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Pisces Horoscope 23 September 2022: मीन राशि के जातकों का आज का राशिफल

Horoscope
Pisces Horoscope 23 September 2022: आज के दिन आपको भाग्य का साथ मिलने से आपकी मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे।
Pisces Horoscope 23 September 2022: आर्थिक स्थिति को लेकर यदि आपको कोई चिंता सता रही थी,तो वह आज समाप्त होगी,क्योंकि वह पहले से सुदृढ़ होगी।

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***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ  पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-23/09/2022, शुक्रवार
त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,
आश्विन
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मीन

आज के दिन आपको भाग्य का साथ मिलने से आपकी मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार अच्‍छा चलेगा। भूमि व भवन संबंधित कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। मातहतों का सहयोग मिलेगा। कर्ज की रकम चुका पाएंगे। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। आलस्य न करें। निवेश शुभ रहेगा। आपको व्यवसाय की कुछ रुकी हुई योजनाओं को समय रहते पूरा करना होगा,नहीं तो बाद में वह आपके लिए समस्या लेकर आ सकती हैं। आपको यदि कोई स्वास्थ्य समस्या घेरे हुए थी,तो उसमें आज काफी हद तक सुधार होगा। सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने का आज आपको मौका मिलेगा,जिससे आपकी साख चारों ओर फैलेगी। आर्थिक स्थिति को लेकर यदि आपको कोई चिंता सता रही थी,तो वह आज समाप्त होगी,क्योंकि वह पहले से सुदृढ़ होगी।

तिथि----------    त्रयोदशी    26:30:04        तक 
पक्ष-------------------------    कृष्ण
नक्षत्र-------------    मघा    27:49:27
योग-------------    सिद्ध     09:53:32
करण--------------    गर    13:57:24
करण-----------    वणिज    26:30:04
वार-----------------------    शुक्रवार
माह------------------------आश्विन
चन्द्र राशि-------------------   सिंह
सूर्य राशि---------------------कन्या
रितु-------------------------    शरद
आयन-----------------    दक्षिणायण
संवत्सर-------------------    शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)---------------------    नल
विक्रम संवत----------------    2079 
गुजराती संवत-------------    2078
शक संवत------------------    1944

सूर्योदय---------------    06:09:06    
सूर्यास्त----------------    18:13:40
दिन काल-------------    12:04:33    
रात्री काल------------    11:55:54
चंद्रास्त----------------    17:05:55    
चंद्रोदय---------------    28:25:34

लग्न---- कन्या 5°49' , 155°49'

सूर्य नक्षत्र----------    उत्तरा फाल्गुनी    
चन्द्र नक्षत्र-------------------- मघा 
नक्षत्र पाया------------------- रजत 

🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩

मा----    मघा    08:31:47

मी---- मघा 14:59:34

मू----    मघा    21:25:28

मे----    मघा    27:49:27

💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
==========================
सूर्य=कन्या    05 :49  उ o फ़ाo   ,      3        पा 
चन्द्र =सिंह 02 °23, अश्लेषा  ,         1      मघा 
बुध =कन्या  06  ° 34'  उ o फा      '   3          पा 
शुक्र=सिंह    27°05,  उ o फ़ा o     '      1       टे
मंगल=वृषभ  22°30  '   रोहिणी'    4         वु
गुरु=मीन  09°30 '   उ o भा o,      2          थ 
शनि=मकर 25°43 '      धनिष्ठा   '  1           गा       
राहू=(व) मेष  21°30'     भरणी ,   3           ले 
केतु=(व) तुला 21°30   विशाखा ,   1         ती

राहू काल    10:41 - 12:11    अशुभ
यम घंटा    15:13 - 16:43    अशुभ
गुली काल    07:40 - 09:10 अशुभ 
अभिजित    11:47 - 12:36    शुभ
दूर मुहूर्त    08:34 - 09:22    अशुभ
दूर मुहूर्त    12:36 - 13:24    अशुभ
वर्ज्यम    14:59 - 16:43    अशुभ
गंड मूल    06:09 - 27:49*    अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर    06:09 - 07:40    शुभ
लाभ    07:40 - 09:10    शुभ
अमृत    09:10 - 10:41    शुभ
काल    10:41 - 12:11    अशुभ
शुभ    12:11 - 13:42    शुभ
रोग    13:42 - 15:13    अशुभ
उद्वेग    15:13 - 16:43    अशुभ
चर    16:43 - 18:14    शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग    18:14 - 19:43    अशुभ
काल    19:43 - 21:13    अशुभ
लाभ    21:13 - 22:42    शुभ
उद्वेग    22:42 - 24:12*    अशुभ
शुभ    24:12* - 25:41*    शुभ
अमृत    25:41* - 27:11*    शुभ
चर    27:11* - 28:40*    शुभ
रोग    28:40* - 30:10*    अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र    06:09 - 07:09
बुध    07:09 - 08:10
चन्द्र    08:10 - 09:10
शनि    09:10 - 10:11
बृहस्पति    10:11 - 11:11
मंगल    11:11 - 12:11
सूर्य    12:11 - 13:12
शुक्र    13:12 - 14:12
बुध    14:12 - 15:13
चन्द्र    15:13 - 16:13
शनि    16:13 - 17:13
बृहस्पति    17:13 - 18:14

🚩होरा, रात
मंगल    18:14 - 19:13
सूर्य    19:13 - 20:13
शुक्र    20:13 - 21:13
बुध    21:13 - 22:12
चन्द्र    22:12 - 23:12
शनि    23:12 - 24:12
बृहस्पति    24:12* - 25:11
मंगल    25:11* - 26:11
सूर्य    26:11* - 27:11
शुक्र    27:11* - 28:10
बुध    28:10* - 29:10
चन्द्र    29:10* - 30:10

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल  💮🚩 

कन्या  >  04:45  से  07:08 तक
तुला   >  07:08  से   09:14  तक
वृश्चिक > 09:14   से  11:30  तक 
धनु     > 11:40   से   13:56 तक
मकर   > 13:56   से 15:38  तक
कुम्भ   > 15:38   से  17:06  तक
मीन    > 17:06   से  17:40   तक
मेष     > 17:40   से  19:14   तक
वृषभ   > 19:14  से  22:00   तक 
कर्क    > 01:00  से  02:30  तक
सिंह    >  02:30  से 04:51   तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

  15 + 13 +  6 + 1 = 35  ÷ 4 = 3 शेष
 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 केतु ग्रह मुखहुति

💮    शिव वास एवं फल -:

 28 + 28  + 5 =  61 ÷ 7 = 5 शेष

 ज्ञानवेलायां  = कष्ट कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 26:30 से प्रारम्भ 

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी 

💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮

* प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

* त्रयोदशी श्राद्ध 

💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮

मूर्खाणां पण्डिता द्वेष्या अधनानां महाधनाः ।
वरांगना कुलस्त्रीणां सुभगानां च दुर्भगा ।।
।। चा o नी o।।

मूढ़ लोग बुद्धिमानो से इर्ष्या करते है. गलत मार्ग पर चलने वाली औरत पवित्र स्त्री से इर्ष्या करती है. बदसूरत औरत खुबसूरत औरत से इर्ष्या करती है.

🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13

बहिरन्तश्च भूतानामचरं चरमेव च ।,
सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञयं दूरस्थं चान्तिके च तत्‌ ॥,

वह चराचर सब भूतों के बाहर-भीतर परिपूर्ण है और चर-अचर भी वही है।, और वह सूक्ष्म होने से अविज्ञेय (जैसे सूर्य की किरणों में स्थित हुआ जल सूक्ष्म होने से साधारण मनुष्यों के जानने में नहीं आता है, वैसे ही सर्वव्यापी परमात्मा भी सूक्ष्म होने से साधारण मनुष्यों के जानने में नहीं आता है) है तथा अति समीप में (वह परमात्मा सर्वत्र परिपूर्ण और सबका आत्मा होने से अत्यन्त समीप है) और दूर में (श्रद्धारहित, अज्ञानी पुरुषों के लिए न जानने के कारण बहुत दूर है) भी स्थित वही है॥,15॥,


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