Jute MSP: लोकसभा चुनाव से पहले जूट किसानों को तोहफा, मोदी सरकार ने बढ़ाई एमएसपी

नई दिल्ली, Jute MSP 2024 : सरकार की मानें तो पिछले 10 वर्षों में कच्चे जूट की एमएसपी में 122 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. किसान आंदोलन के बीच जूट उगाने वाले किसानों के लिए यह तोहफा बहुत अहम माना जा रहा है. पिछले महीने ही सरकार ने गन्ना किसानों के लिए भी बड़ा ऐलान किया था. सरकार ने गन्ने की एफआरपी में वृद्धि की थी. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार लगातार किसानों के लिए बड़े ऐलान कर रही है।
जूट की एमएसपी
लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार हर वर्ग का साधने में जुटी हुई है. खासकर किसानों के हित में मोदी सरकार ने हाल ही में कई बड़े फैसले लिए हैं. इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार ने किसानों को एक और खुशखबरी दी है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार ने बड़ा ऐलान किया है।
ऐसे हुई वृद्धि
केंद्र सरकार ने यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर लिया है. सरकार ने बताया कि 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए एमएसपी में पिछले सीजन की तुलना में 285 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है. पिछले 10 वर्षों के दौरान, सरकार ने 122 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कच्चे जूट के लिए एमएसपी को 2014-15 में 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
सरकार की कोशिश है कि किसानों को हर साल एमएसपी में वृद्धि करके उनको फायदा हो. बता दें कि इस समय किसानों की एमएसपी गारंटी पर बहस चल रही है और सरकार बताने की कोशिश कर रही है कि इससे किसानों को सीधा लाभ हो रहा है।
500 करोड़ से ज्यादा का भुगतान
वर्तमान सीजन 2023-24 में, सरकार ने 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है. एक गांठ में 180 किलो जूट होता है. दावा है कि इससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है. भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन संबंधी कार्यों का संचालन करने के लिए केन्द्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में काम करता रहेगा. ऐसे कार्यों में अगर नुकसान होता है तो उसकी प्रतिपूर्ति पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
कितनी हुई जूट की एसएसपी
सरकार ने कच्चे जूट (टीडीएन-3, पहले के टीडी-5 वर्ग के समान) का एमएसपी 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. इससे उत्पादन की सम्पूर्ण भारतीय भारित औसत लागत पर 64.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा. 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट की घोषित एमएसपी सरकार द्वारा बजट 2018-19 में घोषित उत्पादन की सम्पूर्ण भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुसार है।
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