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E-Crop Device: ई-क्रॉप उपकरण से किसानों को मिट्टी से जुड़ी हर जानकारी अब एसएमएस से मिलेगी

E-Crop Device: ई-क्रॉप उपकरण से किसानों को मिट्टी से जुड़ी हर जानकारी अब एसएमएस से मिलेगी
E-Crop Device: केरल के एक वैज्ञानिक ने मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में समय-समय पर किसानों को एसएमएस के माध्यम से जानकारी देने वाला ई-क्रॉप उपकरण को तैयार किया है। अब किसान एसएमएस के माध्यम से मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी अपने फोन पर ही प्राप्त कर सकते हैं।

नई दिल्‍ली। E-Crop Device: किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है अब किसान एसएसएस के माध्यम से मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी अपने फोन पर ही प्राप्त कर सकते हैं. केरल के एक वैज्ञानिक ने मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में समय-समय पर किसानों को एसएमएस के माध्यम से जानकारी देने वाला ई-क्रॉप उपकरण को तैयार किया है. इससे किसानों को खेती में आने वाली चुनौतियों को कम करने में मदद मिलेगी।

ई-क्रॉप उपकरण क्या है

आपको बता दें, ई-क्रॉप, एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरण है, जो मिट्टी में पोषक तत्वों और पानी की आवश्यकता की गणना करता है और दैनिक आधार पर फसल के लिए सही कृषि-सलाह तैयार करके वास्तविक समय में फसल वृद्धि का अनुकरण करके किसान को जानकारी देता है।

केंद्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान (CTCRI) के वैज्ञानिक संतोष मिथरा ने इलेक्ट्रॉनिक क्रॉप (ई-क्रॉप) उपकरण को विकसित किया है, यह उपकरण ऐसे समय में क्रांति सा सकता है जब कम उपज, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी और जलवायु परिवर्तन किसानों को परेशान करने लगते हैं।

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मिथरा ने बताया कि, फसल सिमुलेशन मॉडल के आधार पर यह उपकरण खेत की मिट्टी में पानी और पोषक तत्व (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) की आवश्यकताओं के बारे में एसएमएस के रूप में समय-समय पर किसान को सलाह प्रदान करता है।

उपज बढ़ा सकते हैं किसान

यह उपकरण मिट्टी के लिए आवश्यक पोषक तत्व और उनकी सही मात्रा की भविष्यवाणी करता है. इसके अलावा, किसान भी 'कृही क्रुथ्य' ऐप के जरिए मिट्टी की नमी का डेटा रिकॉर्ड करते हैं और सर्वर पर भेज देते हैं. इस उपकरण के माध्यम से किसान कम पानी और कम पोषक तत्वों का उपयोग करके उपज को दोगुना तक बढ़ा सकते हैं।

मिथरा ने कहा, “हम ई-क्रॉप उपकरण को किसी एक खेत में स्थापित करते हैं, फिर इसमें लगे सेंसर इंटरनेट से जुड़े मॉड्यूल के जरिए बदलते मौसम का डेटा सर्वर तक पहुंचाते हैं. इससे सबसे पहले मिट्टी के पोषक सामग्री का परीक्षण होता है फिर हम डेटा को सर्वर पर फीड कर देते हैं।

फसल सिमुलेशन मॉडल पर अध्ययन

केंद्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान (CTCRI) के प्रमुख वैज्ञानिक मिथरा ने टीएनआईई की टीम को बताया कि, "मैं लगभग एक दशक से फसल सिमुलेशन मॉडल का अध्ययन कर रहा हूं, हमने इस डिवाइस को 2014 में विकसित किया था और इसका परीक्षण कर रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि, पेटेंट डिवाइस को आधिकारिक मंजूरी दे गई है.” मिथरा ने कहा कि, “हमने इस डेटा को गणितीय समीकरण में परिवर्तित करके एक सॉफ्टवेयर संकलित किया है. जिससे हम वैज्ञानिक रूप से फसल के मौसम की पूरी मौसम स्थिति की भविष्यवाणी कर सकते हैं।''

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