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Karnal News : किसान महापंचायत में गरजे किसान..सरकार ने मांग नहीं मानी तो 17 से गन्ना की छिलाई बंद करेंगे किसान

Karnal News : किसान महापंचायत में गरजे किसान..सरकार ने मांग नहीं मानी तो 17 से गन्ना की छिलाई बंद करेंगे किसान
 मंच से यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान कर दिया कि किसान महांपचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। किसानों को जब तक गन्ना के उचित रेट नहीं मिलता, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

Haryana News Post : Karnal News : करनाल। भीषण सर्दी में गन्ना के रेट बढ़ाए जाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ग्रुप के बैनर तले नई अनाजमंडी में किसानों की प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत हुई। किसान महापंचायत में किसानों ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजाते हुए आह्वान किया कि जब तक प्रदेश सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती, तब तक किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।

हालांकि दोपहर बाद किसान प्रतिनिधियों ओर जिला प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में फैसला हुआ कि किसान प्रतिनिधि आगामी 16 जनवरी को होने गन्ना के रेट बढ़ाने को लेकर बनाई गई विधायकों की कमेटी समक्ष अपनी बातचीत रखेंगे।

जिसके बाद किसान महापंचायत समाप्त हो गई। लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि अगर सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती तो किसान 17 जनवरी के बाद गन्ना की छिलाई बंद कर मिलों में गन्ना भेजना बंद कर देंगे। यहीं नहीं फिर भी सरकार गन्ना के रेट नहीं बढ़ाती को 20 जनवरी को प्रदेश के शूगर मिलों में तालाबंदी कर देंगे।

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किसान नेता गुरनाम सिह चढूनी ने कहा 16 जनवरी को किसानों का शिष्ट मंडल सरकार द्वारा बनाई गई विधायको की गन्ने का रेट बढ़ाने वाली कमेटी से बातचीत करेगा।

16 जनवरी की मीटिंग में सरकार मांग नहीं मानती तो 17 जनवरी को गन्ने की छिलाई बन्द देंगे

ओर  20 जनवरी से हरियाणा की सभी शुगर मिल को किसान ताले लगाएंगे। डीसी अनीश यादव ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों ओर प्रशासन के बीच बातचीत हुई हैं, बातची में आने वाली 16 जनवरी को गन्ना के रेट बढ़ाने को लेकर सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के साथ किसान प्रतिनिधियों की बातचीत होगी। बातचीत के बाद विधायकों के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार के पास भेजेंगी। जिस पर सरकार फैसला लेंगी।

 

किसान महापंचायत देख प्रशासन में मचा हड़कंप, गुरनाम सिंह चढूनी को बुलाया वार्ता के लिए

 

किसानों की महापंचायत में बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनता देख जिला प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

 मंच से यूनियन प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान कर दिया कि किसान महांपचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। किसानों को जब तक गन्ना के उचित रेट नहीं मिलता, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। किसान महापंचायत के किसानों के रुख देखते हुए डीसी ने किसान प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में बुलाया, जहां पर एसडीएम, एसपी गंगा राम पूनिया, डीसी अनीश यादव, एसडीएम ओर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के बीच करीब 4 घंटे बातचीत चली।

 

किसान नेता ने कहा सरकार किसानों की मांगों को कर रही अनदेखा

 

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान गन्ना के रेट बढ़ाए जाने की मांग को लेकर लगातार सरकार के समक्ष आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं। सरकार द्वारा किसानों की गन्ना वृद्धि की मांग की अनदेखी करने के खिलाफ किसानों में किसान महांपचायत बुलाने का आह्वान किया था।

किसान महापंचायत में भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं, किसान महा पंचायत में कोई न कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीच महापंचायत में प्रशासन की तरफ से संदेश आया है कि बैठकर बातचीत से कोई रास्ता निकाला जाएगा। अब क्या बातचीत होती हैं, उसके बाद ही कुछ बताया जाएगा।

 

ये कहा कि किसान नेता गुरनाम सिंह ने

 

करनाल में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने कहा कि किसान 450 रुपए प्रति किवंटल गन्ने के रेट की मांग कर रहे है।फिलहाल हरियाणा में गन्ने का रेट 362 रुपए प्रति किवंटल हालांकि हरियाणा में किसानों की कोई भी गन्ने की राशि अभी तक  सरकार के पास बकाया नहीं है। किसानों का कहना हर बार सरकार द्वारा हरियाणा में गन्ने के रेट में बढ़ाया जाता थाइस बार गन्ने के रेट में नही हुई वृद्धि।

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में पूछे सवाल का नहीं दिया जवाब

 

किसान नेता से पूछा गया कि राहुल गांधी के साथ काफी किसान नेता यात्रा में शामिल हैं। इस पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज हम सब किसान गन्ना के रेट वृद्धि को लेकर एकत्रित हुए हैं। राहुल गांधी की यात्रा के बारे में बाद में बातचीत करेंगे। किसान नेता ने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तो किसान बड़ा आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे।

 

किसान महापंचायत को लेकर मंडी के चारों तरफ पुलिस बल तैनात

 

किसानों की किसान महापंचायत को देखते हुए नई अनाजमंडी के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। पुलिस ने महापंचायत को देखते हुए सुरक्षा को लेकर काफी बंदोबस्त किए हुए थे, प्रशासन को अंदेशा था कि कहीं किसान हाइवे की तरफ न निकल जाए। लेकिन प्रशासन ओर किसान प्रतिनिधियों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई। जिससे पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।

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