Advisory for Farmers: हरियाणा सरकार ने जारी की एडवाइजरी, किसान फरवरी में इनकी बुआई करें

चंडीगढ़, Advisory for Farmers : खेती-बाड़ी के लिए फरवरी का महीना बहुत खास है. क्योंकि इस महीने रबी सीजन की फसलें पकनी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में किसानों को अपनी फसलों का खास ध्यान रखना होता है, ताकि फसल के उत्पादन पर कोई असर न पड़े है. इसको ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी है. इसके मुताबिक, इस माह में किए जाने प्रमुख कृषि कार्यों पर जानकारी दी गई है। जानते हैं ये क्या हैं।
गन्ना के लिए क्या करें
मोढ़ी फसल में अगर अच्छी फूट आ गई हो तो फरवरी माह में पहली जुताई-गुड़ाई के समय 30 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन (66 किलोग्राम यूरिया) प्रति एकड़ डालें. अगर जमीन में प्राप्य फास्फोरस कम है और बीजी फसल में फास्फोरस की कमी दिखाई दे तो नाइट्रोजन उर्वरक के साथ 20 किलोग्राम शुद्ध फास्फोरस (125 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट या 44 किलोग्राम डी. ए.पी. या टी.एस.पी.) भी जरूर डालें.
ऐसे करें सिंचाई
हरियाणा सरकार, कृषि और किसान कल्याण विभाग के मुताबिक, बरसीम, रिजका और जई की फसलों में जरूरत के अनुसार सिंचाई करें और सही अवस्था पर चारे की कटाई करते रहें. चारे की कटाई ओस सूखने के बाद करें. फालतू बरसीम और रिजका की 'हे' और जई की 'साइलेज' बना लें. अपने ट्यूबवैल के पानी की जांच करवाएं और भूमि खराब होने से बचाएं।
हाथी घास के लिए ये करें
नई बीजने वाली फसलों में, खेत की तैयारी करके उसमें प्रति एकड़ लगभग 20 गाड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाकर डालें। हाथी घास को नेपियर हाइब्रिड घास (Nepiyar Grass) भी कहा जाता है। भारत में यह घास 1912 के आसपास पहुंची थी, जब तमिलनाडु के कोयम्बटूर में नेपियर हाइब्रिड घास उत्पन्न हुई. दिल्ली में इसे 1962 में पहली बार तैयार किया गया. इसकी पहली हाइब्रिड किस्म को पूसा जियंत नेपियर नाम दिया गया।
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