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Lucknow News: बसपा किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी : मायावती

Lucknow News: बसपा किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी : मायावती 
Lucknow News Update: उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कानून व्यवस्था ठीक करने की आड़ में जो घिनौनी राजनीति हो रही है वह किसी से छिपी नहीं है।

Haryana News Post :  Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर सवाल उठाए और मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग की।

साथ ही उन्होंने इस वर्ष कई राज्‍यों में होने वाले विधानसभा और अगले वर्ष लोकसभा चुनावों में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। मायावती ने मॉल एवेन्यू स्थित बसपा के राज्‍य मुख्यालय पर ‘जन कल्‍याण दिवस’ के रूप में मनाये जा रहे अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। 

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Lucknow News Update: उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कानून व्यवस्था ठीक करने की आड़ में जो घिनौनी राजनीति हो रही है वह किसी से छिपी नहीं है। बसपा प्रमुख ने मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त से मतपत्र से चुनाव कराये जाने के लिए पुरजोर मांग करते हुए कहा कि देश में ईवीएम के जरिये चुनाव को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं और उन्हें खत्म करने के लिए बेहतर यही होगा कि अब यहां आगे छोटे-बड़े सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों से ही कराए जाएं।

उन्होंने दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों को एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि मैं अपने जन्मदिन के मौके पर दलित, आदिवासियों, पिछड़े, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों को यह याद दिलाना जरूरी समझती हूं कि भारतीय संविधान के मूल निर्माता एवं कमजोर, उपेक्षित वर्ग के मसीहा बाबा साहब आंबेडकर ने जातिवादी व्यवस्था के शिकार अपने लोगों को स्वाभिमान व उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कानूनी अधिकार दिलाए हैं

और उन्हें आपस में भाईचारा पैदा करके केंद्र व राजनीति की सत्ता की ‘मास्टर चाबी’ अपने हाथों में लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि मायावती पहले भी ईवीएम की भूमिका को लेकर सवाल उठाती रही हैं और अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर उन्होंने एक बार फिर मतपत्र से चुनाव कराने की मांग पर जोर दिया है। 

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'एकला चलो' की वजह बसपा का खराब अनुभव

UP news: मायावती ने कहा कि बहुजन समाज के लोगों की हितैषी बसपा का मुख्य लक्ष्य धन्नासेठों से दूर रहकर एससी-एसटी, ओबीसी व मुस्लिम समाज आदि से मिलकर बने इस बहुजन समाज के लोगों में भाईचारे के गठजोड़ के बल पर चुनाव जीतकर इनके सामाजिक और आर्थिक लक्ष्य को प्राप्त करना है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि इसी सिद्धांत पर सख्ती से चलते हुए यह भी स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि 2023 में कर्नाटक, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के राज्य विधानसभा और अगले वर्ष देश के लोकसभा चुनाव में बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि अकेले अपने बलबूते पर यह सभी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह नीतिगत घोषणा करनी इसलिए भी जरूरी है क्यों कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल षड्यंत्र के तहत बसपा से गठबंधन की बात जानबूझकर फैलाकर भ्रम पैदा कर रहे हैं,

जबकि बसपा ने उत्तर प्रदेश में राज्‍य स्‍तर पर अब तक जो भी गठबंधन किया है उसमें केवल पंजाब को छोड़कर हमारी पार्टी को उत्साहजनक वोट नहीं मिला जिससे पार्टी को ज्यादा हानि हुई है। अब तक के खराब अनुभवों के कारण हमारी पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा का आम चुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला लिया है।

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