Rajasthan News: गहलोत मिशन 156 की तैयारी में जुटे

Haryana News Post : Jaipur News: राजस्थान में धीरे धीरे चुनाव सरगर्मिया (Rajasthan Election) बढ़ने लगी है। बीजेपी में जहां बैठकों का दौर जारी है वहीं मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) जनकल्याणकारी योजनाओं के सहारे फिर से सरकार वापसी की कोशिशों में जुट गये है।
एक तरफ जहां संगठन मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में जुट गया है वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ऐसे दांव खेल रहे है जो कहीं ना कहीं आम जन पर असर डालते दिख रहे है।पिछले बजट में की गई घोषणाएं जहां देशभर में मुद्दा बन गई वहीं गहलोत ने सोशल सिक्योरिटी को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है।
गहलोत का सीधा कहना है भारत सरकार को इसे लेकर जल्द संसद में कानून बनाना चाहिए। गहलोत चाहते है दुनिया की तरह हमारे देश में कर हर आदमी को सामाजिक सुरक्षा मिले।दुनिया के कई देशों में सरकारें भरण पोषण के लिए साप्ताहिक खर्चा देती है।जरूरत मंद परिवारों के भरण पोषण की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए।उनको इतनी राशि दी जानी चाहिए जिससे वह बुढ़ापे में अपना जीवन सुरक्षित गुजार सकें।
गहलोत (Ashok Gehlot) का यह दांव सरकार की वापसी कराने में अहम भूमिका निभा सकता है।इसमें कोई दो राय नही है आज देश में गरीबी ध्याड़ी मजदूर के सामने एक उम्र के बाद जीने का संकट खड़ा हो जाता है।शहरों में मजदूरी करने वालों के सामने सबसे ज्यादा संकट होता है।
Read Also: Health News : सेहत हो सकती है खराब, ना करें इन चीजों का सेवन
गहलोत की यही कोशिश है कि ऐसे लोगों के जीने के लिए केंद्र को कानून बना सम्मानजनक राशि तय करनी चाहिये।राज्य तो अलग अलग योजनाओं में मदद करते ही है केंद्र कानून बना राशि तय करेगा तो वह जरूरत मंद को मिल जाएगी।गहलोत की रणनीति राज्य में सरकार की वापसी कराने के साथ साथ केंद्र को भी दबाव में लेने की है जिससे पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में लाभ मिले।आने वाले बजट में गहलोत आम जन से जुड़ी कई ऐसी घोषणाएं कर सकते है जो सीधे कांग्रेस के लिये संजीवनी का काम करें।
गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) ने अपने पिछले बजट में चिरंजीवी योजना लागू कर ऐसा दांव खेला जिसकी चर्चा दूसरे राज्यों में भी होने लगी।इस योजना के तहत 10 लाख तक का बीमा कोई भी ले सकता है।एक तरह से कोई भी व्यक्ति 10 लाख तक कि फ्री इलाज किसी भी निजी अस्पताल में कहीं भी करा सकता है।इस योजना से हर व्यक्ति को सुरक्षा का अधिकार मिला है।
यही नही शहरी रोजगार गारंटी के तहत लाखों युवाओं को काम दिया गया।8 रुपये में भरपेट खाना देने वाली इंदिरा रसोई योजना काफी चर्चित हो चुकी है।सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 8 योजनाएं चलाई जा रही है।इसमें ओल्ड ऐज पेंशन,निष्कत पर पेंशन,एकलनारी पेंशन,सीमांत बुजुर्ग कृषक सम्मान पेंशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही है।हर वर्ग के दर्जनों कल्याणी कारी योजना चर्चा में।
मुख्य्मंत्री गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना को सबसे पहले बहाल कर कई राज्यों में बड़ा मुद्दा बना दिया। हिमाचल में कांग्रेस की वापसी में इस योजना ने अहम भूमिका निभाई।अप्रेल से 500 रुपये का सिलेंडर सरकार देगी।यह फैसला भी सरकार की वापसी में अहम रोल निभा सकता है।
Read Also: Rajasthan News: खान मार्केट गैंग के चक्कर में पड़ सचिन हो गये अकेले
गहलोत अगले महीने की दस तारीख को बजट लाने जा रहे है।सूत्रों की माने तो इसमें गहलोत कई और ऐसी घोषणाएं कर सकते है जो केंद्र की मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकते है।ओपीएस को लेकर केंद्र पहले ही दबाव में है।गहलोत राइट टू हेल्र्थ बिल के पक्ष में है।हालाँकि बीजेपी इसका विरोध कर रही है।गहलोत कहते भी है कि बीजेपी प्राइवेट सेक्टर को खुश करने के लिए विरोध कर रही होगी।हम सब को साथ ले कर काम करेंगे।
मुख्यमन्त्री गहलोत ने तो इन योजनाओं के भरोसे 156 सीटे जीतने के मिशन पर काम शुरु भी कर दिया। गहलोत (Ashok Gehlot) की यही कोशिश है कि आम जन की योजनाओं को आधार बना चुनाव में जाया जाये।इसमें कोई संदेह नही है 2019 में राजग की सरकार की वापसी में जनकल्याणकारी योजनाओं की भी प्रमुख भूमिका थी।
जैसे उज्वल्ला योजना,शौचालय,पक्की छत्त,बिजली पानी जैसे कामों के चलते बीजेपी ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी भारी जीत हांसिल की थी।अगर पूरी कांग्रेस जिसमें केंद्र भी शामिल हो ईमानदारी से गहलोत सरकार के फैसलों और योजनाओं को जनता के बीच में ले गये तो राजस्थान में समेत दूसरे राज्यों में भी पार्टी को जीत मिल सकती।कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को उन नेताओं पर लगाम लगानी होगी जो अपनी सरकार के खिलाफत में लगे है।
हमें ट्विटर और गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आपHaryanaNewsPostकेGoogle Newsपेज औरTwitterपेज से जुड़ें और फॉलो करें।