E Kisan Upaj Nidhi: अब गोदाम में रखे अनाज पर भी मिलेगा लोन, चुनाव से पहले किसानों को सरकार ने दिया तोहफा

नई दिल्ली, E Kisan Upaj Nidhi: मोदी सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना की शुरुआत करने का ऐलान किया है. योजना के तहत किसानों को अब गोदाम में रखे अनाज पर भी लोन मिलेगा. ये लोन वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा दिया जाएगा।
रजिस्टिर्ड गोदामों में रखना होगा उत्पाद
किसानों को सिर्फ रजिस्टिर्ड गोदामों में अपने उत्पाद रखने होंगे. जिसके आधार पर उन्हें लोन दिया जाएगा. यह लोन सात प्रतिशत की ब्याज दर पर बिना किसी चीज को गिरवी रखे मिलेगा. सोमवार (4 मार्च, 2024) को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, पीयूष गोयल ने दिल्ली में डब्ल्यूडीआरए के ई-किसान उपज निधि (डिजिटल गेटवे) की शुरुआत करने के मौके ये जानकारी दी।
ई किसान उपज निधि क्या है
इस डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से किसानों को बैंक के साथ संबंध बनाने का विकल्प भी उपलब्ध होगा. वर्तमान में डब्ल्यूडीआरए के पास देश भर में लगभग 5,500 रजिस्टर्ड गोदाम हैं. गोयल ने कि भंडारण के लिए अब सुरक्षा जमा शुल्क कम हो जाएगा. इन गोदामों में किसानों को पहले अपनी उपज का 3 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि देनी पड़ती थी, पर अब केवल 1 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि देनी होगी।
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए गोदामों का उपयोग करने और उनकी आय में वृद्धि के लिए यह निर्णय लिया गया है।
एक लाख गोदाम रजिस्टर्ड होंगे
ई-किसान उपज निधि प्लेटफॉर्म के बारे में विस्तार से बताते हुए गोयल ने कहा कि अपनी सरलीकृत डिजिटल प्रक्रिया के साथ यह पहल किसानों के लिए किसी भी रजिस्टर्ड डब्ल्यूडीआरए गोदाम में 6 महीने की अवधि के लिए 7 प्रतिशत प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर भंडारण की प्रक्रिया को आसान बना सकती है।
उन्होंने गोदाम रजिस्ट्रेशन के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करने की डब्ल्यूडीआरए पहल की सराहना की, जिसमें साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है. इस पोर्टल पर 1 लाख गोदामों को रजिस्टर्ड करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 1500 गोदाम रजिस्टर्ड किए गए थे।
भंडारण की सुविधा मिलेगी
गोयल ने कहा कि ई-किसान उपज निधि किसानों को संकट के समय में उनकी प्रोडक्ट्स की कम मूल्य पर बेचने से बचाएगी. ई-किसान उपज निधि और टेक्नोलॉजी से किसानों को उपज की भंडारण की सुविधा मिलेगी. किसानों को उनकी प्रोडक्ट्स के लिए सही मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर 2047 तक भारत को 'विकसित भारत' बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
खरीद 2.5 गुना बढ़ी
गोयल ने कहा कि पिछले एक दशक में एमएसपी के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है. विश्व की सबसे बड़ी सहकारी खाद्यान्न भंडारण योजना के बारे में बोलते हुए मंत्री ने डब्ल्यूडीआरए से सहकारी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गोदामों का फ्री रजिस्ट्रेशन करने के एक प्रस्ताव की योजना बनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र के गोदामों को सहायता देने की पहल से किसानों को डब्ल्यूडीआरए गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने के लिए बढ़ावा मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी फसल बेचने पर उचित मूल्य मिल सकेगा।
किसानों को होगा फायदा
गोयल ने कहा कि हमारे प्रयास में डिजिटल गेटवे पहल खेती को आकर्षक बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है. बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे ई-किसान उपज निधि किसानों द्वारा संकट के समय में उनकी उपज बिक्री को रोक सकती है. अक्सर किसानों को अपनी पूरी फसल को सस्ती दरों पर बेचना पड़ता है।
फसल नहीं होगी खराब
क्योंकि उन्हें फसल के बाद भंडारण की अच्छी रखरखाव सुविधाएं नहीं मिलती हैं.गोयल ने कहा कि डब्लूडीआरए के अंतर्गत गोदामों की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है, इनकी स्थिति बहुत अच्छी है और ये बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हैं, जो कृषि उपज को अच्छी हालत में रखते हैं तथा खराब नहीं होने देते और इस तरह ये किसानों के कल्याण को बढ़ावा देते हैं।
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