Aaj ka Rashifal: 4 जनवरी 2023 काे कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj ka Rashifal: (Happy New Year 2023) आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है। यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं astrology tips और shubh muhurat तथा nakshtra और dishashul के बारे में भी बताया जाएगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
आय में वृद्धि होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विरोध की संभावना, धनहानि, गृहस्थी में कलह, रोग से घिरने की संभावना, कुछ कार्यसिद्धि की संभावना। चिंताएं जन्म लेंगी। स्त्री पीड़ा, कुछ लाभ की आशा करें।
वृष
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। भागदौड़ रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धनागम सुस्त रहेगा। कार्य के प्रति अनमनापन रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। कुछ लाभ की संभावना। चिंताएं कुछ कम होंगी।
मिथुन
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शत्रु भय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में ग्राहकी अच्छी रहेगी। नौकरी में कार्य व्यवहार, ईमानदारी की प्रशंसा होगी। मशक्कत करने से लाभ होगा। चिंता होगी। शत्रु पराजित होंगे।
कर्क
पार्टनर से मतभेद समाप्त होगा। नौकरी में अधिकारी का सहयोग तथा विश्वास मिलेगा। पारिवारिक व्यस्तता रहेगी। आकस्मिक व्यय से तनाव रहेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। विवेक से कार्य करें। स्थानीय धर्मस्थल की परिवार के साथ यात्रा होगी।
सिंह
लेन-देन में सावधानी रखें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शत्रु पर विजय, हर्ष के समाचार मिलने की संभावना। कुसंग से हानि। धनागम सुखद रहेगा। प्रेमिका मिलेगी। कुछ आय होगी। माता को कष्ट रहेगा।
कन्या
कारोबारी नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्त्री कष्ट संभव। कलह से बचें। कार्य में सफलता, शत्रु पराजित होंगे। विवेक से कार्य बनेंगे। पेट रोग से पीड़ित होने की संभावना। वस्त्राभूषण की प्राप्ति के योग।
तुला
भय, पीड़ा व भ्रम की स्थिति बन सकती है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। भय-पीड़ा, मानसिक कष्ट की संभावना। लाभ तथा पराक्रम ठीक रहेगा। दु:समाचार प्राप्त होंगे। हानि तथा भय की संभावना, पराक्रम से सफलता, कलहकारी वातावरण बनेगा। भयकारक दिन रहेगा।
वृश्चिक
यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। कानूनी बाधा दूर होगी। देव दर्शन होंगे। राज्य से लाभ होने की संभावना। मातृपक्ष की चिंता। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। धनागम की संभावना। मित्र मिलेंगे। विवाद न करें।
धनु
बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। नेत्र पीड़ा की संभावना। धनलाभ एवं बुद्धि लाभ होगा। शत्रु से परेशान होंगे। अपमान होने की संभावना। कष्ट की संभावना। धनहानि। कष्ट-पीड़ा। शारीरिक पीड़ा होगी।
मकर
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। आगे बढ़ने के मार्ग मिलने की संभावना। शत्रु पराजित होंगे। लाभ होगा। स्वास्थ्य ठीक होगा। अनजाना भय सताएगा। राज्य से लाभ। शत्रु शांत होंगे।
कुंभ
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। परिवार की चिंता रहेगी। लाभ होगा। अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। चिंता से मुक्ति नहीं मिलेगी। शत्रु दबे रहेंगे। कलह-अपमान से बचें। संभावित यात्रा होगी। सावधानी बरतना होगी।
मीन
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। घर-बाहर अशांति रह सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। कुछ कष्ट होने की संभावना। लाभ के योग बनेंगे। स्त्री वर्ग को कष्ट। कुसंग से कष्ट। कलहकारक दिन रहेगा। अपनी तरफ से बात को बढ़ावा न दें।
दिनाँक:-04/01/2023, बुधवार
त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष,
पौष
(समाप्ति काल)
तिथि------- त्रयोदशी 24:00:07 तक
पक्ष------------------------ शुक्ल
नक्षत्र--------- रोहिणी 18:47:25
योग----------- शुक्ल 31:32:07
करण----------- कौलव 10:58:34
करण----------- तैतुल 24:00:07
वार------------------------ बुधवार
माह------------------------ पौष
चन्द्र राशि------------------- वृषभ
सूर्य राशि--------------------- धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
विक्रम संवत--------------- 2079
गुजराती संवत------------- 2079
शक संवत------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:11:44
सूर्यास्त---------------- 17:36:26
दिन काल------------- 10:24:41
रात्री काल--------------13:35:29
चंद्रोदय--------------- 15:23:25
चंद्रास्त---------------- 29:51:28
लग्न---- धनु 19°14' , 259°14'
सूर्य नक्षत्र--------------- पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र------------------ रोहिणी
नक्षत्र पाया-------------------- लोग
पद, चरण
वी---- रोहिणी 12:10:08
वु---- रोहिणी 18:47:25
वे---- मृगशिरा 25:25:37
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 19 : 29 पू oषाo , 2 धा
चन्द्र =वृषभ 17°23, रोहिणी , 3 वी
बुध =धनु 27 ° 34' उ o षाo ' 1 भे
शुक्र=मकर 07°05, उ o षाo ' 4 जी
मंगल=वृषभ 14°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 07°30 ' उ o भा o, 2 थ
शनि=मकर 28°43 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व) मेष 15°50 भरणी , 2 ली
केतु=(व) तुला 15°50 विशाखा , 3 रो
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 12:24 - 13:42 अशुभ
यम घंटा 08:30 - 09:48 अशुभ
गुली काल 11:06 - 12:24 अशुभ
अभिजित 12:03 - 12:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:03 - 12:45 अशुभ
वर्ज्यम 09:58 - 11:44 अशुभ
चोघडिया, दिन
लाभ 07:12 - 08:30 शुभ
अमृत 08:30 - 09:48 शुभ
काल 09:48 - 11:06 अशुभ
शुभ 11:06 - 12:24 शुभ
रोग 12:24 - 13:42 अशुभ
उद्वेग 13:42 - 15:00 अशुभ
चर 15:00 - 16:18 शुभ
लाभ 16:18 - 17:36 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग 17:36 - 19:18 अशुभ
शुभ 19:18 - 21:00 शुभ
अमृत 21:00 - 22:42 शुभ
चर 22:42 - 24:24* शुभ
रोग 24:24* - 26:06* अशुभ
काल 26:06* - 27:48* अशुभ
लाभ 27:48* - 29:30* शुभ
उद्वेग 29:30* - 31:12* अशुभ
होरा, दिन
बुध 07:12 - 08:04
चन्द्र 08:04 - 08:56
शनि 08:56 - 09:48
बृहस्पति 09:48 - 10:40
मंगल 10:40 - 11:32
सूर्य 11:32 - 12:24
शुक्र 12:24 - 13:16
बुध 13:16 - 14:08
चन्द्र 14:08 - 15:00
शनि 15:00 - 15:52
बृहस्पति 15:52 - 16:44
मंगल 16:44 - 17:36
होरा, रात
सूर्य 17:36 - 18:44
शुक्र 18:44 - 19:52
बुध 19:52 - 21:00
चन्द्र 21:00 - 22:08
शनि 22:08 - 23:16
बृहस्पति 23:16 - 24:24
मंगल 24:24* - 25:32
सूर्य 25:32* - 26:40
शुक्र 26:40* - 27:48
बुध 27:48* - 28:56
चन्द्र 28:56* - 30:04
शनि 30:04* - 31:12
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 04:50 से 07:00 तक
मकर > 07:04 से 08:40 तक
कुम्भ > 08:40 से 10:18 तक
मीन > 10: 14 से 11:42 तक
मेष > 11:42 से 13:22 तक
वृषभ > 13:22 से 17:40 तक
कर्क > 17:40 से 19:50 तक
सिंह > 19:50 से 22:06 तक
कन्या > 22:06 से 00:16 तक
तुला > 00:16 से 03:24 तक
वृश्चिक > 02:24 से 04:40 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
13 + 4 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
विशेष जानकारी
*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*रोहिणी व्रत
*सर्वार्थ सिद्धि योग
शुभ विचार
यावत्स्वस्थो ह्ययं देहो यावन्मृत्युश्च दूरतः ।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।
।। चा o नी o।।
जब आपका शरीर स्वस्थ है और आपके नियंत्रण में है उसी समय आत्मसाक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
स्वयमेवात्मनात्मानं वेत्थ त्वं पुरुषोत्तम ।,
भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ॥,
हे भूतों को उत्पन्न करने वाले! हे भूतों के ईश्वर! हे देवों के देव! हे जगत् के स्वामी! हे पुरुषोत्तम! आप स्वयं ही अपने से अपने को जानते हैं॥,15॥,
Swami Vivekananda के कोट्स और मैसेज भेजकर युवाओं को दिखाएं प्रगति का मार्ग
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