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Taurus Horoscope 25 September 2022: वृष राशि के जातकों का आज का राशिफल

Horoscope
Taurus Horoscope 25 September 2022: आज परिवार में माहौल खुशनुमा रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी।
Taurus Horoscope 25 September 2022: आपको अपने मन में चल रही योजनाओं का किसी से जिक्र करने से बचना होगा,नहीं तो वह इसका फायदा उठा सकता है। आप अपने घर में साफ-सफाई व रखरखाव आदि पर पूरा ध्यान देंगे।

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***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ  पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक :- 25/09/2022, रविवार
अमावस्या, कृष्ण पक्ष,
आश्विन 
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)

💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृष 

आज परिवार में माहौल खुशनुमा रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आपका कोई संपत्ति संबंधित बटवारा आपको परेशान कर सकता है। आज आपकी किसी नए वाहन को खरीदने की इच्छा पूरी होगी और परिवार में माहौल खुशनुमा रहेगा। नौकरी में कार्यरत लोगों को किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह मशवरे की आवश्यकता होगी। आपको अपने मन में चल रही योजनाओं का किसी से जिक्र करने से बचना होगा,नहीं तो वह इसका फायदा उठा सकता है। आप अपने घर में साफ-सफाई व रखरखाव आदि पर पूरा ध्यान देंगे।

तिथि--------    अमावस्या    27:23:31       तक 
पक्ष-------------------------    कृष्ण
नक्षत्र---------    उoफाo    29:54:08
योग--------------    शुभ    09:03:43
करण---------    चतुष्पद    15:21:19
करण------------    नाग     27:23:31
वार------------------------    रविवार
माह----------------------- आश्विन
चन्द्र राशि--------  सिंह    11:21:00
चन्द्र राशि-------------------  कन्या
सूर्य राशि---------------------कन्या
रितु--------------------------    शरद
आयन-----------------    दक्षिणायण
संवत्सर------------------    शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------    नल
विक्रम संवत----------------    2079 
गुजराती संवत--------------    2078 
शक संवत-----------------    1944

वृन्दावन 
सूर्योदय---------------    06:10:02    
सूर्यास्त----------------    18:11:20
दिन काल-------------    12:01:18    
रात्री काल-------------    11:59:09
चंद्रास्त----------------    18:08:48    
चंद्रोदय----------------    30:18:36

लग्न---- कन्या 7°46' , 157°46'

सूर्य नक्षत्र----------    उत्तरा फाल्गुनी    
चन्द्र नक्षत्र---------    उत्तरा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया------------------- रजत 

🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩

टे----    उत्तरा फाल्गुनी    11:21:00

टो----    उत्तरा फाल्गुनी    17:33:47

पा----    उत्तरा फाल्गुनी    23:44:49

पी----    उत्तरा फाल्गुनी    29:54:08

💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
==========================
सूर्य=कन्या    07 :49  उ o फ़ाo  ,     4        पी 
चन्द्र =सिंह27 °23, उ o फा o ,     1      टे
बुध =कन्या  04  ° 34'  उ o फा      '   3      पा 
शुक्र=कन्या    00°05,  उ o फ़ा o     '      2    टो 
मंगल=वृषभ  23°30  ' मृगशिरा'    1          वे 
गुरु=मीन  09°30 '   उ o भा o,      2          थ 
शनि=मकर 25°43 '      धनिष्ठा   '  1           गा       
राहू=(व) मेष  21°15'     भरणी ,   3           ले 
केतु=(व) तुला 21°15   विशाखा ,   1         ती

राहू काल    16:41 - 18:11    अशुभ
यम घंटा    12:11 - 13:41    अशुभ
गुली काल    15:11 - 16: 41अशुभ 
अभिजित    11:47 - 12:35    शुभ
दूर मुहूर्त    16:35 - 17:23    अशुभ
वर्ज्यम    12:36 - 14:15    अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग    06:10 - 07:40    अशुभ
चर    07:40 - 09:10    शुभ
लाभ    09:10 - 10:41    शुभ
अमृत    10:41 - 12:11    शुभ
काल    12:11 - 13:41    अशुभ
शुभ    13:41 - 15:11    शुभ
रोग    15:11 - 16:41    अशुभ
उद्वेग    16:41 - 18:11    अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ    18:11 - 19:41    शुभ
अमृत    19:41 - 21:11    शुभ
चर    21:11 - 22:41    शुभ
रोग    22:41 - 24:11*    अशुभ
काल    24:11* - 25:41*    अशुभ
लाभ    25:41* - 27:11*    शुभ
उद्वेग    27:11* - 28:41*    अशुभ
शुभ    28:41* - 30:11*    शुभ

होरा, दिन
सूर्य    06:10 - 07:10
शुक्र    07:10 - 08:10
बुध    08:10 - 09:10
चन्द्र    09:10 - 10:10
शनि    10:10 - 11:11
बृहस्पति    11:11 - 12:11
मंगल    12:11 - 13:11
सूर्य    13:11 - 14:11
शुक्र    14:11 - 15:11
बुध    15:11 - 16:11
चन्द्र    16:11 - 17:11
शनि    17:11 - 18:11

🚩होरा, रात
बृहस्पति    18:11 - 19:11
मंगल    19:11 - 20:11
सूर्य    20:11 - 21:11
शुक्र    21:11 - 22:11
बुध    22:11 - 23:11
चन्द्र    23:11 - 24:11
शनि    24:11* - 25:11
बृहस्पति    25:11* - 26:11
मंगल    26:11* - 27:11
सूर्य    27:11* - 28:11
शुक्र    28:11* - 29:11
बुध    29:11* - 30:11

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल  💮🚩 

कन्या  >  03:56  से  06:56 तक
तुला   >  06:56  से   09:00  तक
वृश्चिक > 09:00   से  11:16  तक 
धनु     > 11:16   से   13:42 तक
मकर   > 13:42   से 15:24  तक
कुम्भ   > 15:24   से  16:52  तक
मीन    > 16:52   से  17:26   तक
मेष     > 17:26   से  19:00   तक
वृषभ   > 19:00  से  21:46   तक 
कर्क    > 21:46  से  02:16  तक
सिंह    >  02:16  से 04:37   तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
पी
  15+ 15 + 1+ 1 + = 32÷4= 0 शेष
 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति
💮    शिव वास एवं फल -:
 30 +  30 + 5 =   6÷ 7 = 2  शेष

 गौरि सन्निधौ  = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮

*अमावस्या श्राद्ध 

*देवपितृकार्य अमावस्या

* पितृ विसर्जन

*सर्वार्थ सिद्धि योग 29:54 से 

💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮

भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर्वराङ्गना ।
विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ।।
।। चा o नी o।।

भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता, सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति, पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना - ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं

🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13

इति क्षेत्रं तथा ज्ञानं ज्ञेयं चोक्तं समासतः ।,
मद्भक्त एतद्विज्ञाय मद्भावायोपपद्यते ॥,

इस प्रकार क्षेत्र (श्लोक 5-6 में विकार सहित क्षेत्र का स्वरूप कहा है) तथा ज्ञान (श्लोक 7 से 11 तक ज्ञान अर्थात ज्ञान का साधन कहा है।,) और जानने योग्य परमात्मा का स्वरूप (श्लोक 12 से 17 तक ज्ञेय का स्वरूप कहा है) संक्षेप में कहा गया।, मेरा भक्त इसको तत्व से जानकर मेरे स्वरूप को प्राप्त होता है॥,18॥,


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