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Sports Budget 2024 : खेल बजट ने दिखाया कि अब बदल रही हैं सरकार की प्राथमिकताएं

Sports Budget 2024 : खेल बजट ने दिखाया कि अब बदल रही हैं सरकार की प्राथमिकताएं
Sports Budget 2024 News : इस साल खेल बजट के लिए 3442.32 करोड़ रुपये मुकर्रर किए गए जो पिछली बार से केवल 45.36 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले साल खेल बजट में 723.97 करोड़ और उससे पिछले साल 423.16 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। इसमें युवा मामलों का बजट भी शामिल है। इन्हीं पैसों से खिलाड़ियों की मूलभूत सुविधाओं में इज़ाफा करने से लेकर उन्हें आधुनिकतम ट्रेनिंग देने और विदेशों में ज़्यादा से ज़्यादा एक्सपोज़र दिया जाना शामिल है।

नई दिल्‍ली। Sports Budget : पिछले कुछ समय से खेल बजट में कम से कम 300 करोड़ रुपये के बढ़ने का ट्रेंड रहा है, जो इस बार टूट गया। इस बार कई क्षेत्रों में इस बजट को कम किया गया है। वह भी तब जबकि इस साल पेरिस ओलिम्पिक होने हैं और भारत टोक्यो के पिछले आयोजन में जीते सात पदकों के आंकड़े को पार करने और कम से कम दहाई तक पहुंचने के लक्ष्य को पाने में जुटा हुआ है।

एनएसडीएफ के बजट में 18 करोड़ की कटौती

ओलिम्पिक वर्ष के अवसर पर खिलाड़ियों को दिए जाने वाले आकर्षक ईनामों के बजट में तकरीबन 45 करोड़ की कमी की गई है। क्या ओलिम्पिक और पैरा ओलिम्पिक में खिलाड़ियों को ईनामी राशि अगले बजट की राशि से दी जाएगी। 

नैशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) के बजट में 18 करोड़ की कटौती हुई है। खिलाड़ियों को खेलों के उपकरणों की खरीद और खेलों के विकास में जुटी संस्थाओं को वित्तीय मदद मुहैया कराना एनएसडीएफ का मुख्य काम है। मगर सरकार की प्राथमिकता खेलो इंडिया है, जहां स्कूल और यूनिवर्सिटी स्तर पर खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने और उन्हें एक्सपोज़र देने पर ज़ोर दिया गया है।

खेलो इंडिया का बजट

वैसे पिछले साल खेलो इंडिया का बजट 1045 करोड़ रुपये था मगर इसे संशोधित करके 880 करोड़ कर दिया गया। यह राशि भी पिछले बजट की तुलना में कहीं अधिक थी। अब तो स्कूल और यूनिवर्सिटी के छात्रों के अलावा पैरा गेम्स और विंटर गेम्स के लिए भी इसके दायरे को बढ़ा दिया गया है।

सवाल यह है कि जो इन सबके दायरे में नहीं आते, उन खिलाड़ियों के लिए एनएसडीएफ एक बड़ा माध्यम हुआ करता था, जिसे अब बहुत सीमित कर दिया गया। इससे यह भी ज़ाहिर होता है कि सरकार की प्राथमिकता भविष्य के खिलाड़ी तैयार करने पर ज़्यादा टिकी हुई है।

यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के लिए कोचिंग कैम्प से लेकर सरकार की कई साइंटिफिक योजनाएं हैं। फिर बाकी के खिलाड़ियों के लिए एनएसडीएफ को सीमित किया गया है। इसमें फंड के किसी भी तरह के दुरुपयोग की सम्भावनाओं को भी खत्म करने की दिशा में यह पहला बड़ा कदम उठाया गया है।

नैशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) के बजट में दो करोड़ की कमी की गई है। अब इसके लिए कुल आठ करोड़ के बजट का प्रस्ताव है। इसके माध्यम से कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालयों में स्पोर्ट्स साइंस की दिशा में मदद की जाती थी।

विश्वविद्यालय स्तर के खेलो इंडिया पर जोर

यहां भी सरकार का ज़ोर विश्वविद्यालय स्तर के खेलो इंडिया पर है, जिसका आयोजन इसी महीने गुवाहाटी में किया जा रहा है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में खेल सुविधाओं के लिए दिए जाने वाले बजट में भी 12 करोड़ की कटौती की गई है।

वह भी तब जबकि इस राज्य से क्रिकेट में परवेज रसूल, उमरान मलिक, अब्दुल समद, स्कीइंग में गुल मुस्तफा देव, फुटबॉल में मेहराजुद्दीन और रिदमिक जिम्नास्टिक में पलक कौर जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाएं निकल रही हैं। जे एंड के एमेच्योर और प्रोफेशनल लीग से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ियों ने उम्मीदें जगाई हैं।

ओलिम्पिक वर्ष के चलते बजट रोका

लगता है कि ओलिम्पिक वर्ष को ध्यान में रखते हुए ही यहां के बजट को रोका गया है। इसके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण का बजट 795.77 करोड़ (26.83 करोड़ का इज़ाफा), खेलो इंडिया (900 करोड़ (20 करोड़ का इज़ाफा), नाडा 22.30 करोड़ (57 लाख का इज़ाफा) एनडीटीएल 22 करोड़ (2.5 करोड़ का इज़ाफा) किया गया। 

पेरिस ओलिम्पिक की मेजबानी

सरकार 2036 में होने वाले पेरिस ओलिम्पिक की मेजबानी हासिल करने की दिशा में भी अभी से जुट गई है। इसीलिए अहमदाबाद में नारायणपुरा में वह तकरीबन साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत में एक स्टेडियम के निर्माण में जुट गई है। साथ ही वाराणसी में सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को तैयार करना भी उसकी अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं का हिस्सा है।

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