Aaj Ka Rashifal: 20 फरवरी 2023 को कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj Ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा। ग्रह गोचर और शुभ मूहुर्त का समय क्या है। यहां आपको Yearly Horoscope 2023 दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले पंचांग का ब्यौरा उपलब्ध है।
यहां आपको Horoscope और Astrology के साथ-साथ Aaj Ka Panchang पढ़ने को मिलेगा। वहीं एस्ट्रोलॉजी टिप्स और शुभ मुहूर्त तथा नक्षत्र और दिशाशूल के बारे में भी बताया जाएगा।
मेष
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। भूमि व भवन की खरीद-फरो्ख्त की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। निवेश शुभ रहेगा। लंबी यात्रा का मन बनेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। भय रहेगा। चोट व रोग से बचें।
वृष
प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। शत्रु पस्त होंगे। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।
मिथुन
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। क्रोध व उत्तेजना से बाधा उत्पन्न होगी। नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। दूसरों के काम में दखल न दें। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद से बचें।
कर्क
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि में मन लगेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। राजभय है। जल्दबाजी न करें। वाणी में संयम रखें।
सिंह
देव-दर्शन का कार्यक्रम बनेगा। अध्यात्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। प्रभावशालीव व्यक्तियों से परिचय बढ़ेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेगा।
कन्या
किसी अपरिचित की बातों में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में अधिक प्रयास करना पड़ेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी झगड़े में न पड़ें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कुसंगति से हानि होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
तुला
भागदौड़ रहेगी। किसी व्यक्ति के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। बनते काम बिगड़ सकते हैं, धैर्य रखें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। किसी के उकसावे में न आएं। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है।
वृश्चिक
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास बना रहेगा। नौकरी व व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। कोई अनहोनी होने की आशंका रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।
धनु
सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। यात्रा की योजना बनेगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। प्रयास सफल रहेंगे।
मकर
प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक लाभ बढ़ेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। विरोध करने का अवसर दूसरों को न दें। प्रसन्नता बनी रहेगी।
कुंभ
यात्रा मनोरंजक रहेगी। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। व्यस्तता के चलते थकान महसूस होगी। विवेक से कार्य करें। लाभार्जन सहज होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।
मीन
यात्रा मनोरंजक रहेगी। नई योजना बनेगी। व्यवसाय में वृद्धि के लिए सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से बचें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।
*दिनाँक:-20/02/2023, सोमवार*
अमावस्या, कृष्ण पक्ष,
फाल्गुन
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि-------- अमावस्या 12:34:47 तक
पक्ष------------------------- कृष्ण
नक्षत्र---------- धनिष्ठा 11:45:05
योग------------ परिघ 11:01:35
करण------------ नाग 12:34:47
करण--------किन्स्तुघ्न 22:47:15
वार------------------------सोमवार
माह----------------------- फाल्गुन
चन्द्र राशि-------------------- कुम्भ
सूर्य राशि-------------------- कुम्भ
रितु------------------------- वसंत
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------ शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ---------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत------------- 2079
शक संवत------------------1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 06:53:49
सूर्यास्त--------------- 18:12:26
दिन काल------------- 11:18:36
रात्री काल------------- 12:40:29
चंद्रास्त-----------------18:23:03
चंद्रोदय---------------- 31:13:01
लग्न---- कुम्भ 6°57' , 306°57'
सूर्य नक्षत्र-------------- शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र---------------- धनिष्ठा
नक्षत्र पाया----------------- ताम्र
पद, चरण
गे---- धनिष्ठा 11:45:05,
गो---- शतभिष 17:02:03
सा---- शतभिष 22:19:58
सी---- शतभिष 27:39:00
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 06 : 29 शतभिषा , 1 गो
चन्द्र =मकर 03°:23, धनिष्ठा , 4 गे
बुध =मकर 18 °: 34' श्रवण' 3 खे
शुक्र=मीन 05 °05, उ o भा o ' 1 दू
मंगल=वृषभ 21°30 ' रोहिणी' 4 वू
गुरु=मीन 15°30 ' उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 03°53 ' धनिष्ठा ' 4 गे
राहू=(व) मेष 13°30 भरणी , 1 ली
केतु=(व) तुला 13°30 स्वाति , 3 रो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 08:19 - 09:43 अशुभ
यम घंटा 11:08 - 12:33 अशुभ
गुली काल 13:58 - 15:23 अशुभ
अभिजित 12:11 - 12:56 शुभ
दूर मुहूर्त 12:56 - 13:41 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:11 - 15:57 अशुभ
वर्ज्यम 18:06 - 19:30 अशुभ
पंचक अहोरात्र अशुभ
चोघडिया, दिन
अमृत 06:54 - 08:19 शुभ
काल 08:19 - 09:43 अशुभ
शुभ 09:43 - 11:08 शुभ
रोग 11:08 - 12:33 अशुभ
उद्वेग 12:33 - 13:58 अशुभ
चर 13:58 - 15:23 शुभ
लाभ 15:23 - 16:48 शुभ
अमृत 16:48 - 18:12 शुभ
चोघडिया, रात
चर 18:12 - 19:47 शुभ
रोग 19:47 - 21:23 अशुभ
काल 21:23 - 22:58 अशुभ
लाभ 22:58 - 24:33* शुभ
उद्वेग 24:33* - 26:08* अशुभ
शुभ 26:08* - 27:43* शुभ
अमृत 27:43* - 29:18* शुभ
चर 29:18* - 30:53* शुभ
होरा, दिन
चन्द्र 06:54 - 07:50
शनि 07:50 - 08:47
बृहस्पति 08:47 - 09:43
मंगल 09:43 - 10:40
सूर्य 10:40 - 11:37
शुक्र 11:37 - 12:33
बुध 12:33 - 13:30
चन्द्र 13:30 - 14:26
शनि 14:26 - 15:23
बृहस्पति 15:23 - 16:19
मंगल 16:19 - 17:16
सूर्य 17:16 - 18:12
होरा, रात
शुक्र 18:12 - 19:16
बुध 19:16 - 20:19
चन्द्र 20:19 - 21:23
शनि 21:23 - 22:26
बृहस्पति 22:26 - 23:29
मंगल 23:29 - 24:33
सूर्य 24:33* - 25:36
शुक्र 25:36* - 26:39
बुध 26:39* - 27:43
चन्द्र 27:43* - 28:46
शनि 28:46* - 29:50
बृहस्पति 29:50* - 30:53
उदयलग्न प्रवेशकाल
मकर > 03:48 से 05: 30 तक
कुम्भ > 05: 30 से 07:34 तक
मीन > 07:24 से 08:42 तक
मेष > 08:42 से 10:16 तक
वृषभ > 10:16 से 12:18 तक
मिथुन > 12:18 से 14:46 तक
कर्क > 14:46 से 17:50 तक
सिंह > 17:50 से 19:02 तक
कन्या > 19:02 से 22:10 तक
तुला > 22:10 से 00:34 तक
वृश्चिक > 00:34 से 01:44 तक
धनु > 01:44 से 03: 46 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 15 + 2 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
सोमवती अमावस्या
देवपितृकार्य अमावस्या
शिव खप्पर पूजन
अरुणाचल प्रदेश स्थापना दिवस
शुभ विचार
पुष्पे गन्धतिले तैलं काष्ठे वह्नि पयो घृतम् ।
इक्षौ गुडं तथा देहे पश्याऽऽत्मानं विवेकतः ।।
।। चा o नी o।।
जिस प्रकार एक फूल में खुशबु है. तील में तेल है. लकड़ी में अग्नि है. दूध में घी है. गन्ने में गुड है. उसी प्रकार यदि आप ठीक से देखते हो तो हर व्यक्ति में परमात्मा है.
सुभाषितानि
गीता -: राजविद्याराजगुह्य योग अo-09
ते तं भुक्त्वा स्वर्गलोकं विशालंक्षीणे पुण्य मर्त्यलोकं विशन्ति।,
एवं त्रयीधर्ममनुप्रपन्ना गतागतं कामकामा लभन्ते ॥,
वे उस विशाल स्वर्गलोक को भोगकर पुण्य क्षीण होने पर मृत्यु लोक को प्राप्त होते हैं।, इस प्रकार स्वर्ग के साधनरूप तीनों वेदों में कहे हुए सकामकर्म का आश्रय लेने वाले और भोगों की कामना वाले पुरुष बार-बार आवागमन को प्राप्त होते हैं, अर्थात् पुण्य के प्रभाव से स्वर्ग में जाते हैं और पुण्य क्षीण होने पर मृत्युलोक में आते हैं॥,21॥,
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