राशि जुटा चुके हैं। उनके द्वारा तैयार ये ई-रिक्शा न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि ऊना सहित अन्य स्थानों पर धड़ल्ले से यात्रियों को लाने व ले जाने का कार्य भी सफलता पूर्वक कर रहे हैं।

अच्छे खिलाड़ी भी हैं विपन धीमान

जब विपन धीमान से उनके द्वारा तैयार इलेक्ट्रिक वाहन (ई-रिक्शा) निर्माण की कहानी पर बातचीत की तो वे कहते हैं कि बचपन से ही भारतीय सेना में भर्ती होने का सपना पाला हुआ था तथा शारीरिक तौर पर स्वयं को तैयार भी करते रहे।

स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने एनसीसी भी ज्वाईन कर ली थी, लेकिन इस बीच शारीरिक समस्या के चलते सेना में भर्ती होने से रह गए तथा काॅलेज में स्नातक की पढाई शुरू कर दी।

साथ ही एनसीसी में प्रमुखता से भाग लेते हुए एनसीसी-सी सर्टिफिकेट भी हासिल किया। साथ ही बाॅक्सिंग व शूटिंग खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे तथा प्रदेश स्तर पर गोल्ड व सिल्वर मेडल भी जीते। स्नातक स्तर की परीक्षा में कम अंकों के चलते वे एनसीसी सी सर्टिफिकेट के बावजूद सेना में एक बार फिर भर्ती होने से वंचित रहना पड़ा। 

ग्रेजुएशन के बाद संभाला पिता का ऑटो स्पेयर पार्टस बिजनेस

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भावुक होते हुए विपन धीमान कहते हैं कि काॅलेज शिक्षा पूरी होते ही पिता नौकरी के लिए विदेश चले गए। उन्हें पारिवारिक स्पेयर पार्टस के बिजनेस को संभालना पड़ा। इस दौरान ऑटो सेक्टर में कुछ हटकर करने का जज्बा पैदा हुआ। वर्ष 2010 में रोपड़ स्थित रियात-बाहरा पाॅलीटेक्निक संस्थान में ऑटो मोबाइल पाठयक्रम में प्रवेश ले लिया।

वर्ष 2013 में डिप्लोमा पाठयक्रम के अंतिम समेस्टर में एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया जिसे राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ आंका गया। इसके बाद चंडीगढ से डिजाइन कैड में मास्टर डिप्लोमा भी हासिल किया। उन्‍होंने महिंद्रा ऑटो कंपनी में एक साल तक कार्य किया तथा वर्ष 2015 में वे दुबई चले गए।

दुबई में भी ऑटो मोबाइल सेक्टर कंपनी में काम करते हुए इसकी बारीकियों को समझा। वर्ष 2017 में स्वदेश लौटे तथा पारिवारिक बिजनेस को पुनः संभालना शुरू किया।

ई-रिक्शा निर्मित करने को बढ़ाए कदम

विपन धीमान कहते हैं कि वर्ष 2017 में बिजनेस के संबंध में दिल्ली गए तो उन्‍होंने ई-रिक्शा में सफर करने का मौका मिला। इस दौरान ई-रिक्शा निर्माण की खामियों को पहचाना तथा एक अच्छा माॅडल तैयार करने की ठानी।

इंटरनेट के माध्यम से ई-रिक्शा बनाने के सभी पैरामीटर को जाना व समझा तथा वर्ष 2018 में ई-रिक्शा का प्रोटोटाइप माॅडल तैयार किया।

लगभग एक माह तक शोध करने के बाद अपने स्तर पर ही लगभग 15 लाख रूपये व्यय कर ई-रिक्शा निर्मित करने का निर्णय लिया।

इस बीच प्रदेश सरकार की ओर से उद्योग विभाग के तहत आर्थिक सहायता की जानकारी मिली।

उद्योग विभाग के माध्यम से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सरकार को प्रस्तुत करके उन्हें सीएम र्स्टाटअप स्कीम के तहत स्वीकृति मिली।

स्कीम के तहत 10 लाख रूपये तथा इंक्युबेशन केन्द्र के माध्यम से 15 लाख रूपये स्वीकृत हुए।

वर्ष 2019 में इंक्युबेशन केंद्र आईआईटी मंडी ने ई-रिक्शा प्रोजेक्ट पर कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की और 1.50 लाख रूपये की राशि भी उपलब्ध करवाई।

हिम र्स्टाटअप के तहत स्वीकृत हुए 50 लाख रुपये, जनवरी 2023 से शुरू किया उत्पादन

आईआईटी मंडी ने ई-रिक्शा प्रोजेक्ट का प्रमाणीकरण कर उन्‍होंने हिम र्स्टाटअप के तहत 50 लाख रूपये, निधि ट्रिप्पल एस (एनआईडीएचआई सीड स्पोर्ट प्रोग्राम) स्कीम के तहत 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत हुई।

अप्रैल, 2022 में ऊना के पंडोगा में ई-रिक्शा मैन्युफैक्चरिंग इकाई स्थापित की तथा जनवरी 2023 से ई-रिक्शा का उत्पादन शुरू कर दिया है। उन्होंने अब तक 15 ई-रिक्शा तैयार कर लगभग 35 लाख रूपये की राशि जुटा ली है।

सीएम र्स्टाटअप स्कीम के तहत विपन धीमान के ई-व्हीकल प्रोेजेक्ट को स्वीकार करते हुए आईआईटी मंडी के माध्यम से शोध कार्य किया गया।

पंडोगा औद्योगिक क्षेत्र में 2 हजार वर्ग मीटर का प्लाट आवंटित कर एक करोड रूपये का निवेश कर प्रोडक्शन इकाई स्थापित की है।  जनवरी 2023 से ई-व्हीकल (ई-रिक्शा) का व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू कर दिया है। 


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